सिरदर्द क्या होता है? (What is Headache)
हमारे शरीर के सिर के हिस्से में होने वाले दर्द को सिरदर्द(Headache) कहा जाता है सिरदर्द सिर के किसी भी हिस्से में हो सकता हैं सिर में होने वाला दर्द सिर के पूरे हिस्से में भी हो सकता है और सिर के किसी एक हिस्से में भी। कभी-कभी यह दर्द आधे सिर में भी होता है। यह दर्द धीरे-धीरे भी हो सकता है और कभी यह तेज भी हो सकता है। सिरदर्द मुख्यरूप से दो तरह का होता है पहला प्राथमिक दर्द और दूसरा माध्यमिक सिरदर्द।
प्राथमिक सिरदर्द(Primary headache)-
इस तरह का दर्द वास्तविकता में अपने आप होजे वाला दर्द होता है। जोकि हमारे सिर में मौजूद दर्द-संवेदी सरंचनाओं की अति-क्रियाशीलता या फिर उनमें उत्पन्न होने वाली समस्याओं के कारण होता है। जिसके अंदर रक्त वाहिकाएं, मांशपेशियां, सिर और गर्दन की नसें भी शामिल होती है। टेंशन से होने वाला दर्द, क्लस्टर सिरदर्द और माइग्रेन सिरदर्द प्राथमिक सिरदर्द की श्रेणी में आते है।
किसी बात को लेकर लगातार सोचते रहना या फिर किसी बात की चिंता में खोए रहने से भी सिर दर्द होता है। ऐसे दर्द को ही तनाव से होने वाला दर्द कहते है। तनाव से होने वाला दर्द कभी कम अवधि के लिए भी हो सकता सकता है और कभी लंबे समय तक भी रह सकता है।
2.माइग्रेन सिरदर्द(migraine headache)-
माइग्रेन सिरदर्द सबसे ज्यादा होने वाला सिरदर्द है। विश्व स्वाथ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट के अनुसार माइग्रेन से पीड़ित रोगियों की संख्या विश्व मे सबसे ज्यादा है। माइग्रेन का दर्द 2 घंटे से लेकर 3 दिन तक भी रह सकता है।
3.क्लस्टर सिरदर्द(cluster headache)-
सामान्यतः रूप से क्लस्टर सिरदर्द 15 मिनट से लेकर 3 घंटे तक रह सकता है। ऐसा दर्द एक दम से उठता है और दिन में एक बार से लेकर 8 बार तक हो सकता है। या कुछ सप्ताह या महीनों तक भी रह सकता है।
माध्यमिक दर्द(Secondary pain)-
इस सिरदर्द के लक्षण आपको तब दिखाई देंगे जब सिर के अंदर मौजूद संवदेनशील नसों को किसी और कारक के द्वारा उतेजित किया जाता है। अलग-अलग कारकों की एक विस्तृत श्रृंखला माध्यमिक सिरदर्द के लिए जिम्मेदार होती है। ब्रेन ट्यूमर, रात में दांत पीसना, दर्द-निवारक दवाओं का ज्यादा इस्तेमाल, शराब से होने वाला हैंगओवर, और स्ट्रोक जैसे दर्द शामिल है। आइए जानते है माध्यमिक सिरदर्द के प्रकार के बारे में।
1.रिबाउंड सिरदर्द(Rebound headache)-
इस तरह का सिरदर्द ऐसी दवाईयों के अत्यधिक प्रयोग से होता है जो सिरदर्द के लिए ली जाती है। सामान्यतः यह दर्द दिन भर बना रहता है। कई बार दर्द निवारक दवाईयों से इसमे आराम मिल जाता है लेकिन जैसे ही दवा का असर खत्म होता है यह दर्द फिर शुरू हो जाते है।
2.थंडरक्लेप सिरदर्द(Thunderclap headache)-
यह सिरदर्द एक गम्भीर दर्द की श्रेणी में आता है। यह सिरदर्द शुरू होने के कुछ मिनटों के भीतर ही अपनी चरम सीमा तक पहुँच जाता है। लेकिन इस दर्द से किसी तरह का खतरा होने की संभावना कम होती है।
3.साइनस सिरदर्द(Sinus headache)-
इस तरह के सिरदर्द में साइनस में सूजन और संक्रमण होने के कारण माथे, आँखो के पीछे और चेहरे पर दबाव और सूजन महसूस की जा सकती है।
4.कैफीन सिरदर्द(Caffeine Headache)-
अगर कैफीन का उपयोग आप काफी समय से छोड़ चुके है तो यह सिरदर्द उसी वजह से हो सकता है।
5.सेविकोगेनिक सिरदर्द(Cervicogenic Headache)-
इस दर्द का सीधा संबंध मांशपेशियों में ऐंठन और जकड़न से है और दर्द इसी वजह से फैलता है। इस दर्द की शुरुआत गर्दन से होती है और यह डिस्क रोग से जुड़ा हो सकता है।
यह सिरदर्द स्पाइनल टेप प्रक्रिया से शुरु होता है। इसमे तरल पदार्थ रीढ़ की हड्डी के कॉलम से रिस सकता है जिसके बाद खड़े होने पर आपको काफी ज्यादा सिरदर्द हो सकता है।
7.एलर्जी सिरदर्द(Allergic headache)-
यह दर्द साइनस दर्द की तरह होता है। जब पर्यावरण में मौजूद एलर्जी पैदा करने वाले तत्व हमारी नासिका मार्ग में और साइनस ऊतक में जलन पैदा कर देते है तो यह भी सिरदर्द का एक कारण बनता है।
सिरदर्द होने के लक्षण (Symptoms of headache)
सिरदर्द होने पर तुरंत चिकित्सा सहायता की आवश्यकता नही पड़ती। कई बार हमे हल्का दर्द महसूस होता है या फिर भौहों से ऊपर सिर के दोनों हिस्सो में दर्द या दबाव भी महसूस हो सकता है कई बार सिरदर्द होने का पैटर्न वही रहता है और जो सिरदर्द की दिक्कत से परेशान होते है वो इसे समझ जाते है। फिर भी कुछ सिरदर्द के लक्षणों के बारे में जानते है।
इस दर्द में सिर के दोनों हिस्सो में दबाव महसूस होता है और हल्का या मध्यम सिरदर्द महसूस हो सकता है। यह दर्द गर्दन और सिर के पिछले हिस्सो से चारो और फैल सकता है।
2.माइग्रेन सिरदर्द(Migraine headache)-
यह सिरदर्द सिर के एकतरफ शुरू होता है और यह माध्यम से तीव्र दर्द होता है।
3.क्लस्टर सिरदर्द(Cluster headache)-
यह दर्द बहुत तीव्र होता है और सिर की एक तरफ स्थित आंख या कान के समीप होता है। आंख का लाल होना या उसमें से पानी निकलना, पलक का सुखना या सूजन भी इस दर्द के लक्षण है।
4.रिबाउंड सिरदर्द(Rebound headache)-
इस तरह के दर्द में आपको गर्दन में दर्द, बेचैनी, नींद में कमी और नाक का बन्द होना, जैसे शिकायत हो सकती है। इस दर्द के लक्षण हर बार अलग-अलग हो सकते है।
5.थंडरक्लेप सिरदर्द(Thunderclap headache)-
जिन लोगो को एकदम से तीव्र दर्द उठता है और गंभीर सिरदर्द की दिक्कत रहती है तो
उन्हें चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।
सिरदर्द के कारण (Reason to headache)
कई बार सिरदर्द सिर के किसी भी हिस्से में लगी चोट के कारण भी होता है और कई बार जब हमारे सिर में मौजूद दर्द-संवेदी ढांचों में दबाव, ऐंठन और जलन महसूस होती है तो भी सिरदर्द होता है। हर व्यक्ति को होने वाला दर्द अलग-अलग हो सकता है।
1.प्राथमिक सिरदर्द के कारण(Due to primary headache)-
यह दर्द सिर में मौजूद दर्द-संवेदी ढांचों में समस्या के कारण होता है यह दर्द मस्तिष्क में रासायनिक क्रियाओं में बदलाव के कारण भी होता है।
2.माध्यमिक सिरदर्द के कारण(Causes of Secondary Headache)-
इस तरह के सिरदर्द किसी अन्य कारक की वजह से होता है। जैसेकि
- ब्रेन ट्यूमर
- खून का थक्का जमना
- शराब के सेवन से हैंगओवर
- बुखार
- काला मोतियाबिंद
- इन्फ्लूएंजा
- शरीर मे पानी की कमी
- मस्तिष्क या उसके आस पास खून का रिसाव
- दौरे आना
- तनाव होना
- मासिक धर्म के पहले और बाद में
- थकावट
- भूख लगने के कारण
सिरदर्द से कैसे करे बचाव (Precautions of headache)
अगर आपको सिरदर्द की शिकायत रहती है तो ऐसी वजह जानने की कोशिश करे जिनसे आपको दर्द की शिकायत होती है।
- शराब– शराब का सेवन बिल्कुल ना करे लेकिन अगर आप सेवन करना चाहते है तो केवल सीमित मात्रा में ही करे।
- निकोटिन– तंबाकू युक्त पदार्थों से दूरी बना कर रखे।
- नियमित रूप से भोजन– कभी भी भोजन नॉय छोड़िये और नियमित रूप से इसका सेवन करना चाहिए।
- कैफीन का कम उपयोग– अगर आप कैफीन ज्यादा मात्रा में लेते है तो इसे कम कीजिये क्योंकि यह भी सिरदर्द का एक कारण होता है।
- तनाव कम करें– सिरदर्द होने की एक मुख्य वजह तनाव भी है। इसलिए जितना हो सके तनाव से दूरी बना कर रखे। इसके लिए आप योग, ध्यान, व्यायाम और परिवार के साथ खुशियों के पल बिता कर सकते है।
सिरदर्द के लिए दवा (Medicine)
कई बार सिरदर्द बिना दवा के ठीक हो जाता है लेकिन अगर सिरदर्द अपने-आप खत्म नही होता है और आप दवाई लेने के लिए मजबूर है तो आइए जानते है ऐसी कुछ दवाईयों के बारे में।
- डियोलॉफ 500 mg टेबलेट (Diolof)
- नोरट्रिप्टीलिन (Nortriptylin)
- टोपिसयोर 50 mg टेबलेट (Topisyor)
- टोपिरामेट (Topiramet)
कुछ और मेडिसिन की जानकारिया आपकी दैनिक दिनचर्या के लिए जो आपकी लाइफ को आसान बनाएगी
- Vitamin D in hindi complete guide:विटामिन डी सम्पूर्ण जानकारी
- Crocin in Hindi |क्रोसिन टेबलेट के फायदे,नुकसान,कुछ विशेष बातें
- V Wash in hindi वी वाश क्या होता है ?उसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी
- Pregnancy diet chart(गर्भावस्था आहार चार्ट) के बारे में पूरी जानकारी
- Blood pressure tablet in hindi guide:ब्लड प्रेशर टेबलेट इन हिंदी