गाउट रोग क्या हैं( What is Gout disease in hindi )
एकदम से जोड़ों में दर्द होना या पैरों के अंगूठे के जोड़ में दर्द होना या फिर जोड़ों में कोमलता और लालिमा के बीच तेज दर्द होना गाउट रोग(Gout disease in hindi) होने की शिकायत हो सकती हैं। चिकित्सय विशेषज्ञों के अनुसार गाउट एक तरीके से गठिया बीमारी का जटिल रूप होता हैं, ये रोग किसी को भी हो सकता हैं लेकिन महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ये रोग होने के ज्यादा अवसर होते हैं पर ऐसा नहीं हैं कि महिलाओं को ये रोग नहीं हो सकता बल्कि जो महिलाएं रजोनिवृत्ति को पार कर लेती हैं उन्हें भी ये बीमारी अपनी चपेट में ले सकती हैं।
इस बीमारी में होने वाला दर्द अचानक से हो सकता हैं, ज्यादातर मामलों में ये देखा जाता हैं कि जब इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति मध्यरात्रि में उठता हैं तो उसे अपने अंगूठे में गर्मी सी महसूस होने लगती हैं। इसके अलावा इस बीमारी में जोड़ों में दर्द हो सकता हैं और सूजन भी आ जाती हैं, पर ऐसा नहीं हैं कि इस बीमारी का इलाज नहीं हैं। इस बीमारी का इलाज करवाकर आप इसके दुबारा होने के अवसर को कम कर सकते हैं।
गाउट के लक्षण (Symptoms of Gout disease in hindi)
इस बीमारी के लक्षण समझने से पहले हमें ये समझना होगा कि ये बीमारी मुख्यतः हड्डियों के किसी भी जोड़ को प्रभावित कर सकता हैं पर इस बीमारी के अधिकतर मामलों में यह देखा गया हैं कि ये बीमारी टखनों, हाथ की उंगलियों, घुटनों या पैर की उंगलियों को ज्यादा प्रभावित करती हैं। इसके अलावा इस बीमारी के क्या लक्षण होते हैं आइये वो जानते हैं।
- जोड़ों में अत्यधिक दर्द- जब किसी व्यक्ति के एक या उससे अधिक जोड़ो में तीव्र दर्द हो रहा हो और वो भी जब आपको किसी तरह की चोट ना लगी हो तो ये गाउट का दर्द हो सकता हैं।
- जोड़ों के आसपास सूजन आना- इस बीमारी में जिन जोड़ों में दर्द हो रहा हो तो उसके आसपास सूजन आने लग जाती हैं।
- जोड़ों में जलन होना- गाउट का एक और लक्षण ये हैं कि इससे आपको जोड़ों में किसी तरह की जलन महसूस होने लगेगी या आपके जोड़े नरम भी प्रतीत हो सकते हैं।
- हल्की चीज का स्पर्श असहनीय- इस बीमारी में व्यक्ति को जिस हिस्से में दर्द हो तो अगर ऐसे में कुछ हल्की चीज भी उस पर लग जाए तो भयंकर दर्द हो सकता हैं।
- रात के समय तेज दर्द- इस बीमारी में रात के समय पैर की बड़ी उंगली से तेज दर्द शुरू होता हैं, इस बीमारी में लक्षण कुछ घंटों में ही दिखने लगे जाते हैं और इसका इलाज ना करवाने पर ये गंभीर रूप भी ले सकते हैं।
- त्वचा का लाल होना या उतरने लगना- इस बीमारी का एक और मुख्य लक्षण ये हैं कि जिस हिस्से में दर्द हो रहा होता हैं वहा की खाल या तो लाल होने लगती हैं या चमकदार भी हो सकती हैं और इसके अलावा खाल उतरने भी लग जाती हैं।
- अन्य हिस्सों में भी हो सकता हैं- पैरों की उंगलियों के अलावा ये शरीर के अन्य जोड़ जैसेकि पैरों के जोड़, टखने, कलाई, कोहनी, उंगलियां या घुटने में भी हो सकता हैं।
इन सबके अलावा इस बीमारी के कुछ दुर्लभ मामलों में ये कंधे, कूल्हे या रीढ़ की हड्डी में भी हो सकता हैं।
गाउट होने के कारण (Causes of Gout)
जब खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती हैं और जब ऊतकों में यूरिक क्रिस्टल एसिड बनने लग जाती हैं तो ये गाउट बीमारी होने का कारण बनती हैं। जब हड्डियों के जोड़ में यूरिक एसिड के क्रिस्टल जमा होने लग जाते हैं तो इससे जलन, सूजन, लाल निशान पड़ना या दर्द होने लग जाता हैं। हमारें शरीर में मौजूद प्रोटीन के टूटने से यूरिक एसिड हमारें शरीर मे बनने लग जाता हैं, आइये गाउट होने के मुख्य कारणों के बारें में जानते हैं।
- अधिक वजन- जिस व्यक्ति का वजन ज्यादा होता हैं तो उन्हें ये बीमारी होने का खतरा रहता हैं।
- अनुवांशिक कारण- अगर परिवार में किसी को पहले से ये बीमारी हैं तो घर के बाकी सदस्यों को ये बीमारी होने का खतरा हो सकता हैं।
- गुर्दे की कार्य क्षमता में कमी- अगर किसी व्यक्ति के गुर्दों की कार्य क्षमता में कमी आने लग जाती हैं तो उसे गाउट की बीमारी हो सकती हैं।
- डियूरिटिक्स दवा का इस्तेमाल- अगर कोई व्यक्ति डियूरिटिक्स दवाई का इस्तेमाल करता हैं तो भी उसे गाउट हो सकता हैं।
- भूखे रहने पर- जो व्यक्ति अधिकांश समय भूखे रहते हैं या पूर्ण आहार नहीं लेते हैं तो गाउट की बीमारी हो सकती हैं।
- शराब का सेवन- अगर कोई शराब का सेवन करता हैं तो उसे ये बीमारी होने का खतरा ज्यादा रहता हैं।
- कीमोथेरेपी- वैसे तो कीमोथेरेपी कैंसर के इलाज के लिए की जाती हैं लेकिन इसके द्वारा जो कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं तो वो शरीर में यूरिक एसिड बनाने लग जाती हैं जिससे गाउट की बीमारी हो सकती हैं।
गाउट से बचाव (Prevention from Gout disease in hindi)
अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव लाकर हम इस बीमारी को होने से रोक सकते हैं आइये आप किस तरह इस बीमारी से अपना बचाव कर सकते हैं।
- इसके लिए आपको ऐसे पदार्थो का सेवन छोड़ना होगा जो शरीर मे यूरिक एसिड बढ़ाते हैं इन पदार्थों में बांसी भोजन, लाल मीट (Red Meat), समुद्री भोजन, खमीर युक्त खाद्य पदार्थ और तेल के द्वारा निर्मित मछली इत्यादि।
- अपने शरीर के वजन को नियंत्रित रखिए, इसके लिए आप संतुलित आहार-शैली अपना सकते हैं।
- इस बीमारी से बचने के लिए व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल कीजिए।
- शरीर में पानी की कमी ना होने दे, इसके लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिये और ऐसा करने से जोड़ों में क्रिस्टल बनने का खतरा कम रहता हैं।
- शराब के सेवन से बचिए, अगर आप शराब का सेवन करते हैं तो इसे छोड़ दीजिए क्योंकि शराब से शरीर मे गाउट की बीमारी होती हैं।
- ऐसे पेय पदार्थ और खाद्य पदार्थों से दूरी बना कर रखें जिनमें शक्कर होती हैं क्योंकि ये भी गाउट को होने का बुलावा देते हैं।