Cervical Cancer in Hindi : सर्वाइकल कैंसर क्या है? जानिये इसके लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

सर्वाइकल कैंसर की जानकारी: Cervical cancer information in hindi

  • इस बीमारी के बारे में यह कहा जाता है की विश्व भर की सारी महिलाओं में से क़रीब दस, सर्वाइकल कैंसर की मरीज़ हैं। अगर हम रिपोर्ट्स पर नज़र डालें, तो हमें यह बात समझ आएगी, कि ज़्यादातर महिलाएँ सर्वाइकल कैन्सर की जाँच  और निरीक्षण, में काफ़ी सावधानी 
  • इस कैन्सर के लक्षण दिखते ही, बिलकुल भी नज़रंदाज़ नही करना चाहिए, और होते ही जितनी जल्दी हो सके, उसका उपचार करवाना चाहिए।
  • जहाँ से गर्भ बनता हैं, उसके अहम दरवाज़े को ‘सेरविक्स’ कहा जाता है। जब सेरविक्स की कोशिकाओं की अनियमित बढ़ोतरी होती है, तो उसे सेरवाइकल कैन्सर कहा जाता है।
  • यह कैन्सर, सेरविक्स में एक वायरस होता है, जिसका नाम होता है ‘ह्यूमन पेपिलोम वायरस’ (HPV)। आज अगर देखा जय, तो पूरी दुनिया में, दस में से एक औरत, इस प्रकार के कैन्सर की मरीज़ होती है। वह तो रोग और उपचार के बारे में कम जानकारी होने के कारण, भारत में यह रोग, औरतों के लिए  एक ख़तरनाक बीमारी बनती जा रही है।
  • जब महिला की उम्र काम होती है, तब से ही अगर वो सेक्शूअल गतिविधियों में शामिल हो जाए, तो उस वजह से भी  सर्वाइकल कैन्सर हो सकता है।
  • जब निजी भाग में साफ़-सफ़ाई भी ना बनायी रखी हो, या फिर कई बार प्रेगनंट होने पर भी, इस बीमारी होने का भय भी बढ़ जाता है।
  • यह बीमारी हेरेडिटेरी या आनुवंशिक हो सकती है।

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सर्वाइकल कैंसर के लक्षण : Symptoms of cervical cancer in hindi

इस बीमारी के लक्षण नीचे दी गयी सूची में हैं। इस सूची को ध्यान से देखें। यह रही वो सूची: Cervical Cancer in Hindi

  • इस कैंसर की शुरुआती पड़ाव वाली सेहत की हालत को ‘डिसप्लेसिया’ कहा जाता है। अगर आप इस स्थिति में कम ध्यान देन, तो यह आराम से कांकेर में तब्दील हो सकती है। उस स्थिति में इसे, ‘कर्सिनोमा‘ कहा जाता है।
  • जब यह बीमारी शुरुआती पड़ाव मेन पहुँचता है, तो इसकी पहचान नही हो पती है, मगर फिर भी कूच ऐसी शारीरिक हलचलें होती हैं, जिनके द्वारा आप इसको आसानी से पहचान सकते हैं।
  • योनि से ख़ून का असाधारण तरीक़े से बहना।
  • सेक्स या फिर तमपन घुसाते समय ख़ून का बहाव होना।
  •  यौन संबंध बनाने के समय दर्द का अनुभव होना।
  • योनी से ख़ून में मिला हुआ अनियिमित डिस्चार्ज।
  • कमर में दर्द होना।
  • पैर दर्द अनुभव होना।
  • थकान महसूस होना।
  • वजन में कमी महसूस होना।
  • भूख कम लगना या न लगना।
  • यदि आप शारीरिक यौन सम्बंध बनाएँ, तो उसके बाद ब्लीडिंग शुरू होना या फिर काफ़ी तेज़ दर्द होता है। 
  • एक और इसका गम्भीर लक्षण है, कि जब भी मासिक धर्म बंद हो जाए, तो उसके बाद भी इस निमारी में ख़ून, लगातार बहते रहता है।
  •  रोगी महिला को पेशाब करते समय, एक बहुत तेज़ दर्द या पीड़ा का एहसास होना।
  •  वैसे हम यह बात जनते ही हैं, कि मासिक धर्म होने पर, पेट के निचले हिस्से में दर्द होता ही है। मगर इस बीमारी में, मासिक धर्म बंद होने के बाद भी, इस दर्द का अनुभव जारी रहता है। ऐसी स्थिति अगर आप महसूस करें, तो आप तुरंत ही अपने चिकित्सक से परामर्श लें।

सर्वाइकल कैंसर का इलाज या उपचार: Treatment of cervical cancer in hindi

बाकी केन्सर  के प्रकारों की तरह, इस प्रकार को भी यदि  शुरुआती दौर मे ही पता चल जाए, तो इसका इलाज सम्भव होता है। आइए बात करते हैं, इसके इलाज के कुछ बिंदुओं की बात करते हैं:


1- इस मामले में, महिलाओं को एक नियमित तरीक़े से अपनी जांच या निरीक्षण  करवाते रहना चाहिए।
2- एक उम्र के बाद, हर तीन साल मेन एक बार, ‘पैप स्मीयर टेस्ट’ करवाना चाहिए।

3- इन सब के अलावा अगर HPV वाइरस से बचने के लिए, ऐसे कूच आवश्यक टीके भी लगवाने चाहिए।
4- इन सब के साथ, आपको इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि आप ऐसी चीज़ें ना करें, जिससे आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएँ। इसके लिए आप धूम्रपान ना करें, और हल्दी का सेवन करें। आप अच्छा व्यायाम भी करें।

सर्वाइकल कैंसर का खतरा कब ज़्यादा होता है? : When is the risk of cervical cancer high?

  • यह बीमारी उन महिलाओं मे ज़्यादा होने की सम्भावनाएँ दिखती हैं, जिनकी कम उम्र मेन शादी हो जाती है।
  • यह उन महिलाओं मे होने की ज़्यादा सम्भावना दिखती है, जिनकी उम्र चालीस से ज़्यादा  होती है।
  • यह उन महिलाओं में होने का ज़्यादा चांस होता है, जिन्होंने ज़्यादा बार गर्भ धारण कर लिया है।
  • जो महिलाएँ, एक से ज़्यादा लोगों से यौन संबंद रखती हैं, उनको यह बीमारी होने की बहुत ज़्यादा सम्भावना हो सकती है।
  • यह उन महिलाओं में भी होने की ज़्यादा सम्भावना होती है, ज़हाँ मां या बहन को कोख से जुड़ी, कोई भी दिक्कत होती है।

सर्वाइकल कैंसर के बचाव के लिए सावधानियां: Precautions for cervical cancer prevention

  • बहुत बार गर्भवती होने से बचें।
  • अगर आपसे सम्भव हो, तो प्रकृतिक तरीक़े से सुरक्षित यौन सम्बंध बनना ही आपको यह बीमारी से दूर रखेगा।

सर्वाइकल कैंसर से ऐसे करें बचाव

  • जब तक किशोरियाँ नौ से लेकर अत्ठारह साल तक होती हैं, तो उन्हें HPV का टीका अवश्य लगवाएँ।
  • यानि मासिक धर्म की कोई नई दिक्कत पैदा होती है, तो तुरंत ही अपने चिकित्सक तो ज़रूर सम्पर्क करें और उनके दिए निर्देशों का पालन करें।
  • इस बीमारी के कोई भी लक्षण आपको दिखे, तो बिना देरी किए, तुरंत ही अपने चिकित्सक या विशेषज्ञ को दिखाएँ।
  • अगर आपकी कोख का दर्द लगातार बना हुआ है, तो इसे बिलकुल भी नज़रंदाज़ ना करें और अपने चिकित्सक को दिखाएँ।
  • यदि आप तीस वर्ष के हो चुके हैं, तो आप एक बार ‘पैप स्मीयर जांच’ अवश्य कराएँ।
  • यदि आपके परिवार में पहले भी किसी को यह हो चुका है, तो आप सतर्क रहें।
  • जैसा की आप अब तक समझ ही गए होंगे, कि शुरुआती पढ़व मेन अगर इस बीमारी का पता चल जाए, तो इसका इलाज पूरी तरह सम्भव है।

कब करा सकते हैं आप पेप स्मियर टेस्ट?

  • पेप स्मियर टेस्ट सर्वाइकल कैंसर के बारे में जानने और पता लगाने मे मदद प्रदान करता है। सभी महिलाएँ जो की यौन सक्रिय हैं, और चौबीस से चौंसठ साल के बीच हैं, वह एक नियमित रूप से, एक निश्चित ब्रेक पर, वह यह जंच करवा सकती हैं।
  • वो महिलाएँ जिनकी उम्र 24 से 50 साल के बीच की हैं, उनको यह निरीक्षण हर पाँच साल मेन एक बार करना ही चाहिए।
  • ऐसा हम कई बार अफ़वाहों मेन सुनते हैं कि सर्वाइकल कांकेर की वजह से, महिला गर्भ्धरन नही कर सकती। पर सच्चाई यह हाई की कांकेर का ये प्रकार, उपजाऊपन पर असर नही डालता।
  • मगर एक बात यह है, कि यदि इस बीमारी से ग्रस्त किसी महिला ने रदीयोथेरपी करायी, तो यह सम्भव रहता है कि, उसके लिए गर्भ धारण काफ़ी मुश्किल हो सकता है।
  • एक और बात जिसका आपको ध्यान रखना होगा कि, अगर महिला को उपचार के दौरान, अपना गर्भाशय हटवाना पड़े, तब गर्भ धारण करना नामुमकिन हो जता है।

कैंसर के बारे में कुछ और महत्वपूर्ण जानकारिया

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Ruchi singh chauhan
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