एसिडिटी(Acidity in hindi) ऐसी समस्या होती है जिसमें पेट के ऊपरी भाग में जलन व दर्द का अनुभव किया जाता है। हालांकि यह जलन खाने के तुरंत बाद भी हो सकती है। आज के समय में एसिडिटी की समस्या सबसे आम समस्या है। एसिडिटी(Acidity in hindi) की समस्या सिर्फ तभी होती है जब पेट में उपस्थित एसिड एसोफैगस तक आ जाता है और यह समस्या तब देखी जाती है जब पेट ठीक प्रकार से कार्य न कर रहा हो। एसिडिटी की समस्या में मुंह में एक प्रकार का खट्टा स्वाद का अनुभव होने लगता है पेट में हलचल हो रहती है जिसके बाद पेट में कब्ज की शिकायत या दस्त की भी शिकायत हो सकती है।
एसिडिटी के कुछ ऐसे लक्षण तथा उनकी कुछ ऐसी दवाएं होती हैं जिनके बारे में हमें पता होना चाहिए। इसका निवारण पूर्ण रूप से ना हुआ तो यह किसी बड़ी बीमारी में भी परिवर्तित हो सकता है। इसके मुख्य कारक मोटापा होना, खाने के तुरंत बाद सोना, ज्यादा खाना खाना, तली भुनी चीज का सेवन ज्यादा करना, शराब ज्यादा पीना, तनाव में रहना और गर्भावस्था में भी यह शिकायत उत्पन्न हो सकती है।
एसिडिटी(Acidity) के लक्षण (Symptoms of Acidity in hindi) :-
एसिडिटी के कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं-
- छाती में जलन होना,
- पेट में जलन होना,
- पेट में नाभि के अगल-बगल अत्यधिक दर्द होना,
- जी मिचलाना या उल्टी होना,
- गले में जलन होना,
- मुंह में एक प्रकार का खट्टा स्वाद आना,
- अपच होना,
- कब्ज की शिकायत होना
एसिडिटी(Acidity) के कारण (Causes of Acidity in hindi) :-
एसिडिटी के कुछ प्रमुख कारण निम्न है-
मांसाहारी भोजन :-
जैसे कि हम सभी जानते हैं कि मांसाहारी भोजन में फैट (fat) की मात्रा अधिक होती है तथा जब मांसाहारी भोजन बनते हैं तो उसमें अलग से भी तेल मसाला ज्यादा मात्रा में डाला जाता है इसी कारण से मांसाहारी भोजन पेट के लिए सही रूप से आहार नहीं हो पाता है, जिसके कारण एसिडिटी की समस्या उत्पन्न होती है।
तली, भुनी तथा ज्यादा फैट वाले भोजन :-
आज के समय में लोग ज्यादातर तली भुनी हुई चीजें ज्यादा खाते हैं जो लोग मांसाहारी नहीं होते वह लोग तेल, मिर्च, मसाला, घी, दही युक्त भोजन ज्यादा करते हैं, इसलिए तेल मसाला ज्यादा खाने से भी एसिडिटी की समस्या उत्पन्न होती है, इसीलिए जितना कम हो सके उतना ही तेल मसाला खाना चाहिए।
उर्वरक व कीटनाशक :-
आज के समय में किसान अपनी फसल को कीड़ों से लगने से बचाने के लिए कीटनाशक और पैदावार को अच्छी करने के लिए उर्वरक का प्रयोग करते हैं, यह भी एक रसायनिक पदार्थ होता है जो बहुत ही हानिकारक होता है यह रासायनिक पदार्थ खाद्य सामग्रियों के माध्यम से शरीर के अंदर पहुंच जाते हैं तथा शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। कुछ रसायनिक पदार्थ ऐसे भी होते हैं जो पेट में एसिडिटी की समस्या व अल्सर की समस्या को भी बढ़ावा देते है।
शरीर की बनावट कुछ इस प्रकार है कि जब मनुष्य किसी भी प्रकार की मानसिक तनाव में रहता है या किसी भी विषय के बारे में ज्यादा चिंता करता है तो पेट में अमाशय सेअम्ल निकलने की मात्रा बढ़ जाती है, यह भी एसिडिटी का एक कारक है।
धूम्रपान और शराब का सेवन :-
धूम्रपान व शराब का सेवन वैसे भी शरीर के हानिकारक है, मनुष्य को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। धूम्रपान और शराब का सेवन करने से भी आमाशय से अधिक मात्रा में अम्ल निकलता है जो कि एसिडिटी को बढ़ावा देता है।
एसिडिटी(Acidity) का इलाज (Treatment of Acidity) :-
सबसे पहले तो हमें भोजन में ऐसी चीजों का सेवन ज्यादा करना पड़ेगा जो पेट में बनने वाले एसिड के साथ मिलकर उसे निष्क्रिय अथवा बेअसर अथवा बराबर करें जिससे एसिड अधिक मात्रा में नहीं बने, इसमें मैग्नीशियम, कैल्शियम तथा एल्युमीनियम सर्वश्रेष्ठ विकल्प माने जाते हैं। आजकल तो लोग एक रासायनिक पदार्थ आता है जिसे पानी में मिलाकर पीते हैं जिससे एसिडिटी में राहत मिलती है आप वह विकल्प भी चुन सकते हैं।
एसिडिटी के घरेलू उपाय :-
एसिडिटी ठीक करने के लिए दवा ही एकमात्र इलाज नहीं है, घरेलू उपाय से भी आप एसिडिटी का इलाज कर सकते हैं जो कि कुछ इस प्रकार है-
अजवाइन से :-
एसिडिटी होने पर अजवाइन का उपाय बहुत कारगर साबित हो सकता है। इसके लिए आपको एक कप पानी में अजवाइन डालकर उबाल लें तथा जब यह अच्छी तरह से उबल जाए और पानी आधा हो जाए तो इसे छानकर पी लें अगर स्वाद अच्छा ना लगे तो आप इसमें नमक भी अपनी स्वाद अनुसार मिला सकते हैं इससे आपको एसिडिटी में बहुत ज्यादा आराम मिलेगा।
आँवला :-
जिस व्यक्ति को अक्सर एसिडिटी की शिकायत होती है तो उसे रोज आंवले का सेवन करना चाहिए जिससे एसिडिटी की समस्या में बहुत आराम मिलेगा।
तुलसी की पत्तियां :-
तुलसी की पत्तियां एक बहुत ही महत्वपूर्ण औषधि है या हर रोग में इलाज के लिए काम आती हैं और हर घर में आसानी से उपलब्ध भी हो जाती है। जिस प्रकार यह सर्दी-जुखाम से राहत दिलाते हैं वह ठीक उसी प्रकार यह एसिडिटी में भी राहत दिलाती हैं।
जीरा :-
जीरा पेट में दर्द या कब्ज और एसिडिटी में भी कारगर होता है इसके लिए जीरे को भूनकर उसमें काला नमक मिलाकर खाने से पेट में एसिडिटी की समस्या से आराम मिलता है।
हल्दी :-
हल्दी भी एक महत्वपूर्ण औषधि है, अगर कोई व्यक्ति एसिडिटी से परेशान हो तो उसे दही में हल्दी मिलाकर खाने से पेट में कब्ज और एसिडिटी दोनों से ही राहत मिलेगी तथा हल्दी सभी घरों में बहुत ही आसानी से उपलब्ध भी हो जाती है।
सौंफ :-
सौंफ एक प्रकार का माउथ फ्रेशनर है या मुंह से बदबू हटाने के साथ-साथ पेट से एसिडिटी को भी खत्म करता है इसीलिए अगर आप होटलों में खाना खाने के बाद उठते हैं तो आपको खाने के बाद सौंफ खाने के लिए जरूर दिया जाता है, जिससे बाद में आपको बदहजमी या एसिडिटी की समस्या न उत्पन्न हो।
पुदीना :-
एसिडिटी में पुदीने की पत्तियां उसकी चटनी खाने से पेट में दर्द कम होता है, साथ ही साथ एसिडिटी की भी समस्या कम करता है। दवाई की दुकानों पर पुदीने की गोली भी आसानी से उपलब्ध हो जाती है।
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