इंसान के शरीर में कब कौन सी बीमारी लग जाए इस बात का अंदाजा तो लगाया नहीं जा सकता लेकिन उनके उपचार जरूर किए जा सकते है। ऐसे ही बात करें बीमारी फैलाने वाले संक्रामक लक्षणों की तो उनमें मच्छर भी एक बहुत बड़ा जीव है जो मानव के शरीर में खतरनाक बीमारी का कारण बन सकता है।जी हां एक छोटा सा मच्छर इंसान के शरीर को खतरनाक बीमारी का शिकार बना सकता है। उस बीमारी का नाम है मलेरिया(Malaria) तो आइए जानते हैं मलेरिया के बारे में विस्तार से…
मलेरिया क्या है? – What is Malaria?
बीमारी कोई सी भी हो वह गंभीर और खतरनाक हो सकती है यदि उसका सही उपचार न किया जाए एक ऐसी ही बीमारी है मलेरिया जो बेहद गंभीर खतरनाक बीमारी है यदि किसी इंसान के शरीर में फैल जाए तो वह किसी भी इंसान के शरीर के पूरे रक्त को खराब कर सकती है। देखा जाए तो मलेरिया कैसी बीमारी है जो एक छोटे से मच्छर के काटने से हो जाता है जिसे एनोफेल्स के नाम से जाना जाता है।एनोफेल्स नामक मच्छर मलेरिया नाम की बीमारी को इंसान के शरीर में फैलाता है यह मच्छर प्लाज्मोडियम परजीवी का वाहक है। जिसकी वजह से किसी भी मनुष्य के शरीर में आसानी से मलेरिया नामक बीमारी को संक्रमित करता है। यह मच्छर जब किसी इंसान को काटता है तो उसके शरीर में संक्रमण के तौर पर प्रवाहित रक्त में वह प्लाज्मोडियम परजीवी के रूप में प्रवेश कर जाता है। मच्छर के काटने पर यह लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश करके बहुगुणित अर्थात् कई भागों में बांटने लगते हैं जिससे रक्त हीनता (एनीमिया) का लक्षण उभरने लगता है, जिसके अंतर्गत चक्कर आना, सांस फूलने, इत्यादि लक्षण होते हैं। यह बुखार ज्यादातर उन क्षेत्रों में होता है जिनमें गर्मी अर्थात उष्णता ज्यादा होती है इस रोग से प्रत्येक वर्ष 40 करोड़ लोग प्रभावित होते हैं तथा उनमें से 2.5 से 3% लोगों की मृत्यु भी हो जाती है। जिसमें अफ्रीका के लोगों की मरने की संख्या सबसे ज्यादा होती है। मलेरिया का संक्रमण बीमारी चाहे किसी भी प्रकार की हो उसके विभिन्न प्रकार के प्रभाव होते हैं जिन्हें देखने के बाद ही बीमारी का पता चलता है और सही उपचार भी किया जाता है। ऐसे ही मलेरिया के भी कुछ प्रभाव होते हैं जो निम्नप्रकार से हैं…
- जब एनोफेल्स मच्छर किस इमारत को काट जाता है तो उसके द्वारा संक्रमित रक्त परिसंचरण तंत्र के माध्यम से गुजरता है और यकृत की यात्रा करता है जहां पर वह संक्रमित रक्त हाइबरनेट होता है और फैलने लगता है।
- जब एक बार यह रक्त में फैल जाता है तो कई दिनों बाद धीरे-धीरे पूरे शरीर में प्लाज्मोडियम परजीवी रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है और यह धीरे-धीरे लाल रक्त कोशिकाओं की ओर बढ़ना शुरू करता है और उन्हें प्रभावित भी करता है।
- इस संक्रमण का प्रभाव 48 से 72 घंटों के भीतर नजर आने लगता है जब लाल रक्त कोशिकाओं की तीव्रता बढ़ जाती है और संक्रमित कोशिकाएं धीरे-धीरे खुलने लगते हैं और चौड़ी हो जाती हैं।
- उस मच्छर द्वारा छोड़ा गया प्लाज्मोडियम परजीवी मानव शरीर में जाकर धीरे-धीरे लाल रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करना शुरू कर देते हैं और नियमित रूप से जारी रखते हैं लगभग तीन-चार दिन तक यह चक्र चलता रहता है।
मलेरिया के लक्षण – symptoms of malaria
मलेरिया के लक्षण निम्न प्रकार है, अगर यह लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- यदि किसी मनुष्य को मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी से संक्रमण हो जाता है तो उसे धीरे-धीरे ठंड लगना शुरू हो जाता है।
- मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को बुखार आने लगता है और धीरे-धीरे उसका पूरा शरीर पसीने से गीले होने लगता है।
- मलेरिया का कीटाणु जब किसी इंसान के शरीर में घुस जाता है तो धीरे-धीरे वह उसकी मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाने लगता है जिसकी वजह से उसकी मांसपेशियों में दर्द होने लगता है।
- धीरे-धीरे मलेरिया के लक्षण पूरे शरीर में फैल जाते हैं जिसकी वजह से दिल में दर्द धड़कन का तेज होना सिर दर्द आदि जैसी समस्याएं भी नजर आने लगती हैं।
- कपकपी लगना,
- बुखार आना,
- जोड़ों में दर्द होना,
- उल्टी होना,
- रक्त का विनाश होना,
- मूत्र से हीमोग्लोबिन का ह्रास होना,
- दौरे आना इत्यादि।
मलेरिया के आम लक्षण में कपकपी लगना तथा ठंड लगने के तुरंत बाद ही बुखार का आना एक प्रमुख लक्षण माना जाता है तथा यह बुखार 3 से 4 घंटे बाद अपने आप उतर जाता है तथा बुखार उतरने के पश्चात पसीना भी आता है।
मलेरिया का कारण (Causes of Malaria):-
मलेरिया प्लाज्मोडियम गण के प्रोटोजोआ परजीवी के कारण फैलता है-
- मलेरिया परजीवी की प्राथमिक पोषक एनोफ़िलीज नाम मादा मच्छर होती है।
- मादा मच्छर ही खून से पोषण लेती है।
- शाम के समय मच्छर का काटना।
- इकट्ठा हुए पानी पर ही मादा मच्छर अंडे देते हैं अतः कहीं भी पानी इकट्ठा ना होने दें।
- शाम के वक्त आधी बाँह के कपड़े पहनना तथा हाफ पैंट में रहना।
- मच्छरदानी का प्रयोग सोते वक्त ना करना।
मलेरिया का उपचार – treatment of Malaria
किसी भी बीमारी का यदि सही तरीके से उपचार ना लिया जाए तो वह बीमारी घातक साबित हो सकती है। ऐसे में मलेरिया जैसी बीमारी के निदान के लिए भी एक प्रशिक्षित डॉक्टर के पास जाना है आवश्यक होता है। लेकिन बीमारियों के इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाने से पहले आप कुछ घरेलू उपचार भी अपना सकते हैं जो हम आपको बताने वाले हैं वह बेहद फायदेमंद और प्रभावकारी साबित होते हैं।
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यदि किसी व्यक्ति को मलेरिया जैसी संक्रमित बीमारी हो जाती है तो उसके लिए आपको एक गिलास पानी में एक चम्मच दालचीनी, एक चम्मच शहद, और आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर डालकर अच्छी तरह उबालकर उस पानी को ठंडा करके उसे पिलाना चाहिए। यह घरेलू नुस्खा मलेरिया जैसी भयानक बीमारी में बेहद फायदेमंद साबित होता है।
- मलेरिया जैसी बीमारी से निजात पाने के लिए आप रोगी को गर्म पानी में नींबू का रस डालकर भी पिला सकते हैं यह भी बेहद फायदेमंद नुस्खा है।
- यदि किसी रोगी को बहुत तेज बुखार है तो मात्र 3 ग्राम चूने में नींबू निचोड़ कर 60 मिलीग्राम पानी मिला लें और उसे धीरे-धीरे थोड़ी मात्रा में पीते रहें इससे रोगी का बुखार जल्द ही कम होना शुरू हो जाता है।
- मलेरिया में कभी कभी ऐसा होता है कि बुखार की संभावना अधिक बढ़ जाती है जिस को कम करने के लिए यदि आप 10 ग्राम तुलसी के पत्तों में आधा चम्मच काली मिर्च पाउडर मिलाकर रोगी को खिलाया जाए तो वह बेहद फायदेमंद होता है।
- यदि आप रोगी का बुखार कम करना चाहते हैं तो 10 ग्राम अदरक और मुनक्का एक गिलास पानी में डाल कर अच्छी तरह उबाल लें और फिर उस पानी को ठंडा कर ले उसके बाद रोगी को पिलाने से शीघ्र ही रोगी को लाभ मिलता है।
- मलेरिया में रोगी को अधिक बुखार होने लगता है जिसकी वजह से उसका सारा शरीर दर्द करने लगता है जिस को दूर करने के लिए आप रोगी को फिटकरी को अच्छी तरह से भूनकर महीन पीसकर आधा चम्मच पानी के साथ पिला सकते हैं जिसे लगातार हर 2 घंटे में पिलाने से जल्द ही बुखार ठीक हो जाता है। मलेरिया के बुखार में किसी भी रोगी का बहुत अच्छी तरीके से ध्यान रखना बेहद आवश्यक होता है ताकि वह जल्दी ठीक होकर मलेरिया जैसी संक्रमण बीमारी से निजात पा सके।
मलेरिया के घरेलू इलाज(Home Remedies for Malaria) :-
मलेरिया के लक्षण दिखाई देने पर हमेशा डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए, वैसे कुछ घरेलू इलाज निम्न हैं-
- अदरक :- मलेरिया के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपचार अदरक है इस को उबालकर बनाया गया काढ़ा आपकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
- दालचीनी :- बुखार दस्त और सिरदर्द में से निपटने के लिए दालचीनी एक अच्छा विकल्प है।
- तुलसी :- तुलसी भी मलेरिया को ठीक करने के लिए एक सर्वोत्तम उपाय है।
- नारंगी का जूस पीने से प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है।
मलेरिया से बचाव(Malaria prevention) :-
- घरों के अंदर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करवाएं।
- घरों के अंदर व घर के आस-पास कहीं भी पानी इकट्ठा ना होने दें।
- अगर उस पानी को निकालने में असमर्थ हैं तो उसमें थोड़ा सा मिट्टी के तेल डाल दें।
- साफ पानी में मच्छर जल्दी पैदा होते हैं इसलिए सप्ताह में एक बार पानी की टंकी, मटके, कूलर इत्यादि को खाली करके सूखा करके फिर भरे।
- खिड़कियों में जाली लगवाएं ताकि मच्छर घर के अंदर ना घुस पाए।
- मच्छरदानी का प्रयोग सोते समय करें।
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