दिमागी बुखार क्या है?(What is Brain Fever?):-
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हम सभी ने मौसम के परिवर्तन के समय तथा बरसात के समय लोगों को बुखार होते हुए देखा है तथा सुना भी है। दिमागी बुखार(Brain Fever in hindi) के मरीजों की संख्या में हर साल बढ़ोतरी होती रहती है। दिमागी बुखार तब होता है जब बुखार व्यक्ति के मस्तिष्क अथवा दिमाग पर हावी हो जाता है इसमें व्यक्ति बहकी-बहकी बातें करने लगता है तथा उसे कभी-कभी भ्रम की स्थिति भी पैदा हो जाती है। अगर दिमागी बुखार के लक्षण दिखाई दे तो मरीज को डॉक्टरों को जरूर दिखाना चाहिए।
दिमागी बुखार के कारण(Causes of Brain Fever in hindi):-
- यह प्रकार का संक्रमण है, जो कि एक घातक विषाणु इंसेफेलाइटिस के कारण से होता है।
- यह घातक विषाणु इंसेफेलाइटिस दो प्रकार के होते हैं प्राइमरी इंसेफेलाइटिस तथा सेकेंडरी इंसेफेलाइटिस। प्राथमिक इंसेफेलाइटिस में विषाणु सीधे दिमाग अर्थात मस्तिष्क को प्रभावित करता है तथा सेकेंडरी इंसेफेलाइटिस विषाणु रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करके उसे कमजोर कर देता है।
- दिमागी बुखार स्किन इन्फेक्शन से अर्थात हर्पीज सिंप्लेक्स जो कि त्वचा से तंत्रिका तंत्र के माध्यम से मस्तिष्क से जुड़ा होता है।
- बचपन में खसरा, रूबेला, चिकन पॉक्स आदि के टीके ना लगे होने पर भी दिमागी बुखार की शिकायत हो सकती है।
- कीड़े मकोड़े के काटने से भी दिमागी बुखार होता है।
- गाय, भैंस, बकरी अथवा भेड़ का कच्चा दूध पीने से भी यह संक्रामक रोग फैलता है।
दिमगी बुखार के लक्षण(Symptoms of Brain Fever) :-
- सिर में दर्द होना,
- गर्दन में अकड़न होना,
- उल्टी होना,
- चमकदार रोशनी के प्रति संवेदनशील होना,
- भ्रम की स्थिति पैदा होना,
- दौरे पड़ना,
- छोटे चकत्ते जो छोटे तथा लाल रंग के धब्बे की तरह दिखाई पड़ते हैं शरीर पर उभर आना,
- सुस्ती लगना इत्यादि।
दिमागी बुखार के प्रथमिक इलाज(Primary treatment) :-
- शरीर को आराम दें,
- रोगी को शांत तथा अंधेरे कमरे में रखे,
- O.R.S. का घोल दें,
- अनार का जूस पिलाएं,
- लहसुन ज्यादा खाएं,
- तरल पदार्थ का सेवन अधिक करें,
- दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर के द्वारा बताई गई दर्द की दवा ले।
दिमागी बुखार से बचाव(Prevention) :-
- हाथ को अच्छे से धो कर भोजन इत्यादि करें।
- शौचालय के उपरांत हाथ को अच्छे से धो लें।
- भीड़भाड़ वाले इलाके से आने के बाद हाथ धोएं।
- किसी प्रकार के संक्रमित व्यक्ति से मिलने के पश्चात हाथ कोअच्छी प्रकार से धुलें।
- किसी भी प्रकार की चीज जैसे पानी का गिलास, खाने का बर्तन, कोल्ड ड्रिंक की स्ट्रा, टूथब्रश इत्यादि किसी के साथ शेयर ना करें।
- नियमित व्यायाम करें।
- ताजे फल व सब्जियों को धूल कर खाएं।
- खांसते व छींकते समय मुंह पर तथा नाक पर हाथ रखकर अथवा रुमाल रखकर खांसे अथवा छींके।
- कच्चे दूध से बने किसी भी चीज का सेवन ना करें।
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