विटामिन C क्या है?– What is Vitamin C?-Vitamin C in hindi
- विटामिन C एक ऐसिड होता जिसका नाम ‘अस्कोर्बिक ऐसिड’ या ‘अस्कोर्बिक’ होता हैं। यह उत्तक की मरम्मत में काम करता है। यह शरीर की प्रतिरक्षा या immunity में भी आवश्यक है।
- यह एक ऐसा विटामिन है जो कि पानी में जल्दी घुल जाता है और शरीर के उत्तकों से स्वास्थ्य को बनाए रखता है। यह एक एंटी-ऑक्सिडंट भी होता है।
- विटामिन C की कमी से कॉलजेन टूटने लगते हैं, जिसके कारण स्कर्वी नामक रोग हो सकता है।
- इस विटामिन की खोज 1912 में हुई। फिर यह 1928 में रासायनिक रूप से निर्मित पहला विटामिन बना। एक पोलिश वैज्ञानिक राइकसटें ने इसे खोजने में कामयाबी हासिल की। उसके बाद 1934 में, हाफ़्मन-राश ने इसे पैटेंट करवा लिया, और वो विटामिन C की गोलियाँ मार्केट में ले आए।
विटामिन-C के उपयोग:Uses
- विटामिन-C मनुष्य के शरीर के लिए प्रमुख विटामिन्स में से एक माना जाता है। विटामिन-सी प्रमुख रूप से हमारी शरीर में मौजूदा कोशिकाओं के विकास में सक्रिय भूमिका निभाती है।
- इसके अलावा यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में ख़ास आयरन की मात्रा को अवशोषित करने, घाव को जल्दी भरने में, मौखिक स्वास्थ्य के लिए और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक मानी जाती है।
- इसलिए विटामिन सी के खाद्य पदार्थों का नियमित रूप से सेवन करना बहुत जरूरी है। अब यह नीचे बताए जा रहे खाद्य पदार्थों में पर्याप्त रूप से पाई जाती है।
- यह विटामिन, कॉलजेन फ़ाइबर का निर्माण करता है। पर आइए जानते हैं कि क्या है ‘कॉलजेन फ़ाइबर’’:
‘कॉलजेन’ एक कठोर, अघुलनशील और रेशेदार प्रोटीन है, जो मानव शरीर में प्रोटीन का एक-तिहाई हिस्सा बनता है।ज़्यादातर कोल्लागेंस में, अणुओं को लम्बे, पतले फैब्रिल बनाने के लिए पैक किया जाता है। यह एक दूसरे के साथ सहायक संरचनाओं और लंगर कोशिकाओं में काम करते हैं। ये त्वचा को मज़बूती प्रदान करती है।-Vitamin C in hindi
विटामिन C के स्त्रोत :Sources of vitamin c-Vitamin C in hindi
इंसानी शरीर के लिए कई सारे विटामिन्स की आवश्यकता प्रतिदिन होती है।
इन वायटमिंज़ को अगर आहार में नहीं लिया गया तो हमारा शरीर विभिन्न तारीख़ें के रोगों लग सकते हैं।
आज हम आपको एक ऐसे ही एक खास विटामिन, vitamin-C के बारे में बताएँगे, जो कि हमारे प्रतिरक्षा (IMMUNITY) के लिए अनिवार्य है।
इन खाद्य सामग्रियों से हमारे शरीर को काफ़ी लाभ होते हैं ।हमें प्रकृति इन सब फलों और सब्ज़ियों को प्रदान करती है, जिससे विटामिन-C की भर-पाई हो जाती है।
इसके प्राकृतिक स्त्रोत: Vitamin c natural source-Vitamin C in hindi
- नींबू – नींबू, विटामिन सी के सबसे अच्छे स्त्रोतों में से एक माना जाता है। यही कारण है कि अक्सर लोग भोजन के बाद, इसे पानी में मिलाकर पीते हैं। विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा को पूरा करने के लिए, नींबू को कई तरह से आप अपनी डायट में शामिल कर सकते हैं। कई लोग इसे लेमनेड के रूप में पीते हैं तो कई लोग इसके रस को पकी हुयी सब्जी और दाल में ऊपर से मिलाकर खाते हैं।
- पालक – पालक भी इम्यून सिस्टम को और मजबूत करने के लिए काफी अहम भूमिका निभाती है। जब भी कहीं बात हो विटामिन-सी की, तो वहां पालक का ज़िक्र ज़रूर होता ही है। वास्तव में, पालक भी विटामिन-C के उत्तम खाद्य पदार्थों में से एक माना जाता है। इसी कारण-वश, कई लोग अपने भोजन को इस हरी-पत्तेदार सब्ज़ी के बग़ैर, अधूरा मानते हैं।
- केल – गहरे हरे रंग में पालक की तरह हाई दिखने वाली, यह केल ,पौष्टिक गुणों में उत्तम मानी जाती है। भले ही ये पालक की तरह दिखती है, पर इसकी संरचना पालक से बिल्कुल भिन्न होती है। पर अगर विटामिन-C की बात हो, तो केल में, पालक से भी अधिक मात्रा में विटामिन-C पायी केटी है। आप चाहें तो इसे ‘बेड-टाइम ड्रिंक’ या ‘स्मूदी’ बनाकर भी पी सकते हैं।
- संतरा – विटामिन-C से भरपूर खाद्य पदार्थों का अगर कहीं जिक्र हो, तो वहां संतरा ज़रूर अव्वल नम्बर में आता होगा। ज़्यादातर ये फल गरमियों में ही मिलता है, पर आप इन्हें अन्य मौसम में भी ख़रीद सकते हैं। विटामिन-C की पर्याप्त मात्रा के लिए आप संतरे के जूस का सेवन प्रतिदिन कर सकते हैं। त्वचा के लिए भी यह काफी फायदेमंद माना जाता है।
- सरसों का साग – यह भी विटामिन-C की मात्रा से भरपूर होता है। वैसे सरसों के तेल को तो, खाने में भी इस्तेमाल किया जाता है। काफ़ी लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपने घरों में ही कुछ बीज से, एक सरसों के पौधे को तैयार करते हैं, और इनसे निकलने वाली कोमल पत्तियों को सब्जी के रूप में खाते हैं। आपको भी बाजार में अगर सरसों के पत्ते ना मिले, तो अपने घर के किसी कोने में इनके कुछ बीजों को छिड़क दें, और इनकी साग के रूप में, या सब्जी के रूप में सेवन कर सकते हैं। इनके जरिए विटामिन-सी की पर्याप्त मात्रा भी मिल जाएगी।
- कीवी – कीवी भी एक ऐसा फल है जो आपको हर मौसम में मिल जाता है। इम्यूनिटी बूस्टर गुण रखने के साथ-साथ, यह कई प्रकार की पोषक तत्व की आपूर्ति शरीर को करता है। विटामिन-सी के अच्छे शुद्ध खाद्य पदार्थों की अगर बात की जाती है, तो उसमें भी कीवी का नाम जरूर माना जाता है। आप किसी भी फ्रूट शॉप से इस फल को खरीद सकते हैं, और इसका नियमित रूप से सेवन भी करा जा सकता है।
- अमरूद – अमरूद एक ऐसा फल है जिसमें विटामिन-C के साथ-साथ, स्वाद भी बेहद लजीज होता है। ज्यादातर लोगों द्वारा, इसका सेवन नमक लगाकर किया जाता है। वहीं, एक अमरूद के फल में क़रीब 126 मिलीग्राम विटामिन-C पाया जाता है। आप चाहें तो इसे फ्रूट सलाद के रूप में, या फिर इसका फ़्रूट-जूस भी पी सकते हैं। इतना ही नहीं, अमरूद में मैग्नीशियम की मात्रा भी ब्लड प्रेशर के संतुलन को बनाए रखने में काफी मददगार साबित होती है।
- अन्य खट्टे फल जैसे आमला, अंगूर में भी विटामिन-C होता है।
विटामिन C के फ़ायदे: Benefits of vitamin c-Vitamin C in hindi
- यह हमारे आहार का घटक है क्यूँकि इंसान, जो कि कई और जानवरों से भिन्न, इसे बना नहीं सकता। पर बीते कुछ सालों में, यह एक आवश्यक शारीरिक ऐंटाई-ऑक्सिडंट बन गया है।
- शोध बताता है की विटामिन C, शरीर के अंदर और भी ज़रूरी तत्व, जैसे की अल्फ़ा-टोकोफ़ेरोल, (विटामिन E) उत्पन्न कर सकता है।
- त्वचा की सेहत:
- विटामिन-C आपकी त्वचा के लिए कुछ ख़ास करता है।
- इसका ऐंटाई-ऑक्सिडंट गुण और इसका कॉलजेन बनाने की भूमिका, एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा बनती है आपकी त्वचा की सेहत का।
- ज़ख़्म भरना:
- विटामिन-C का यह गुण उसे एक बहुत महत्वपूर्ण विटामिन बनाते है शरीर के लिए।
- कॉलजेन गठन का कार्य विटामिन-C करता है। क्लिनिकल अध्ययन ये सबूत देते हैं की ज़ख़्म भरने की प्रक्रिया को विटामिन-C तेज़ कर देता है।
अधिक विटामिन-C से शरीर को नुक़सान:Excess vitamin C causes body damage
विटामिन-C शरीर के लिए काफ़ी लाभदायक होता है, पर एक मात्रा से अधिक हम उसे लें, तो निम्न विकार हमें हो सकते हैं:
– पेट ख़राब।
– डायरेया।
– गुर्दे में पथरी।
कम मात्रा में विटामिन-C लेने से शरीर को नुक़सान :Taking Vitamin-C in small amounts damages the body
कम मात्रा में लेने से स्कर्वी नामक बीमारी हो जाती है।विटमिन सी एक अहम विटमिन है जो की हर इंसान के लिए ज़रूरी होता है। अगर आप के शरीर में विटमिन-C की कमी हो , तो आपके शरीर में कई प्रकार के बदलाव नजर आएंगे। उन्मे से कुछ लक्षण :-
– शरीर में दर्द होना : अगर शरीर में लगातार दर्द हो रहा है, तो डायट को वापस देखना अनिवार्य है क्योंकि शरीर और जोड़ों में दर्द, विटमिन-C की कमी से होता है। विटमिन-C युक्त पदार्थ खाने से दांत और मसूढ़े स्वस्थ रहते हैं। इसलिए अगर इसकी कमी हुई , तो आपको मसूड़ों में सूजन या ख़ून आने लगेगा।
– आँख, कान व नाक के रोग।
– मुँह से बदबू आना।
– जोड़ों में दर्द आना।
– मसूड़ों से ख़ून निकलना।
– फेफड़ों में कमज़ोरी।
– ज़ख़ाम।
– ऐलर्जी।
– अल्सर।
– चर्म रोग।
– पाचन क्रिया में दोष।
– भूख ना लगना।
विटामिन-C की खुराक:Supplements
- इन्स्टिटूट ओफ़ मेडिसिन (IOM) ने विटामिन-C के सेवन के लिए संदर्भ मूल्यों का एक समूह विकसित किया है।
- दिशानिर्देशों के अनुसार आहार भत्ता (RDA) के रूप में जाना जाता है जो कि ‘खाद्य’ और ‘पूरक’ डोनो का औसत माना जाता है।
- विशिष्ट लिंग और आयु समूहों के लिए, RDA की सिफ़ारिशों को स्वस्थ व्यक्तियों (10 trusted sources) के 97-98% के पोशाक तत्वों की ज़रूरतों को पूरा करना चाहिए। वह तबले नीचे दिया गया है:
जीवन की अवस्था | विटामिन-C की मात्रा |
बच्चे (1–3 years) | 15 mg |
बच्चे (4–8 years) | 25 mg |
किशोर (9–13 years) | 45 mg |
किशोर (14–18 years) | 65–75 mg |
वयस्क महिला (19 से ऊपर ) | 75 mg |
वयस्क पुरुष (19 से ऊपर ) | 90 mg |
गर्भवती महिला (19 से ऊपर ) | 85 mg |
स्तनपातन करने वाली महिला (19 से ऊपर ) | 120 mg |