गर्भावस्था की आखिरी तिमाही(Third trimester of pregnancy in hindi)
पहले पहले जानकारी दी थी गर्भावस्था की पहली तिमाही और दूसरी तिमाही के बारे में अब आइये जानते है ।गर्भावस्था का आखिरी समय(Third trimester of pregnancy in hindi) जिसे आखिरी तिमाही भी कहा जाता है। यह एक ऐसी अवस्था होती है जिस पर गर्भवती महिला का पेट काफी बड़ा हो जाता है। यह अंतिम हफ्ते एक गर्भवती महिला के लिए बहुत ही ध्यान रखने वाले होते हैं। यह वह समय होता है जब आप अपने गर्भ में पल रहे शिशु के और ज्यादा करीब आ जाते हैं। ऐसे में गर्भवती महिला के शरीर में बहुत सारे बदलाव होते हैं और साथ ही गर्भ में पल रहा बच्चा भी अधिक विकास कर जाता है। आइए जानते हैं तीसरी तिमाही से जुड़ी कुछ खास बातें….
- Pregnancy First month(गर्भावस्था का पहला महीना)-सम्पूर्ण जानकारी
- Pregnancy second month(गर्भावस्था का दूसरा महीना)-सम्पूर्ण जानकारी
- Pregnancy third month(गर्भावस्था का तीसरा महीना)-सम्पूर्ण जानकारी
- Fourth month pregnancy in hindi:गर्भावस्था का चौथा महीना हिंदी में
- Fifth month pregnancy in hindi:गर्भावस्था का पांचवा महीना
- Six months pregnancy in hindi:गर्भावस्था का छटा महीना इन हिंदी
- Seven months pregnancy in hindi:गर्भावस्था का सातवां महीना
- 8th month pregnancy in hindi:गर्भावस्था का आठवां महीना हिंदी में
- 9th month pregnancy in hindi :गर्भावस्था का नौवा महीना हिंदी में
तीसरी तिमाही कब शुरू होती है(When does the third quarter start)
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही 28 वे हफ्ते से शुरू हो जाती है। इसे गर्भावस्था का सातवें महीने का आरंभ और नौवें महीने के अंत को तीसरी तिमाही में गिना जाता है। प्राकृतिक प्रक्रिया के तहत एक गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहा बच्चा 40 सप्ताह तक पूरी तरह से विकसित हो जाता है।
आख़िरी तिमाही के दौरान बच्चे का विकास(Child development during third trimester of pregnancy in hindi)
आखिरी तिमाही के दौरान बच्चा लगभग 19 से लेकर 22 इंच के आकार तक बढ़ जाता है। उसका वजन लगभग 6 से 9 पाउंड के बीच हो जाता है। गर्भावस्था के दौरान गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास निम्नलिखित प्रक्रियाओं से गुजरता है:-
- 7 से 8 महीने के दौरान गर्भ में पल रहे बच्चे की हड्डियां पूरी तरह से कैल्शियम प्राप्त करती है ऐसे में आवश्यक है कि गर्भवती महिला भरपूर मात्रा में कैल्शियम का सेवन करें।
- 32 सप्ताह तक बच्चे का पूरा ख्याल रखता बेहद आवश्यक हो जाता है साथ ही 36 सप्ताह के दौरान बच्चे के बाल, त्वचा और नाखून भी बढ़ने आरंभ हो जाते हैं।
- 29 वे सप्ताह के आरंभ से लेकर 30 वे सप्ताह के अंत तक बच्चे की पांचों इंद्रियां विकसित होने आरंभ हो जाती है। इसलिए बच्चे को प्रकाश और अंधेरे का भान होने लगता है और साथ ही वह नए नए स्वाद चखने के लिए उत्सुक होता है। इसके अलावा विभिन्न प्रकार की ध्वनियां सुनने के बाद वह प्रतिक्रिया भी देता है।
- तीसरी तिमाही के दौरान बच्चे का मस्तिष्क बहुत ज्यादा तेजी से विकसित होने लगता है जिसकी वजह से उसको सपने दिखने लगते हैं जिसकी वजह से वह मां के गर्भ में ही प्रतिक्रियाएँ करने लगता है।
- गर्भावस्था के लगभग 34 सप्ताह के दौरान गर्भ में पल रहा बच्चा दक्षिण की ओर मुड़ जाता है साथ ही सिर नीचे पैर ऊपर की तरफ पहुंच जाते हैं।
तीसरी तिमाही के दौरान गर्भवती महिला के शरीर में परिवर्तन(Changes in pregnant woman’s body during the third trimester)
तीसरी तिमाही तक पहुंचते-पहुंचते एक गर्भवती महिला के शरीर में कई प्रकार के परिवर्तन हो जाते हैं जिनका आभास गर्भवती महिला को भी होने लगता है। कुछ मुख्य परिवर्तन निम्नलिखित है:-
- पेट में दर्द:– तीसरी तिमाही के दौरान गर्भवती महिला के पेट में थोड़ी बहुत ऐंठन रहती है जिसकी वजह से कई बार पेट में बहुत ज्यादा तेज दर्द महसूस होता है जिसे प्रसव का दर्द ना समझे।
- थकान:- गर्भावस्था के दौरान तीसरी तिमाही ऐसा समय होता है जब गर्भवती महिला को बहुत ज्यादा थकान महसूस होने लगती है। ऐसे में एक गर्भवती महिला को चाहिए कि वह थोड़ी थोड़ी देर में कुछ खाते पीते रहे।
- मूड स्विंग:– तीसरी तिमाही के दौरान गर्भवती महिला अपने आंतरिक तौर पर बहुत अजीब महसूस करने लगती है जिसकी वजह से उनका मूड बहुत जल्दी स्विंग होने लगता है। कभी गर्भवती महिला छोटी सी बात पर क्रोधित हो जाती है तो कभी छोटी सी बात पर बहुत ज्यादा खुश हो जाती है।
- ब्रेक्सटन हिक्स संकुचन:– इस समय में आपको अपने ब्रेस्ट में संकुचन महसूस होने लगेगा और धीरे-धीरे एक तरल पदार्थ भी आपके ब्रेस्ट से निकलना आरंभ हो जाता है।
- खिंचाव के निशान:- गर्भावस्था के दौरान पेट बहुत ज्यादा बढ़ जाता है ऐसे में पेट के आसपास खिंचाव के निशान देखने आरंभ हो जाते हैं। जिन्हें कम करने के लिये कुछ स्क्रैच मार्क्स क्रीम और ऑयल इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
- पीठ का दर्द:- तीसरी तिमाही के दौरान पेट कहीं ज्यादा अधिक बड़ा हो जाता है जिसकी वजह से लगातार पीठ का दर्द गर्भवती महिलाओं को महसूस होता है।
- वेरीकोज वेन्स:- तीसरी तिमाही के दौरान गर्भवती महिला के वेजाइना में पेट बढ़ने की वजह से बहुत खिचाव पड़ता है इसलिए नीचे की तरफ दर्द की स्थिति बनी रहती है।
- अजीबो गरीब सपने:- तीसरी तिमाही के दौरान गर्भवती महिला के हार्मोन में कई बदलाव आते हैं जिसकी वजह से गर्भवती महिला को अजीबो-गरीब सपने दिखाए देने लगते हैं।
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तीसरी तिमाही के दौरान ध्यान रखने वाली बातें(Things to keep in mind during the third trimester of pregnancy in hindi)
आखिरी तिमाही के दौरान गर्भवती महिला को कुछ बातों से परहेज भी करना चाहिए और कुछ बातों का बहुत ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। कुछ निंलिखित बातें जिनका अधिक ध्यान रखना चाहिए।
- स्टीम बाथ:- गर्भावस्था के दौरान अक्सर महिलाओं को स्टीम बाथ लेने का मन करता है। परंतु तीसरी तिमाही के दौरान गर्भवती महिला के शरीर का तापमान बढ़ता घटता रहता है, ऐसे में उन्हें स्टीम बाथ से परहेज करना चाहिए क्योंकि ऐसे में स्टीम बाथ करने से गर्भ में पर रहे बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है।
- लव मेकिंग:- वैसे तो गर्भावस्था के दौरान शारीरिक संबंध बनाने के लिए किसी भी परहेज करना आवश्यक नहीं है। लेकिन यदि गर्बावस्था अवस्था के दौरान आपकी प्रेगनेंसी में किसी भी प्रकार की कोई कॉम्प्लिकेशन है तो आपको शारीरिक संबंध बनाने से परहेज करना चाहिए। परंतु परंतु आकृति माई के दौरान नागरिक सम्मान बनाने से गर्भवती महिला को ज्यादा थकान महसूस होती है जिसकी वजह से उसे कमज़ोरी का भी आभास होता है।
- भारी वजन ना उठाएं:– सातवें महीने के आरंभ से ही आपको भारी वजन उठाने से परहेज करना चाहिए क्योंकि भारी वजन उठाने की वजह से कई बार पेट अचानक तेज दर्द भी हो सकता है।
- भरपेट भोजन:- एक गर्भवती महिला को कभी भी भर पेर भोजन नहीं करना चाहिए। उसकी जगह थोड़ी थोड़ी देर तक में कुछ न कुछ खाते पीते रहना चाहिए। क्योंकि भरपेट भोजन करने की वजह से अक्सर गर्भवती महिलाओं में कब्ज और अपच जेसी समस्या उत्पन्न हो जाती है।
- डॉक्टरी सलाह अवश्य ले:- गर्भावस्था का आखिरी समय कुछ इस प्रकार का होता है जब महिला को किसी भी प्रकार की बात अनदेखी नहीं करनी चाहिए छोटी सी परेशानी में भी विशेषज्ञ या डॉक्टर के पास जाकर सलाह लेनी अति आवश्यक हो जाती है।
- सारे टेस्ट कराए:- आखिरी तिमाही के समय में विशेषज्ञों द्वारा सुझाव दिए गए प्रत्येक प्रकार के टेस्ट अवश्य करा लेने चाहिए ताकि प्रसव के समय कोई भी समस्या उत्पन्न हो।
- एक बैग बनाये:- आखिरी समय के लिए पहले से ही पूरी तैयारी कर लेनी चाहिए। उसके लिए आपकी सारी रिपोर्ट और आवश्यक सामान एक बैग में रखकर उसे अपने आस-पास ही रख देना चाहिए ताकि आपातकालीन स्थिति में आप उस बैग को उठाकर तुरंत हॉस्पिटल जा सके।
Diet chart pregnancy in hindi:गर्भावस्था आहार चार्ट सम्पूर्ण जानकारी
सभी प्रकार की सावधानियां यदि आप ध्यान से बरतेंगे तो आपको अपनी पूरी गर्भावस्था के समय के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।