गर्भावस्था में एक महिला को अपने स्वास्थ्य का विशेष प्रकार से ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। गर्भावस्था के अंतर्गत यदि मां अपने खानपान एवं स्वास्थ्य का ध्यान रखती है तभी बच्चा भी सुरक्षित एवं सही प्रकार पनपता है। धीरे-धीरे गर्भावस्था के महीने बढ़ने के साथ-साथ गर्भवती महिला को अपने खान-पान का अत्यधिक ध्यान रखना चाहिए। ।पहले हमने जानकारी दी थी गर्भावस्था के पहले महीने के बारे में | और दूसरे महीने के बारे में अब अगर हम बात करें तीसरे महीने की तो गर्भावस्था में तीसरा महीना(Third month pregnancy in hindi) एक गर्भवती महिला के लिए कुछ इस तरह दिखाई देता है। तथा कुछ इस तरह के बदलाव और सावधानियां भी हमारे सामने आती हैं।आइए देखते हैं इस महीने में क्या-क्या परिवर्तन हो सकते हैं।
- गर्भावस्था का तीसरा महीना एक महिला के शरीर में काफी बदलाव लेकर आता है इस महीने के अंत तक गर्भवती महिला का जी मिचलाना, उल्टी आना बंद हो जाता है।
- तीसरा महीने अधिकतर महिलाओं को ज्यादातर पेशाब आने की समस्या बनी रहती है। क्योंकि शरीर में एचसीजी हार्मोन पैदा होने लगता है जिसके कारण पेशाब ज्यादा आता है।
- अधिकतर महिलाओं को तीसरे महीने के दौरान कब्ज की समस्या और अधिक बढ़ जाती है।
- धीरे-धीरे जब पेट पर दबाव पड़ने लगता है तो पाचन क्रिया में कठिनाई होने लगती है जिसके कारण सीने में जलन रहने लगती है यह अधिकतर तीसरे महीने से अधिक शुरू हो जाता है।
- अधिकतर महिलाओं को पैरों में दर्द एवं सूजन महसूस होती है यह सिर्फ पोटेशियम और आयरन की कमी के कारण होता है। जैसे कि हम पिछले दो महीनों के बारे में आपको बताते आ रहे हैं कि एक गर्भवती महिला के हार्मोन चेंज होने के कारण उसकी पीठ में दर्द एवं बढ़ते गर्भाशय में खिंचाव के कारण पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है।
- जहां तक देखा जाता है कि महिलाओं का व्यवहार भी काफी चिड़चिड़ा होने लगता है।
- तीसरे महीने हारमोंस के बदलाव के कारण मसूड़ों से खून आने की समस्या हो सकते हैं इसलिए कहा जाता है कि इन दिनों एक गर्भवती महिला को अपना काफी ध्यान रखना चाहिए।
- एक और बदलाव जो कि आम है वह स्तनों का बड़ा हो जान है। अधिकतर महिलाओं को शरीर में सूखापन और खुजली होना आम बात है इसके लिए गर्भवती महिला मॉइस्चराइजर का उपयोग कर सकते हैं।
- महिला को बार-बार कुछ ना कुछ खाने का मन करता है एवं यह अपनी मन की इच्छा के अनुसार खाना पसंद करती है।
तीसरे महीने के दौरान शरीर में आने वाले कुछ बदलाव(Some changes in the body during the pregnancy third month pregnancy in hindi)
- पेट के बढ़ाव के कारण पेट पर काली लकीर उभर कर सामने आ सकती है। इससे महिलाएं बिल्कुल घबराए नहीं है आम बात है। आज के दौर में तो डॉक्टर हर तरीके के इलाज उपलब्ध करवाते हैं, यानी गर्भवती महिला के पहले महीने से ही डॉक्टर उन्हें पेट पर एवं स्तनों पर मार्क ना पढ़ने की दवाइयां पहले ही उपलब्ध करवा देती हैं।
- तीसरे महीने के दौरान स्तनों में भारीपन और बढ़ जाता है एवं निप्पल और गहरे रंग के होने लगते हैं क्योंकि यह दूध पिलाने के लिए तैयार हो जाते हैं।
- इसके साथ साथ निप्पल के ऊपर की नसें दिखाई देने लगती हैं क्योंकि जैसे जैसे आपके शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ जाती है तो आपका दिल तेजी से पंप होने लगता है जिसके चलते स्तनों पर नसों का दिखना स्वाभाविक होता है।
- तीसरे महीने के दौरान महिला का वजन भी धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हो जाता है क्योंकि अभी भूर्ण छोटा होता है, इसलिए केवल 1 से 2 किलो तक वजन बढ़ता है।
- अगर हम बच्चे के विकास की बात करें तो 12 हफ्तों तक बच्चा लगभग 2.5 इंच लंबा हो जाता है। तीसरे महीने के दौरान बच्चे का दिल काम करना शुरू कर देता है। बच्चे की किडनी आंख व जननांग का विकास इसी महीने होता है।
क्या खाएं(What should we eat in third month pregnancy in hindi)?
इस महीने से जिस वस्तु का भी आप सेवन करते हैं, वह सीधे-सीधे आपके नन्हे से बच्चे पर असर करती हैं। इसलिए इस महीने से आपको अपने खान-पान का पूरी तरह से ध्यान रखना चाहिए। तीसरे महीने महिलाओं को ज्यादातर विटामिन बी से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। यह शिशु के लिए भी काफी लाभदायक है। इसी के साथ एक गर्भवती महिलाओं को कार्बोहाइड्रेट युक्त अनाज जैसे कि साबुत अनाज गेहूं आटे की ब्रेड चावल मीट आयरन और फोलिक जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें। महिला को डेयरी उत्पाद जैसे कि दूध दही पनीर आदि का सेवन ज्यादातर मात्रा में करना चाहिए।
क्या ना करें(What not to do in third month pregnancy in hindi)?
गर्भावस्था के तीसरे महीने में आपको और भी अधिक ध्यान रखना पड़ेगा जैसे कि हम खूब शराब आदि इत्यादि का सेवन बिलकुल न करें समुद्री भोजन जैसे की मच्छी आदि से बचाई यह भ्रूण के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है जैसे कि मॉल एवं मेट्रो स्टेशन पर मिलने वाले पहले से डब्बा पैक खाने का सेवन ना करें। यह गर्भवती महिला और भ्रूण दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है।
यदि हम स्वस्थ रहने की बात करें तो फिर से हम यही बात दोहराएंगे की प्रेगनेंसी के दौरान रेगुलर करते आ रहे व्यायाम को करते रहे ताकि आपकी बॉडी फिट रहे अगर आप पहले से रनिंग करते हैं तो रनिंग भी करें परंतु धीरे-धीरे करें टैग ना करें जैसे ही आपको लगता है कि आप रनिंग करते हुए थक गए हैं तो तुरंत रनिंग बंद कर दें। यह सब कर रहे थे आपका स्वास्थ्य स्वस्थ रहेगा। इतना जरूर ध्यान रखें कि रेगुलर सैर करना बिल्कुल ना छोड़े।
हमेशा याद रखने योग्य बातें(Things to remember always):
अगर हम बात करें रेगुलर टेस्ट की तो जैसे आपकी गायनो ने आपको जिस तरह से यानी चीज के टाइम पर टेस्ट के लिए बुलाया है उसके प्रकार अपने शरीर की जांच कराते रहें हम आपको बता दें इसमें आपके कौन कौन से टेस्ट शामिल हो सकते हैं। इस महीने आप शिशु की धड़कने सुन पाएंगे तथा आपका यूरिन टेस्ट लिया जाएगा जोकि शुगर और प्रोटीन की जांच के लिए होगा इसी के साथ साथ रक्त में प्रोटीन की जांच के लिए भी टेस्ट करवाया जा सकता है। शिशु के सर के पीछे तरल की जांच के लिए न्यूकल ट्रांसलुसेंसी करवाया जाएगा। तथा और भी अन्य टेस्ट जैसे कि मैटरनल सीरम टेस्ट, कोरियॉनिक विलस सैंपलिंग, आदि टेस्ट करवाए जा सकते हैं। कई बार एक प्रश्न उठता है जो कि होता है कि क्या हम तीसरे महीने शिशु के लिंग का पता लगा सकते हैं तो हम आपको बता दें तीसरा महीने इसकी पूर्ण तरीके से जांच नहीं की जा सकती। क्योंकि इस महीने शिशु का लिंग विकसित हो रहा होता है तो तीसरे महीने यह पता लगाना मुमकिन नहीं है।
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