Testicular Cancer in hindi:वृषण कैंसर के लक्षण, कारण और इलाज

वृषण कैन्सर क्या होता है: What is Testicular Cancer in Hindi

Table of Contents HIDE

वृषण कैन्सर या अंडकोश का कैन्सर एक बहुत ही घातक प्रकार का कैन्सर होता है क्यूँकि इस प्रकार के कैन्सर में जीवित रहने की सम्भावना बहुत कम होती है।-Testicular Cancer in hindi

वृषण कैन्सर, वैसे पुरुष के अंडकोष में होता है, जो उसके लिंग के ठीक निचे, एक थैली में स्थित होते है। अंडकोष पुरुष सेक्स हार्मोन, टेस्टास्टरोन और शुक्राणु को उत्पन्न करते है|

 एक नज़रिए से अंडकोष में पड़ने वाली गाँठ या ट्यूमर को ही, वृषण कैंसर कहा जाता है| यदि सही समय पर पता चले तो  इसका इलाज संभव होता है। 

यहाँ डरने की कोई ज़रूरत नहीं होती, क्योंकि यदि वृषण कैंसर अंडकोष से बाहर भी फ़ैल जाए, तो भी इसका इलाज किया जसकता है। बस वो उसके  प्रकार और स्थिति के ऊपर निर्भर करता है।

 वृषण इंसानी शरीर के गुप्त अंग के बहुत ही आवश्यक भाग होते हैं। यह बात हम जानते हैं कि इंसान अपने गुप्तांगों को ख़ुद की आँखों से सीधा नहीं देख सकता। इसी कारण वश उसके रख-रखाव या देख़बाल करने के लिए अलग-अलग तकनीकों की सहायता ली जाती है।

  • वैसे इन तकनीकों के भी लक्षण होते हैं जिनसे हम गुप्तांग पर आई ख़राबी को  पहचान सकते हैं। 
  • इस प्रकार का कैन्सर पुरुषों के लिए काफ़ी घातक एवं जानलेवा तो  होता ही है, पर बाक़ी कैन्सर के प्रकारों की तरह इसका उपचार भी शुरुआती चरणों में सम्भव है।
  • आगे चलकर वृषण कैन्सर एक ख़तरनाक रूप ले लेता है। जैसा कि हमने पहले बताया, यह जलेवा हो सकता है। बाक़ी कैन्सर के प्रकारों की तुलना में यह कठिन और जटिल होता है। 
  • एक शोध बताती है की भारत में एक लाख पुरुषों में से सिर्फ़ एक पुरुष ही ज़िंदा बचता है। अब आप अनुमान लगा सकते हैं कि यह कितना ख़तरनाक प्रकार का कैन्सर होता है।

वृषण कैंसर के कारण:Causes of testicular cancer

  • ज़्यादातर टेस्टिकूलर या अंडकोश या वृषण कैन्सर की शुरुआत जर्म सेल या कोशिकाओं से होती है। वैसे यह कोशिकाएँ अंडकोश में मौजूद होते हैं, ना पके शुक्राणु या स्पर्म का उत्पादन करते हैं। 
  • अभी भी चिकित्सक इस बात की वजह नहीं बता पाते की आख़िर क्यों टेस्टिकूलर कोशिकाओं में कैन्सर होता है। ये अस्पष्टता अभी भी इंसान को ठीक नहीं करने का बड़ा कारण बन रही है, लेकिन कुछ वजह जेनेटिक भी हो सकते हैं।

टेस्टिकुलर कैंसर होने की संभावना इन मामलों में ज़्यादा होती हैः

  • जिनके परिवार में पहले से हाई किसी को टेस्टिकुलर कैंसर हुआ हो।
  • HIV पॉज़िटिव होने पर इसका खतरा बढ़ जाता है।
  • टेस्टिकल के आकार में असामान्य बढ़ोतरी।
  • दुःख की बात यह है की टेस्टिकुलर कैंसर या वृषण (अंडकोष) कैंसर से बचा नहीं जा सकता, क्योंकि डॉक्टरों को इसका सही कारण आज तक नहीं पता है।
  • इसमें अनुवांशिक कारण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

वृषण कैंसर के प्रकार: Types Of Testicular Cancer in Hindi

वृषण कैंसर नीचे दिए गए प्रकार होते हैं:

  • जर्म सेल ट्यूमर :

इसमें अधिकतर, यानी की नब्बे प्रतिशत से अधिक मरीज़ों में  

जर्म सेल्ज़ या कोशिकाएँ, शुक्राणु बनती हैं।

  • स्ट्रोमल ट्यूमर :-

इस प्रकार के कैन्सर में जो ट्यूमर होता है वो अंडकोश में मदद गर होते हैं, वो टिशू या उत्तक पर भी विकसित हो जाते हैं।

  • सेकेंडरी वृषण कैंसर :-

ऐसा कैन्सर का प्रकार जो प्राथमिक तरीक़े से किसी और अंग में शुरू होता है, और फिर कुछ समय बाद अंडकोश में बढ़ता है, उसे सेकंडेरी वृषण कैन्सर कहते हैं।

वृषण कैंसर के चरण: Stages Of Testicular Cancer in Hindi

  • पहला चरण :

इस चरण में कैन्सर सिटफ अंडकोश तक हाई सीमित रहता है।

  • दूसरा चरण :

इस चरण में कैन्सर अंडकोश से निकलकर पेट के लिफ़्ट तक फैल चुका होता है।

  • तीसरा चरण :

इस चरण में कैन्सर अंडकोश से निकलकर शरीर के और भागों में, जैसे की जिगर, हड्डीऔर फेफड़ों तक को प्रभावित करता है।

वृषण कैंसर के लक्षण: Symptoms Of Testicular Cancer in Hindi

अंडकोश कैन्सर को पहचानना हो तो यह निम्नलिखित लक्षण पाए जाँगे:

  • अंडकोष में गाँठ
  • किसी एक अंडकोष में बढ़ोतरी|
  • पेट के निचले हिस्से में दर्द|
  • पेट और जांघ के बीच में हल्का दर्द|
  • अंडकोष की थैली में दर्द|
  • अंडकोष की थैली में द्रव का अचानक से संग्रह होना|
  • स्तनों में बढ़ोतरी।
  • पीठ में दर्द।
  • सेक्स के दौरान दर्द होना| 
  • अंडकोष की थैली में भारीपन लगना|
  • निपल्स नर्म हो जाना|
  • अंडकोष के आकार में परिवर्तन|
  • अंडकोष में सुजन|
  • नसों में खून का थक्का जमना|
  • पैरों में सुजन|
  • सांस लेने में तकलीफ होना|
  • संक्रमण। 

वृषण कैंसर के कारण: Reason Of Testicular Cancer in Hindi

  • कैंसर का पारिवारिक इतिहास होना।
  • वृषण में मौजूद स्वस्थ कोशिकाओं में बदलाव होना।
  • धुम्रपान।
  • तम्बाकू और शराब के सेवन करने से।

वृषण कैंसर से बचाव: Prevention Of Testicular Cancer in Hindi

  • नियमित वृषण की जांच करवाएं।
  • अंडकोष में किसी भी तरह का बदलाव दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं।
  • धुम्रपान, तम्बाकू और शराब से दुरी बनाये।
  • स्वस्थ और संतुलित आहार खाएं।

वृषण कैंसर की जांच: Diagnosis Of Testicular Cancer in Hindi

  • अल्ट्रासाउंड
  • शारीरिक परिक्षण और चिकित्सा इतिहास की जांच
  • सीरम ट्यूमर मार्कर टेस्ट
  • बायोप्सी
  • सिटी स्कैन
  • एक्स-रे
  • पेशाब की जांच

वृषण कैंसर का उपचार: Treatment

  • सर्जरी
  • विकिरण थैरेपी
  • किमोथैरेपी

जब कैन्सर ज़्यादा बाढ़ जाता है, तब अधिक मात्रा में कीमोथेरपी की जाती है। इससे कैन्सर की कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। उसके बाद स्टेम कोशिकाओं का ट्रान्स्प्लैंट किया जाता है।

वृषण कैंसर का इलाज संभव होता है। वृषण कैंसर को दुर्लभ कैंसर भी माना जाता है। मतलब ये कैंसर कम ही लोगों को ग्रस्त करता है या कम लोगों में देखने को मिलता है। 

याड़ी सही वक़्त पर इलाज करा लिया जाए तो कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है। ये कहना गलत नहीं होगा कि कैंसर का उपचार सही समय पर कराने से ट्रीटमेंट की सफलता रेट बढ़ जाती है। अंडकोष में गांठ का इलाज कराने के लिए आप विशेषज्ञ से जानकारी ले सकते हैं। साथ ही अंडकोश में दर्द, कैंसर में गांठ की पहचान आदि के बारे में भी जानकारी जरूर लें।

  • कैंसर किस स्टेज का है इस नींव पर इसका उपचार किया जाता है। इलाज के विकल्प में शामिल हैः

रेडिएशन थेरिपी– Radiation therapy

सेमिनोमा टेस्टिकूलर कैंसर के उपचार के लिए कई बर इस थेरपी का उपयोग किया जता है। इसके साथ-साथ अंडकोश को हटाने वाली शल्य चिकित्सा के बाद भी सलाह दी जाती है।

इस थेरेपी के कुछ दुष्प्रभाव भी होते हैं। इनमे से कुछ नामी सैड-एफ़्फ़ेक्ट हैं मत्तलि, थकान, त्वचा का लाल होना और गरोईं एरिया मे जलन।  

इसी के करन कुछ वक़्त के लिए पुरुषों मेन स्पर्म का बना नहीं होता। उनके बच्चे देने की योग्यता को भी प्रभावित कर्ता है।

जब आपको इस बीमारी के कोई लक्षण दिखें तो अपने चिकित्सक से ज़रूर सम्पर्क करें।

वृषण कैंसर के जोखिम: Risk And Complications Of Testicular Cancer in Hindi

  • वैसे वृषण कैंसर का उपचार सम्भव तो है, पर अच्छा होगा की वह शुरुआत में ही करवा सकें। अगर कैन्सर दूसरे भागों में फैल जाए तो उसका इलाज करवाना मुश्किल तो होता ही है, पर शरीर के लिए हानिकारक भी होता है।
  • एक बड़ी बात यह है की इससे आपकी सेक्स क्षमता पर सीधा असर पड़ता है। यदि आपके एक या दोनो अंडकोश हटा दिए जाए, तो आपकी प्रजनन योग्यता पर असर पड़ सकता है। जैसे ही इस बीमारी के कोई लक्षण दिखे, तो अच्छा होगा कि बचाव के लिए आप किसी चिकित्सक से ज़रूर बात करें, अन्यथा आपको आगे चलकर दिक्कत हो सकती है।

कैंसर के बारे में कुछ और महत्वपूर्ण जानकारिया

Category: उपचार बीमारीTagged: Causes of testicular cancerDiagnosis Of Testicular CancerDiagnosis Of Testicular Cancer in HindiPrevention Of Testicular CancerPrevention Of Testicular Cancer in HindiRadiation therapyReason Of Testicular CancerReason Of Testicular Cancer in HindiRisk Complications Of Testicular Cancer in HindiRisk Of Testicular Cancer in HindiStages Of Testicular CancerStages Of Testicular Cancer in HindiSymptoms Of Testicular CanceSymptoms Of Testicular Cancer in Hinditesticular cancer in hinditesticular cancer ke lakshantesticular cancer symptoms in hindiThe chances of getting testicular cancer are more in these cases:Treatment Of Testicular CancerTreatment Of Testicular Cancer in HindiTypes Of Testicular CancerTypes Of Testicular Cancer in Hindivarsan cancer in hindivarsan cancer ke charanvarsan cancer ke jokhivarsan cancer ke jokhimvarsan cancer ke karanvarsan cancer ke lakshanvarsan cancer ke prakarvarsan cancer ke upcharvarsan cancer ki janchvarsan cancer kya hota haivarsan cancer se bchavWhat is Testicular CancerWhat is Testicular Cancer in Hindiरेडिएशन थेरिपीवृषण कैन्सर क्या होता हैवृषण कैंसरवृषण कैंसर का उपचारवृषण कैंसर की जांच:वृषण कैंसर के कारणवृषण कैंसर के चरणवृषण कैंसर के जोखिमवृषण कैंसर के प्रकारवृषण कैंसर के लक्षणवृषण कैंसर से बचाव
Ruchi singh chauhan
मेरा नाम रूचि सिंह चौहान है ‌‌‌मुझे लिखना बहुत ज्यादा अच्छा लगता है । मैं लिखने के लिए बहुत पागल हूं ।और लिखती ही रहती हूं । क्योकि मुझे लिखने के अलावा कुछ भी अच्छा नहीं लगता है में बिना किसी बोरियत को महसूस करे लिखते रहती हूँ । मैं 10+ साल से लिखने की फिल्ड मे हूं ।‌‌‌आप मुझसे निम्न ई-मेल पर संपर्क कर सकते हैं। [email protected]
Posts created 449

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts

Begin typing your search term above and press enter to search. Press ESC to cancel.

Back To Top