उपदंश(सिफलिस) क्या हैं (What is Syphilis in hindi)
सिफलिस(Syphilis in hindi) या उपदंश की बीमारी बैक्टीरिया की वजह से होती हैं या अगर यूं कहा जाए कि बैक्टीरिया के संक्रमण की वजह से ही सिफलिस जैसी बीमारी होती हैं तो गलत नहीं होगा। इस बीमारी में बैक्टीरिया संक्रमण त्वचा में सिफिलिटिक छाले और श्लेष्मा झिल्ली में सीधे रूप से प्रवेश कर जाता हैं। सही समय पर सही इलाज ना होने वाली ये बीमारी गंभीर रूप धारण कर लेती हैं और ये बीमारी यौन संचारित होती हैं।
पहले से किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से ये बीमारी फैलती हैं, हालांकि ये संक्रमित व्यक्ति के द्वारा किसी वस्तु को छूने से नही फैलता जैसे कि दरवाजों के हैंडल, नल, मेज या अन्य कोई भी वस्तु। इस बीमारी में मुंह मे छाले हो सकते हैं, इसके अलावा मलाशय, गुदा, होंठ या योनि में भी छाले हो सकते हैं। कुछ यौन क्रिया जैसेकि मौखिक, गुदा या योनि संबंधी, करने से भी इस बीमारी के होने का खतरा रहता हैं। इस बीमारी के जितने भी मामले देखे गए हैं उनमें से कुछ गिने चुने मामलों में ही इस बीमारी की होने की वजह को चुंबन बताया गया हैं।
बताया जाता हैं कि अगर किसी के मलाशय, मुंह, त्वचा या जननांगों पर किसी तरह का बिना दर्द वाला छाला होता हैं तो ये इस बीमारी का एक लक्षण हो सकता हैं। जैसेकि ये बात हमने बताई कि इसमें दर्द रहित छाला होता है इसकी वजह से काफी लोग इसे अनदेखा कर देते हैं। इसलिए उनका इलाज करवाना जरूरी हो जाता हैं क्योंकि कई बार तो ये अपने आप ठीक हो जाते हैं लेकिन ठीक होने के बावजूद इस बीमारी में उत्पन्न बैक्टीरिया शरीर मे रह जाते हैं।
इस बीमारी का शुरुआती उपचार पेनिसिलिन द्वारा किया जाता हैं, विशेषज्ञों के अनुसार ये बीमारी इलाज के बाद ठीक हो जाती हैं इसके दुबारा होने के अवसर काफी ना के बराबर होते हैं परंतु वो ये भी बताते हैं कि अगर कोई व्यक्ति इस बीमारी के बैक्टीरिया के संपर्क में ज्यादा रहता हैं तो उसे दुबारा ये बीमारी होने का खतरा बन जाता हैं।
बताया जाता हैं कि अगर कोई गर्भवती महिला इस बीमारी से पीड़ित हैं तो वो अपने होने वाले बच्चें को ये बीमारी दे सकती हैं।
उपदंश(सिफलिस) के लक्षण (Symptoms of Syphilis in hindi)
इस बीमारी के लक्षण इस बीमारी के चरणों पर निर्भर करता हैं आइये इस बीमारी के लक्षणों के बारे में समझने की कोशिश करते हैं।
प्रारंभिक चरण- इस चरण में दो मुख्य लक्षण हैं
- छोटे छाले
- दर्द रहित छाले
माध्यमिक चरण- इस चरण के मुख्य लक्षण निम्नलिखित हैं
- गले मे खराश रहना
- बिना किसी प्रयास के वजन घटना
- थकान बनी रहना
- लसिका ग्रन्थि का सूजा रहना
- असमय बालों का झड़ना
- गुदा, मुंह और जननांग में छाले
- शरीर पर चकते के निशान
अव्यक्त उपदंश- सिफलिस का ये चरण कई वर्षों तक बना रह सकता हैं ऐसी स्थिति में व्यक्ति के शरीर में काफी ज्यादा बीमारी हो जाती है ।
अंतिम चरण- इस चरण के कुछ मुख्य लक्षण निम्न हैं
- स्मरण शक्ति का कमजोर होना
- मानसिक बीमारी
- बहरापन
- अंधापन
- तांत्रिक संबंधी रोग
उपदंश(सिफलिस) होने के कारण (Causes of Syphilis in hindi)
जैसाकि हम पहले ही ये बता चुके है कि ये बीमारी बैक्टीरिया के संक्रमण से फैलती हैं, ये जानना जरूरी हैं कि शरीर मे बैक्टीरिया आपके शरीर मे लगी चोट या किसी तरह की खरोंच के कारण शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इन सबके अलावा ये बीमारी पहले से संक्रमित किसी व्यक्ति के साथ संपर्क में आने से भी फैल जाती हैं।
एक गर्भवती महिला अपने होने वाले बच्चे को ये बीमारी दे देती हैं, यदि कोई व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित होने के बाद ठीक हो जाता है लेकिन वही व्यक्ति फिर से अगर किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में किसी भी तरह से आये यो दुबारा संक्रमित होने का खतरा रहता हैं।
उपदंश(सिफलिस) से बचाव (Prevention From Syphilis)
विशेषज्ञों के अनुसार इस बीमारी से बचने का सबसे महत्वपूर्ण और आसान तरीका हैं सुरक्षित रूप से सेक्स करना, जैसाकि बताया जाता हैं कि सेक्स करते समय हमेशा कंडोम का इस्तेमाल किजिए। आइये इस बीमारी से बचने के कुछ तरीके निम्नलिखित हैं
- ज्यादा लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाने से बचे।
- किसी के साथ भी किसी तरह के सेक्स खिलोने के इस्तेमाल से बचें।
- ओरल सेक्स के समय डेंटल डैम का प्रयोग कीजिए
- यौन संबंधी रोग की समय से जांच करवाएं।
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