दाद क्या है?(What is ringworm in hindi)
दाद(ringworm in hindi) को मेडिकल की भाषा में टिनिया कहते हैं, इस त्वचा की बीमारी का नाम उस जगह संदर्भ में रखा जाता है जहां पर इसका संक्रमण शुरू होता है।
दाद संक्रमण के कुछ प्रकार होते हैं जिनमें शामिल हैं -(There are some types of herpes infections which include)
- कोर्पोरिस
- टिनिया कैपेटिस
- टिनिया पेडिस
- टिनिया क्रूरिस।
दाद एक परतदार और पपड़ीदार चकत्ते के कारण बनता है जो त्वचा पर गोल और लाल चकत्ते के रूप में दिखाई पड़ता है। दाद के अन्य संकेत और लक्षण भी हैं, जिनमें दाद की जगह से बाल झड़ना, खुजली, घाव या छाले आदि शामिल हैं। दाद संक्रामक होता हैं, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता हैं।शारीरिक परीक्षण के दौरान त्वचा की जांच, माइक्रोस्कोप की सहायता से प्रभावित त्वचा को खुरचना और ‘कल्चर’ टेस्ट किये जा सकते हैं, जिनकी मदद से डॉक्टर बीमारी के लिए उचित इलाज का निर्धारण कर पाते हैं और इससे संबंधित अन्य स्थितियों का भी पता लगा पाते हैं। एक सफल उपचार के लिए एक उचित परीक्षण आवश्यक माना जाता है।
दाद को एंटी फंगल दवाइयों की मदद से सफलता पूर्वक ठीक किया जा सकता है। संबंधित दवाइयां खाने और लगाने दोनों ही तरीकों हेतु उपलब्ध है।
दाद के प्रकार:(Types of ringworm in hindi)
दाग के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
टिनिया बारबाइ- यह चेहरे की दाढ़ी वाले क्षेत्र और गर्दन पर सूजन और निशान के साथ होता है, जिसके साथ अक्सर इसमें खुजली भी होती है। इसके कारण कई बार बाल टूटने लगते हैं। अक्सर यह नाई के पास हमेशा दाढ़ी कटवाने जाने के दौरान हो जाता है। इसलिए इसको दाढ़ी के दाद को नाई की खुजली भी कहा जाता है।
टिनिया कैपेटिस-यह दाद खोपड़ी में होता है, जो मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है। यह खासतौर पर बचपन के बाद वाले समय या किशोरावस्था के दौरान होता है। यह स्थिति सामान्य रूप से स्कूलों में फैलती है। टिनिया कैपेटिस के कारण माथे के कुछ हिस्से में गंजापन दिखने लगता है। (यह सेबोरिया और रूसी के विपरित होता है, जो बाल झड़ने का कारण नहीं होते हैं)।
टिनिया क्रूसिस- जोड़ों, आंतरिक जांघें और नितंबों के आस पास की त्वचा पर होने वाले दाद को ‘क्रूसिस टिनिया’ नाम से जाना जाता है। दाद का यह प्रकार किशोर लड़कों और पुरूषों में काफी आम होता है।
टिनिया पेडिस-पैर के दाद संक्रमण के संदर्भ में ‘टिनिया पेडिस’ सबसे आम होता है। यह उन लोगों में अक्सर देखा जाता है जो ऐसे सार्वजनिक स्थान पर नंगे पांव जाते हैं, जहां संक्रमण का खतरा होता है। जैसे बाथरूम और स्विमिंग पूल।
दाद के लक्षण -(Symptoms of ringworm in hindi)
दाद के लक्षण इसके संक्रमण के आधार पर अलग-अलग होते हैं, जिसमें त्वचा के संक्रमण के साथ अलग-अलग अनुभव हो सकते हैं जिनमें निम्नलिखित प्रमुख है:-
- लाल चकत्ता, त्वचा में खुजली या जलन, त्वचा पर परतदार और उभरा हुआ दाग,
- दाग का फैलना या बढ़कर फफोला बन जाना,
- दाग का बाहरी तरफ से किनारों पर लाल हो जाना या एक अंगूठी के समान आकृति वाला दाग,
- ऊपर की तरफ उभरे हुए किनारों वाले दाग।
अगर आपके नाखूनों में डर्मेटॉफाइटोसिस हो गया है, तो वे पतले और बेरंग हो सकते हैं। यहां तक कि उनमें दरार भी आ सकती है। यहीं स्थिति सिर में होने पर प्रभावित हिस्सों से बाल टूट या झड़ सकते हैं और दाग की जगह पर गंजापन होने की संभावना हो सकती है।
दाद के कारण (Due to ringworm in hindi )
दाद एक संक्रामक फंगल संक्रमण होता है, जो फफूंदी जैसे परजीवी के कारण होता है। यह परजीवी आपकी बाहरी त्वचा की कोशिकाओं में पनपता है और कई तरीकों से फैल सकता है जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलना- दाद संक्रमित व्यक्ति की त्वचा से किसी स्वस्थ व्यक्ति की त्वचा का संपर्क में आने पर यह रोग फैल सकता है।
जानवर से मानव में फैलाव– दाद से ग्रसित जानवर को स्पर्श करने से भी दाद का संक्रमण मनुष्य के शरीर फैल सकता है। जैसे घर के पालतू संक्रमित कुत्ते या बिल्ली को लाड़ प्यार करना। दाद का संक्रमण गायों में भी काफी सामान्य होता है।
वस्तु से मानव में फ़ैलाव-मानव या जानवर द्वारा किसी संक्रमित वस्तु को छूने से भी दाद का संक्रमण उनमें फैल सकता है। संक्रमित वस्तुएं जैसे कि कंघी, ब्रश, कपड़े, तौलिया, बिस्तर और चादर।
मिट्टी से मानव में फैलाव-यह काफी कम होता है कि संक्रमित मिट्टी के संपर्क में आने से किसी व्यक्ति को दाद का संक्रमण हो जाए। पर अक्सर यह तभी होता है जब कोई व्यक्ति अत्याधिक संक्रमित मिट्टी के संपर्क में लंबे समय तक रहे।
दाद से बचाव( ringworm in hindi prevention)
दाद की रोकथाम के उपाय:-
स्वस्थ और स्वच्छ व्यवहार का आचरण करते हुऐ दाद के संक्रमण की रोकथाम की जा सकती है। ज्यादातर संक्रमण जानवरों के संपर्क और उचित स्वच्छता की कमी के कारण होता है। दाद से बचने के लिए नीचे कुछ सुझाव दिए गए हैं:
- जानवरों को स्पर्श करने के बाद अपने हाथ धाएं,
- पालतू जानवरों के रहने की जगह को स्वस्च्छ और कीटाणुरहित रखें,
- अगर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है, तो संक्रमित जानवरों या लोगों से दूर रहने की कोशिश करें,
- नियमित रूप से अपने बालों को शैंपू करें और धोएं,
- बारिश के दिनों में सार्वजनिक क्षेत्रों में जूते पहन कर जाएं,
- जिन लोगों को संक्रमण की आशंका है, उन लोगों के साथ अपने निजी चीजें शेयर ना करें, जैसे कपड़े, कंघी आदि।
- अपने पैरों को साफ और सूखा रखें।
दाद का इलाज -(Treatment of ringworm in hindi )
दाद के उपचार कैसे किया जाता है –
घरेलू उपचारों से दाद को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता। इसके लिए ‘एंटीफंगल’ दवाइयां लेना बहुत जरूरी होती हैं। दाद के उपचार के लिए दवाओं को लगाकर और खाकर इसे ठीक किया जा सकता है।
- सामान्य उपचार-जब दाद शरीर की त्वचा या जोड़ों जैसे भागों को प्रभावित करता है तो उसके लिए कई एंटी फंगल क्रीम उपलब्ध हैं। ये एंटी फंगल क्रीम दो हफ्तों के भीतर स्थिति को सामान्य कर देती हैं। इनमें क्लोट्रीमजोल, कीटोकोनाजोल जैसे अवयव शामिल हैं। ये उपचार पैर फंगल संक्रमण जैसे कई मामलों के लिए भी काफी प्रभावी होते हैं। इनमें काफी सारी ऐसी क्रीम हैं जो मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध हैं। यह आम तौर पर जरूरी होता है कि इन एंटीफंगल क्रीम का प्रयोग कम से कम दो हफ्ते तक किया जाए। एंटीफंगल दवा ल्यूलिकॉनेजोल एक एंटीफंगल टॉपिकल एजेंट है। यह 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के वयस्कों में टिनया क्र्यूरिस और टिनिया कार्पोरिस को ठीक करने के लिए उपयुक्त है। इससे एक सप्ताह तक हर रोज दिन में एक बार उपचार किया जा सकता है।
- क्रमबद्ध उपचार-कुछ फंगल संक्रमण सामान्य दवाओं पर ठीक से प्रतिक्रिया नहीं करते, जैसे सिर और नाखून के फंगल संक्रमण। ऐसी जगहों पर जहां क्रीम ठीक से नहीं लगाई जा सकती वहां पर दाद की बढ़ती गंभीरता को रोकने के लिए खाने की दवाइयों का प्रयोग किया जाता है। ग्रेसियोफल्विन टेबलेट लंबे समय तक एक प्रभावी एंटीफंगल दवाई रही है, लेकिन अब अन्य दवाएं भी उपलब्ध हैं जो ग्रेसियोफल्विन के जितनी सुरक्षित और ज्यादा प्रभावी हैं। इनमें शामिल हैं टर्बिनेफाइन, इंट्राकोनेजोल और फ्ल्यूकोनेजोल। खाने की दवाएं आमतौर पर तीन महीने तक दी जाती हैं।
दाद में क्या खाना चाहिए?(What to eat in ringworm)
दाद संक्रमण(ringworm in hindi) से पीड़ित व्यक्ति हेतु जिन खाद्य पदाथों का सुझाव दिया जाता है उनमें निम्नलिखित शामिल है:-
लहसुन- दाद संक्रमित व्यक्ति को यह सलाह दी जाती है कि वह अपने मुख्य व्यंजन में लहसुन वाले व्यंजन को शामिल करें, जैसे पुलाव, करी, सूप, पास्ता या उबली हुई सब्जियां आदि। ‘दी न्यू हीलिंग हर्ब्स’ के लेखक माइकल कासलमैन के अनुसार, लहसुन में एक एलीसिन नाम का केमिकल होता है, जिसमें एंटीफंगल के गुण होते हैं। दाद के उपचार या उसकी रोकथाम के लिए अगर आप लहसुन का नियमित उपयोग करने की योजना बना रहे हैं तो पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें। क्योंकि, लहसुन आपके खून को पतला करने का भी काम करता है।
विटामिन-ई से परिपूर्ण खाद्य पदार्थ- विटामिन-ई की मदद से हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जा सकता है। जिसकी मदद से शरीर ल्यूकोसाइटिस का उत्पादन करती है, जो शरीर में फंगल को नष्ट करने का काम करते हैं। विटामिन-ई त्वचा में ऊतकों के उत्पादन करने में भी भूमिका अपनी निभाता है, जिससे दाद के कारण होने वाले निशान कम हो सकते हैं। विटामिन-ई के मुख्य स्त्रोतों शामिल हैं:-
- जैतून का तेल (ऑलिव ऑयल)
- सूरजमुखी का तेल
- अखरोट
- मसूर की दाल
- पालक
- बादाम
- तिल
- साबुत अनाज के ब्रैड
(उपरोक्त सभी खाद्य पदार्थो में प्रचुर मात्रा में विटामिन-ई पाई जाती है।)
विटामिन- ए से परिपूर्ण खाद्य पदार्थ- विटामिन-ए की मदद से हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, जिससे फंगल संक्रमण का खतरा कम रहता है।
लौंग– लौंग थोड़ा तीखा और थोड़ा मीठा स्वाद का होता है, जो भारतीय व्यंजनों में और एशियन फ्राई व्यंजनों में मुख्य रूप से देखा जाता है। इसका सेवन भी फंगल संक्रमण से दूर रखने में मददगार साबित होता है।