आपने बहुत सी बीमारियों के बारे में सुना होगा और कुछ बीमारियाँ तो आपके परिवार में सदस्यों को हुई भी होगी ऐसे में जब किसी बीमारी के बारे में हमें संपूर्ण जानकारी नहीं होती है तो हम उसका सही इलाज नहीं करा पाते हैं। जिसकी वजह से बीमारी बहुत ज्यादा दयनीय अवस्था तक पहुंच जाती है ऐसे में कुछ आम बीमारियों के बारे में जानकारी रखना आपके लिए बेहद आवश्यक हो जाता है। आज हम आपको ऐसी ही एक आम बीमारी इसका नाम निमोनिया(Pneumonia in hindi) है उसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
निमोनिया क्या होता है(What is Pneumonia in hindi)?
फेफड़ों में होने वाली सूजन या इंफेक्शन को निमोनिया का नाम दिया जाता है। यदि फेफड़ों में होने वाली सूजन या इंफेक्शन फेफड़ों के मात्र एक हिस्से को ही प्रभावित करता है तो उसे लोबर निमोनिया कहा जाता है इसके अतिरिक्त यदि वह दोनों ही फेफड़ों के सभी वर्गों को प्रभावित कर देता है तो इसे मल्टी बॉबलर निमोनिया कहकर संबोधित किया जाता है।
एक व्यक्ति को निमोनिया तब होता है जब उसके दोनों फेफड़ों के अंदर शुद्ध हवा के स्थान पर मवाद और अन्य तरल पदार्थ बनने आरंभ हो जाते हैं इन सब की वजह से ऑक्सीजन का आवागमन कम हो जाता है। निमोनिया का खतरा मुख्य रूप से हृदय और फेफड़ों के रोग या शराब किडनी फेलियर, एचआईवी, डायबिटीज आदि से पीड़ित लोगों को ज्यादा रहता है। आमतौर पर यह खतरा 2 साल से कम उम्र के बच्चों में भी देखा जाता है।
निमोनिया के प्रकार(Types of Pneumonia in hindi)
आमतौर पर निमोनिया के कई प्रकार देखे जा सकते हैं जिसमें से कुछ निम्नलिखित हैं:-
- बैक्टीरियल निमोनिया
- वायरल निमोनिया
- आकांक्षा निमोनिया
- फंगल निमोनिया
- अस्पताल द्वारा अधिकृत निमोनिया
- समुदाय आधारित निमोनिया
स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया यह एक आम निमोनिया है जो मात्र फेफड़ों में होने वाली सूजन की वजह से हो जाता है।
कुछ स्वसन संकरी वायरस भी होते हैं जिसमें इनफ्लुएंसर टाइप ए एंड बी और ब्लू प्रकार के वायरस जिनकी वजह से छोटे बच्चे और बुजुर्गों में निमोनिया की शिकायत पाई जाती है।
फंगल निमोनिया अक्सर मिट्टी या पक्षियों द्वारा छोड़े जाने वाले इनहेलेशन में मौजूद कवक के संपर्क में आने की वजह से होता है।
इसके अलावा वायु में कुछ ऐसे कारण होते हैं जो ट्रेकियोस्टोमी वाले मरीजों में ऐसे बैक्टीरिया को पहुंचा देता है जिसकी वजह से निमोनिया हो जाता है। इसे अस्पताल आधारित निमोनिया के नाम से भी जाना जाता है।
निमोनिया के शुरुआती लक्षण(early symptoms of pneumonia)
यदि कोई व्यक्ति निमोनिया से पीड़ित हो जाता है तो उसमें निम्नलिखित प्रकार के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। जिनको देखने के बाद तुरंत व्यक्ति को अस्पताल ले जाना आवश्यक होता है। आइए जानते हैं क्या है वे लक्षण:-
- निमोनिया से पीड़ित व्यक्ति को बहुत ज्यादा खांसी होने लगती है और खांसी के साथ बलगम के साथ साथ खून आने की शिकायत भी नजर आती है।
- मरीज को बहुत ज्यादा तेज बुखार हो जाता है जबकि उसके शरीर का तापमान 101 डिग्री या उससे अधिक होने लगता है।
- निमोनिया से पीड़ित व्यक्ति को बहुत ज्यादा पसीना आता है और साथ ही बहुत ज्यादा ठंडी लगती है।
- सांस लेने में कठिनाई होने लगती है।
- जी मिचलाना और उल्टी होना भी निमोनिया के लक्षण है।
- मरीज को छाती में दर्द का अनुभव होने लगता है और साथ ही उसे घबराहट भी महसूस होने लगती है।
- खाना खाने या कुछ भी तरल पदार्थ पीने में मरीज को बहुत ज्यादा तकलीफ होती है।
- धीरे-धीरे शरीर कमजोर पड़ने लगता है और शरीर में एनर्जी लेवल भी गिरने लगता है।
किसी भी व्यक्ति में यदि यह सभी लक्षण 3 दिनों से ज्यादा समय तक देखे जाएं तो समझ लीजिए मरीज को फेफड़ों से संबंधित परेशानी है और निमोनिया की शिकायत होने की संभावना है।
निमोनिया के क्या कारण है(what causes pneumonia)?
निमोनिया होने के कई कारण हो सकते हैं जिनमें से कुछ आम बीमारियों के विपरीत भी होते हैं।
- निमोनिया एक संक्रमित रोग है जिसकी वजह से यदि एक व्यक्ति को यह रोग हो जाता है उसके जरिए यह लोग आसानी से दूसरे व्यक्ति तक पहुंच जाता है।
- हवा में मौजूद कुछ विषय कणों की वजह से भी निमोनिया की शिकायत होती है इसलिए वायु प्रवाह को भी निमोनिया के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है।
- बैक्टीरिया कवक वायरस मोयकोमासेमस यहां तक कि कुछ विषैले रसायनों की वजह से भी निमोनिया की शिकायत देखने को मिलती है।
किन लोगों को निमोनिया से खतरा हो सकता है(Who can be at risk)?
- मुखी रुद्राक्ष गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को निमोनिया से ज्यादा खतरा होता है जिनमें से कुछ अस्थमा, हृदयरोग, ब्रोन्किइक्टेसिस ऐसे मरीजों में प्रतिरक्षा प्रणाली की कमी होती है जिसकी वजह से उनमें निमोनिया का खतरा जल्दी पैदा होता है।
- कुछ लोग जो एचआईवी या एड्स जैसे कारण गंभीर रूप से पीड़ित होते हैं उनमें भी निमोनिया जैसे जीवाणु जल्द ही संक्रमित करते हैं।
- कुछ लोगों को शराब के सेवन धूम्रपान व कुछ विभिन्न प्रकार की दवाओं की सेवन की लत होती है जिसकी वजह से भी उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली में कमी आ जाती है और वे निमोनिया का शिकार हो जाते हैं।
- कुछ लोगों को जानवर पालने का शौक होता है और जानवरों के साथ रहने वह उनके संपर्क में आने से भी मौखिक स्वच्छता में कमी आ जाती है जिसकी वजह से जानवरों के साथ संपर्क में आने वाले व्यक्तियों को भी निमोनिया की शिकायत हो जाती है।
निमोनिया में किया जाने वाला परहेज
प्रत्येक बीमारी के अपने गलत परहेज होते हैं जिसमें से निमोनिया के विभिन्न परहेज है जो निम्नलिखित हैं:-
- निमोनिया से पीड़ित व्यक्ति को जिस भोजन से एलर्जी हो उन्हें वह नहीं खाने चाहिए।
- शक्कर व शक्कर से बने उत्पाद और अत्यंत मीठे फलों से भी निमोनिया के मरीज को परहेज करना चाहिए।
- ठंडा खाना मरीज को नहीं देना चाहिए।
- बाजार से लाया हुआ कोई भी बना हुआ खाना नहीं खाना चाहिए।
- दूध दही व डेयरी उत्पाद से बनी कोई भी वस्तु नहीं खानी चाहिए क्योंकि उनसे ज्यादा बलगम बनता है।
- कॉपी और अन्य कैफीन युक्त उत्पाद का सेवन भी उन मरीजों के लिए निषेध होता है।
निमोनिया के मरीज को क्या खाना चाहिए(What should a patient eat ?)
निमोनिया(Pneumonia in hindi) के मरीज को निदान होने के बाद कुछ निम्नलिखित प्रकार के भजनों का सेवन करना चाहिए:-
- निमोनिया से पीड़ित व्यक्ति को एक संतुलित भोजन खाना चाहिए उसमें कोई भी कृत्रिम रंग वाला या बाहर का खाना नहीं मिला हुआ होना चाहिए।
- डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही पानी पीना चाहिए अन्यथा आप 4 से 6 गिलास पानी दिन भर में पी सकते हैं।
- विभिन्न प्रकार के फलों का रस, ताजा फल, दही, मिल्क शेक, लीन मीट, मछली और अंडे जैसे हल्के भोजन ही ग्रहण करने चाहिए।
- हरी व पकी हुई सब्जियों का भरपूर सेवन करना चाहिए।
निमोनिया का निदान(Diagnosis of Pneumonia in hindi)
आमतौर पर डॉक्टरों द्वारा निमोनिया का कोई भी सटीक इलाज नहीं बन पाया है लेकिन इस बीमारी से बचाव के लिए फ्लू का टीका लगाया जाता है। छोटे बच्चों में निमोनिया का टीका PCV13, 2 साल की कम उम्र के बाद लगा दिया जाता है। और वयस्कों के लिए PPSV23 नामक टीका उपलब्ध है जिससे निमोनिया के विषाक्त जीवाणुओं से रक्षा की जा सकती है।
निमोनिया का इलाज(treatment of pneumonia)
वैसे तो निमोनिया का इलाज किसी भी डॉक्टर की सलाह से ही लेना चाहिए परंतु उसके लिए कुछ मशहूर दवाइयां भी बाजार में उपलब्ध हैं जो निम्नलिखित हैं:-
- Aceclave
- Acmox
- Advent
- Amicin injection
- Amox CI
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