Pelvic pain in pregnancy in hindi:गर्भावस्था में श्रोणि का दर्द

महिलाओं में श्रोणि  का दर्द(Pelvic pain in pregnancy in hindi) का सबसे निचला भाग है।महिलाओं में पेल्विक दर्द अधिक सामान्य है। आपके श्रोणि में दर्द के कई अलग अलग कारण हो सकते है। जब आप गर्भधारण करती है और योनि से रक्तस्त्राव जैसे अन्य लक्षणों के साथ साथ दर्द होता है, तब इन लक्षणों के आधार पर उन्हें अलग अलग श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है सबसे सामान्य प्रकार के कारणों का उल्लेख नीचे किया गया है। दर्द निवारक दवाइयों के उपयोग से अधिकांश प्रकार के श्रोणि के दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है बार बार उतपन्न होने वाले कारणों के लिए उपचार उपलब्ध हैं

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जब भी आपको पेल्विक एरिया में कुछ अजीब सा लगे या फिर आप असहज महसूस करें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

डॉक्टर जाँच करते हुए आपसे पूछ सकते है पेल्विक एरिया में दर्द किस जगह से शुरू हो रहा है और उसकी तिव्रता कितनी है। साथ ही आप डॉक्टर को अपनी दिनचर्या और गतिविधियों के बारे में भी विस्तार से बताएं। इसके अलावा डॉक्टर आपके कमर व कूल्हों की गतिशीलता को करेंगे।डॉक्टर इसी के आधार पर तय करेंगे कि आपके श्रोणि क्षेत्र  में दर्द पीजीपी के काऱण हो रहा है या फिर किसी अन्य कारण है।

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श्रोणि का दर्द क्या है? (What is Pelvic pain in pregnancy in hindi)

श्रोणि आपके पेट का सबसे निचला हिस्सा है आपके श्रोणि के अंगों में आंत्र, मूत्राशय, गर्भ (गर्भाशय) और अंडाशय शामिल है। पैल्विक दर्द का सामान्य दर्द उस से है जो इन अंगों में से एक से शुरू होता है। कुछ मामलों में आपको दर्द पेल्विक अस्थियों में शुरू होता है जो इन अंगों के पास स्थित है या आसपास की मांसपेशियों, तांत्रिकाओं, रक्त वाहिकाओं या जोड़ो के पास भी दर्द शुरू हो सकता है। इसलिए, पेल्विक दर्द उत्पन्न होने के काऱण अनेक है।

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                                 पुरुषों की तुलना में महिलाओं में पेल्विक दर्द(Pelvic pain in pregnancy in hindi) अधिक सामान्य है। यह लीफलेट महिलाओं में श्रोणि के दर्द के सबसे सामान्य कारणों का समाधान प्रस्तुत करती हैं।  पेल्विक दर्द तीव्र या दीर्घकालिक हो सकता है। तीव्र दर्द होने का अर्थ यह है कि यह पहली बार है जब आपको इस तरह का दर्द हो रहा है। दीर्घकालिक दर्द का मतलब है कि यह दर्द लंबे समय – छह महीने से अधिक समय से आपके लिए समस्या बनी हुई हैं।

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प्रेग्नेंसी में होने वाले पेल्विक(श्रोणि) दर्द के कारण -(Causes of pelvic pain in pregnancy)

प्रेग्नेंसी में पेल्विक क्षेत्र का दर्द सभी महिलाओं पर अलग अलग तरह का प्रभाव दिखाता है । इसके मुख्य कारणों के बारे में तो कुछ कहा ही नहीं जा सकता, लेकिन इसके पीछे कई कारक देखे जाते है जैसे, पहले कभी पेल्विक क्षेत्र में लगी कोई चोट, पेल्विक जोड़ो का हिलना व प्रेगनेंसी के समय गर्भ में बच्चा व उसकी स्तिथि शामिल हैं।

निम्न वो कारक है जिनके होने पर किसी भी महिला के पेल्विक क्षेत्र में दर्द होने का जोखिम बढ़ सकता है –

  • पहले कभी पीठ के निचले हिस्से या पेल्विक(श्रोणि) क्षेत्र में दर्द रहा हो।
  • पहले कभी किसी दुर्घटना में पेल्विक(श्रोणि) क्षेत्र में चोट लगना ।
  • शारीरक रूप से कार्य करने वाली नौकरी करना ।

गर्भावस्था में पेल्विक पेन (श्रोणि में दर्द ) के लक्षण -(Symptoms of pelvic pain in pregnancy -)

गर्भावस्था के समय पेल्विक पेन में अलग तरह के लक्षण दिखाई देते है इसमे पेट के निचले हिस्से में ऐंठन होने लगती है इसके अलावा पेल्विक क्षेत्र के आगे व पीछे हल्का हल्का दर्द बना रहता है। गर्भावस्था के दौरान श्रोणि में होने वाले दर्द आपके बच्चे के लिए किसी भी तरह से हानिकारक नही होता है।लेकिन यह श्रोणि क्षेत्र के आसपास गंभीर दर्द का कारण बन सकता है ओर आपको इस से मुश्किल हो सकती हैं।

          अलग अलग महिलाओं में इसके अलग अलग लक्षण देखे जाते हैं,जो निम्लिखित है-

  • नाभि के ठीक नीचे जघन (प्यूबिक) की हड्डी पर दर्द।
  • आपके पीठ के हिस्से की निचली ओर एक या दोनों तरफ होना।
  • आपकी योनि ओर गुदा के बीच क्षेत्र में दर्द होना।( यह दर्द आपकी जांघो तक फेल सकता है और कुछ महिलाएं इसमे श्रोणि के क्षेत्र में हड्डियों के टकराने या घिसने की आवाज को महसूस करती है।यह दर्द निम्न परिस्थितियों में सबसे ज्यादा पता चलता है)
  • चलते समय ( घूमने पर)
  • सीढ़ियों पर चढ़ते समय 
  • जब आप एक पैर पर खड़े होते है ( जैसे कपड़े पहनते समय)
  • बिस्तर में एक तरफ लेटना 
  • आपके पैरों के सक्रिय होने पर भी यह दर्द हो सकता है (जैसे गाड़ी से बाहर निकलना)

प्रेग्नेंसी में होने वाली पेल्विक दर्द का इलाज- (Treatment of pelvic pain in pregnancy)

फिजियोथेरेपी को अपनाकर प्रेग्नेंसी में होने वाले पेल्विक दर्द में आपको आराम मिलता है।इस प्रक्रिया से मांसपेशियों का संचालन ठीक होता है। इसके साथ ही पेल्विक जोड़ की स्थिति में मजबूती आती है इसके अलावा पेल्विक पेन ले इलाज़ के लिए निम्न तरीको को अपनाया जाता है-

  • बिना किसी यंत्र के हाथों से की जाने वाली मेनुअल थेरेपी से आप पेल्विक के जोड़,कूल्हों व रीढ़ की हड्डी को भी आराम से घुमा पाते है।इस से आपका दर्द भी कम हो जाता है।
  • एक्सरसाइज करके आपको अपने पेल्विक क्षेत्र ,पेट ,पीठ व कूल्हों की मांसपेशियों को मजबूत बना सकती है।
  • पानी मे की जाने वाली एक्सरसाइज को भी करें।
  • विशेषज्ञों से इस बारे में सलाह लें कि आपको इस दौरान सेक्स व प्रसव के समय किस तरह की पोजिशन को अपनाना चाहिए। जिस से दर्द की तीव्रता को कम किया जा सके।
  • दर्द से आराम के लिए टेन्स (TENS- इसमें हल्के इलैक्ट्रिक करंट से दर्द को दूर किया जा सकता है।) प्रक्रिया को अपनायें।
  • पेल्विक क्षेत्र ने ज्यादा भार या दबाव न पड़े, इसलिए आप किसी बैसाखी की मदद लें या पेल्विक सपोर्ट बेल्ट को पहनकर रखें।

पेल्विक दर्द होने पर डॉक्टर के पास कब जाए?(When to go to the doctor when pelvic pain occurs?)

जब आपको पेल्विक क्षेत्र में हल्का हल्का दर्द महसूस हो रहा हो या आपको इसके कारण परेशानी हो रही हो तो तब आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए या इसके विषय मे अपने डॉक्टर व घर के सदस्यों से बात करनी चाहिए। इसकी पुष्टि होने के बाद आप फिजियोथेरेपी की मदद लेकर इसके दर्द को न सिर्फ कम कर सकती है बल्कि इस क्षेत्र में होने वाले जोड़ के दर्द को भी दूर करके,सामान्य तरह से भी काम को आसानी से कर सकती हैं। वैसे प्रेग्नेंसी के दौरान इस तरह की समस्याओं को बच्चे के जन्म से पहले पूरी तरह से ठीक नही किया जा सकता है। लेकिन इसके दर्द को दूर कर सामान्य दिनचर्या में आने वाली परेशानियों को कम किया जा सकता हैं।

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Ruchi singh chauhan
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