Pancreas in hindi:पैनक्रियाज (अग्नाशय) क्या है, कार्य, समस्याए,रोग ,उपाय ,उपचार

पैनक्रियाज(Pancreas in hindi) (अग्नाशय) पाचन तंत्र की सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथि है, जो पेट के पीछे और छोटी आंत के पास में पाई जाती है। पैनक्रियाज, पाचन तंत्र और अंतःस्रावी तंत्र (एंडोक्राइन सिस्टम) दोनों का एक अभिन्न अंग है। पैनक्रियाज (अग्नाशय) पाचन तंत्र के एक महत्वपूर्ण कार्य में अपना योगदान देता है और रक्त शर्करा (ब्लड शुगर) के स्तर को नियंत्रण कर इंसुलिन का निर्माण करता है। इस आर्टिकल में आप जानेंगे पैनक्रियाज (अग्नाशय) क्या है, पैनक्रियाज के कार्य, पैनक्रियाज से सम्बंधित समस्याओं, रोग, पेनक्रियाज टेस्ट और पैनक्रियाज को ठीक रखने के घरेलू उपाय के बारे में।

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पैंक्रियाज (अग्नाशय) क्या है -What is pancreas in hindi

एंजाइम तथा पाचक रस, पैनक्रियाज द्वारा निकलकर छोटी आंत में भेजे जाते हैं। जहाँ पर यह पेट में भोजन को लगातार तोड़ने का कम करते है।

पैनक्रियाज हार्मोन, इंसुलिन भी उत्पन्न करता है, जो रक्त प्रवाह में मिलकर शरीर के ग्लूकोज या शुगर के स्तर को नियंत्रित करते हैं। इंसुलिन नियंत्रण में समस्याएं मधुमेह रोग का कारण बन सकती हैं।

पैनक्रियाज की स्थिति –(Pancreas position)

अग्नाशय (पैनक्रियाज) , पेट के ऊपरी बाएं भाग में तथा पेट के पीछे और आपके डुओडेनम के पास स्थित है, जो छोटी आंत का पहला भाग होता है। पैनक्रियाज, पाचन तंत्र और अंतःस्रावी तंत्र दोनों का एक अंग है।

पैनक्रियाज के कार्य (Functions of pancreas in hindi)

अग्नाशय (पैनक्रियाज) में दो मुख्य कार्य होते हैं:

पहला यह कि शरीर के द्वारा भोजन का पाचन करने में मदद करता है।

दूसरा, रक्त शर्करा  को नियंत्रित करने में मदद करता है। एक स्वस्थ पैनक्रियाज हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन को पचाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण रसायनों के उत्पादन का कार्य करता है। यह मुख्य रूप से एंजाइमों और इंसुलिन को पैदा करता है। अतः पैनक्रियाज (अग्नाशय) द्वारा स्रावित इन्सुलिन और एंजाइमों  के आधार पर इसके महत्वपूर्ण कार्य होते है जैसे-

अग्नाश्य का कार्य एंजाइम उतपन्न करना:
  • प्रोटीन को पचाने के लिए ट्रिप्सिन  और काइमोट्रिप्सिन एंजाइम को उत्पन्न करना।
  • कार्बोहाइड्रेट तोड़ने के लिए एमाइलेज एंजाइम का उत्पादन।
  • फैटी एसिड, वसा और कोलेस्ट्रॉल को तोड़ने के लिए लाइपेज एंजाइम का उत्पादन।
  • रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि होने पर अग्नाशयी बीटा कोशिकाएं  लगातार इंसुलिन जारी करती हैं। जो ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित करने में सहायक होते है।
पैनक्रियाज के कार्य इंसुलिन का उत्पादन करना:

मांसपेशियों और अन्य ऊतकों में रक्त के माध्यम से ग्लूकोज को उर्जा के रूप में उपयोग करने के लिए।  इंसुलिन यकृत द्वारा ग्लूकोज को अवशोषित करने में मदद करता है। तथा यह तनाव या व्यायाम के दौरान जब शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता होती है, तो यह ग्लाइकोजन  के रूप में प्राप्त किया जाता है। जब रक्त में शुगर का स्तर गिरता है, तो अग्नाशयी अल्फा कोशिकाएं हार्मोन ग्लुकागन को छोड़ती हैं। जो शुगर के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है।

ग्लूकागन की मदद से ही लीवर में ग्लाइकोजन, ग्लूकोज में टूट जाता है। तथा ग्लूकोज फिर रक्त प्रवाह में प्रवेश कर रक्त शर्करा के स्तर को सामान्य कर देता है।

अग्न्याशय के रोग और समस्याए(Pancreas diseases and problems)

जब पैनक्रियाज (अग्नाशय)(Pancreas in hindi) में कोई समस्या आती है, तो यह पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती हैं। जब अग्नाशय भोजन को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता है तो पाचन एंजाइम का उत्पादन पूर्ण रूप से नहीं होता है। जिससे कि वजन घटाने और दस्त होने की सम्भावनाएं बढ़ जाती हैं।

पैनक्रियाज (अग्नाशय)(Pancreas in hindi) द्वारा बहुत कम मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन मधुमेह में वृद्धि करने में सहायक है, और इंसुलिन कि कमी के कारण ग्लूकोज का अवशोषण नहीं हो पता। जिससे रक्त में ग्लूकोज के स्तर में वृद्धि होती है।

स्थायी अग्नाशयशोथ (पेनक्रियाज में सूजन)(Permanent pancreatitis (inflammation in the pancreas))

यदि व्यक्ति को तीव्र पैंक्रियाइटिस बार-बार होता है तो उसे स्थायी अग्नाशयशोथ  विकसित होने कि सम्भावना अधिक होती है। इसके परिणामस्वरूप स्वस्थ को स्थायी नुकसान होता है।

शराब का दुरुपयोग इस रोग का सबसे आम कारण है, और यह ज्यादातर मध्यम-आयु वर्ग के पुरुषों को अधिक प्रभावित करता है।

क्रोनिक पैंक्रियाइटिस के लक्षणों में शामिल हैं:
  • ऊपरी पेट और पीठ दर्द लगातार होना,
  • वजन कम हो जाना,
  • दस्त और मधुमेह के लक्षणों में वृद्धि होना,
  • हल्का पीलिया  रोग होना,

अग्नाशय का कैंसर:(Pancreatic cancer)

कैंसर, पैनक्रियाज को भी प्रभावित कर सकता है। माना जाता है कि अकसर धूम्रपान का अत्यधिक सेवन और अधिक मात्रा में शराब पीने से पैनक्रियाज (अग्नाशय) कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। परन्तु कैंसर होने का सटीक कारण अज्ञात होता है।

पैनक्रियाज कैंसर  के लक्षणों में शामिल हैं:(Symptoms of pancreas cancer include)

  • जब कैंसर द्वारा पित्त नलिका और यकृत को प्रभावित किया जाता है, तो इसके परिणाम स्वरूप त्वचा और आंखों में पीलापन या पीलिया होना और मूत्र का गाढ़ापन आदि लक्षण प्रगट होते है।
  • ट्यूमर के बढ़ने से पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होता है।
  • भूख में कमी आना, जी मिचलाना और उल्टी की समस्या उत्पन्न होना,
  • वजन में कमी और कमजोरी आना,
  • पीला या भूरा मल और मल में अतिरिक्त वसा की समस्या उत्पन्न होना, इत्यादि।
  • कैंसर के अत्यधिक बढ़ जाने पर ही लक्षण प्रकट हो सकते हैं। अतः इसका उपचार आमतौर पर सर्जरी, कीमोथेरेपी, विकिरण के आधार पर किया जाता है

अग्न्याशय में समस्या के कारण मधुमेह होना:(Diabetes due to a problem in the Pancreas in hindi)

 टाइप 1-मधुमेह एक ऑटोम्यून्यून  बीमारी है। प्रतिरक्षा प्रणाली जब पैनक्रियाज (अग्नाशय) में उपस्थित बीटा कोशिकाओं को नष्ट कर देती है, जिससे इंसुलिन का उत्पादन रुक जाता है, जो मधुमेह का कारण बनता है। चूँकि इसका सटीक कारण अज्ञात रहता है। फिर भी यह माना जाता है कि कुछ वायरस के साथ-साथ अनुवांशिक और पर्यावरणीय कारक भी इस समस्या को उत्पन्न करने का कारण हो सकते है।

 टाइप 2- मधुमेह तब होता है जब शरीर की मांसपेशियां, वसा और यकृत कोशिकाएं ग्लूकोज को संतुलित करने या अवशोषित करने में असमर्थ हो जाती हैं। जिसके कारण पैनक्रियाज (अग्नाशय) ग्लूकोज की मात्रा को संतुलित करने के लिए अतिरिक्त इंसुलिन का उत्पादन करता है। लेकिन एक समय ऐसा आता है, जब यह पर्याप्त इंसुलिन उत्पन्न नहीं कर पाता, और शरीर में रक्त ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है।

इसके अतिरिक्त पैनक्रियाज (अग्नाशय) से सम्बंधित निम्न समस्याएं आ सकती है:

  •  एक्सोक्राइन अग्नाशयी   अपर्याप्तता(ई.पी.आई.)-यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब पैनक्रियाज पर्याप्त एंजाइम का निर्माण नहीं कर पता है।
  • अग्नाशयी द्रव संग्रह-अग्नाशयी द्रव संग्रह कई कारणों से होता है, जिसमें पैनक्रियाज (अग्नाशय) को नुकसान होना या अन्य घातक स्थितियां शामिल है। द्रव संग्रह बड़े स्तर पर हो सकता हैं। जिसके परिणाम स्वरूप दर्द और बुखार जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं।
  •  जोलिंगर-एलिसन सिंड्रोम- यह एक प्रकार का ट्यूमर है, जिसे गैस्ट्रिनोमा  के रूप में जाना जाता है। यह पैनक्रियाज (अग्नाशय) या डुओडेनम में विकसित होता है।

पेनक्रियाज का उपचार –(Treatment of Pancreas in hindi)

  •  इंसुलिन– शरीर के ऊतकों द्वारा ग्लूकोज को अवशोषित करने और रक्त शर्करा को कम करने के लिए इंसुलिन इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है। इंसुलिन को प्रयोगशाला में बनाया जा सकता है, तथा पशु स्रोतों से भी प्राप्त किया जा सकता है।
  •  स्यूडोसाइट सर्जरी- कभी-कभी, स्यूडोसाइट को हटाने के लिए सर्जरी के रूप में लेप्रोस्कोपी (बिना कोई बड़ा चीरा किये) या लैपरोटोमी (एक बड़ी चीरा) की आवश्यकता हो सकती है।
  •  एक अग्नाशयी छडेकोश-अग्नाशयी एंजाइम, रक्त, और नेक्रोटिक ऊतक में  समृद्ध रूप से तरल पदार्थ का संग्रह कोष है। अग्नाशयी छद्मकोश आमतौर पर पैंक्रियास में सूजन की जटिलताओं से सम्बंधित है।
  •  पैनक्रियाज प्रत्यारोपण- यह एक सर्जरी है जिसमें मृत व्यक्ति के स्वस्थ पैंक्रियास को मधुमेह या सिस्टिक फाइब्रोसिस  वाले किसी व्यक्ति में प्रत्यारोपण कर दिया जाता है।

पैंक्रियाज ठीक करने के उपाय(Ways to cure Pancreas in hindi)

संतुलित भोजन करने और धूम्रपान या अत्यधिक शराब के सेवन से बचकर ही पैनक्रियाज (अग्नाशय) को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। एक स्वस्थ पैनक्रियाज (अग्नाशय) के लिए हाइड्रेटेड बनाये रखना महत्वपूर्ण है।

अतः पैनक्रियाज को स्वास्थ्य रखने के लिए निम्न बातों पर ध्यान देना चाहिए:
  • एक दिन में 20 ग्राम से अधिक वसा का उपयोग करने से बचना चाहिए।
  • अल्कोहल से परहेज करना चाहिए।
  • हाइड्रेटेड रखने के लिए बहुत अधिक पानी पीना चाहिए।

एक उपवास शारीरिक स्वास्थ्य के लिए सभी आवश्यक पोषक तत्व प्रदान नहीं कर सकता है। अतः उपवास के बाद यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भोजन में उपयुक्त पोषक तत्व जिनकी जरुरत शरीर को है, पर्याप्त मात्रा में उपस्थित हैं या नहीं।

जो लोग अग्नाशयी दर्द का अनुभव कर रहे हैं। उनके लिए अंगूर के रस, शोरबा, जिलेटिन, सेब और करोंदा (क्रैनबेरी) सहित, एक स्पष्ट तरल आहार 1 से 2 दिनों तक लेने का सुझाव दिया जाता है।

कुछ और महत्वपूर्ण बीमारियों की जानकारियाँ

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Ruchi singh chauhan
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