क्या यह आपकी पहली गर्भावस्था है? क्या आप ऑपरेशन थिएटर और सीजेरियन के भय के बीच फंसी हुई हैं? यहाँ एक सामान्य प्रसव(Normal delivery in pregnancy in hindi) के लिए गर्भावस्था के कुछ सुझावों के साथ ही ऐसे सवाल भी दिए गए हैं, जिनके बारे में आप हमेशा से पूछना चाहती थीं लेकिन इस बारे में अनिश्चित थीं।
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सामान्य प्रसव क्या है? (What is normal delivery?)
सामान्य प्रसव प्राकृतिक प्रक्रिया (Normal delivery in pregnancy in hindi) के माध्यम से होने वाले बच्चे का जन्म है, जिसमें प्रसव के दौरान शिशु योनी से बाहर आता है। यह कम क्षति पहुँचाने वाली और प्रकृति द्वारा नियोजित प्रक्रिया है। एक स्वस्थ महिला आराम से सामान्य प्रसव (Normal delivery in pregnancy in hindi) पीड़ा से गुजर सकती है। सक्रिय जीवन शैली, सामान्य रक्तचाप और भ्रूण की स्थिति – ये सभी एक सामान्य प्रसव के सूचक होते हैं। 30 से 34 सप्ताह के बीच भ्रूण अपनी स्थिति बदलता है और इस दौरान उसका मस्तक या सिर नीचे की ओर आता है, जिससे पता चलता है कि अब प्रसव होने वाला है। जब इसे देखा जाता है, तो ऐसा लगता है कि बच्चा अपनी सामान्य स्थिति से नीचे चला गया है। पेशाब करने की इच्छा बढ़ती है क्योंकि बच्चे का सिर श्रोणि क्षेत्र पर दबाव बढ़ाता है और मूत्राशय पर दाब डालता है। पीठ के निचले हिस्से में दर्द होगा, क्योंकि भ्रूण उस पर दबाव डालना शुरू कर देता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि भ्रूण खुद को सिर नीचे करने की स्थिति में लाने का प्रयास कर रहा होता है।
नीचे दिए गर्भावस्था चार्ट को पढ़िए ,जो आपको प्रेगनेंसी में हैल्थी बनाए रखने में मदद करेगा
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सामान्य प्रसव के लक्षण-(Symptoms of normal delivery)
एक स्वस्थ महिला आराम से सामान्य प्रसव पीड़ा(Normal delivery in pregnancy in hindi) से गुजर सकती है। सक्रिय जीवन शैली, सामान्य रक्तचाप और भ्रूण की स्थिति-ये सभी एक सामान्य प्रसव के सूचक होते हैं:
- 30 से 34 सप्ताह के बीच भ्रूण अपनी स्थिति बदलता है और इस दौरान उसका मस्तक या सिर नीचे की ओर आता है, जिससे पता चलता है कि अब प्रसव होने वाला है। जब इसे देखा जाता है, तो ऐसा लगता है कि बच्चा अपनी सामान्य स्थिति से नीचे चला गया है।
- पेशाब करने की इच्छा बढ़ती है क्योंकि बच्चे का सिर श्रोणि क्षेत्र पर दबाव बढ़ाता है और मूत्राशय पर दाब डालता है
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द होगा, क्योंकि भ्रूण उस पर दबाव डालना शुरू कर देता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि भ्रूण खुद को सिर नीचे करने की स्थिति में लाने का प्रयास कर रहा होता है।
- आप योनी स्राव में वृद्धि देख सकती हैं। यह सफेद या गुलाबी रंग का हो सकता है और कभी कभी थोड़ा सा खून भी निकल सकता है। यह एक स्वस्थ, सामान्य गर्भावस्था का संकेत है।
- हार्मोनल गतिविधि में बदलाव आने के कारण मलत्याग संबंधी परेशानी उत्पन्न होती है। इसके कारण पेट में थोड़ी ऐंठन और असुविधा हो सकती है।
- स्तनों में दर्द भी सामान्य प्रसव(Normal delivery in pregnancy in hindi)का संकेत होता है। जैसे ही आप अंतिम चरण में पहुँचती हैं, ये भारी और असहज महसूस हो सकते हैं।
- पानी की थैली के टूटने की प्रक्रिया भी आमतौर पर प्रसव के दौरान होती है। कभी–कभी यह प्रसव की शुरुआत से पहले भी हो सकती है। ऐसे में तत्काल चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
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सामान्य प्रसव की प्रक्रिया(Normal delivery process)
पहला चरण :
गर्भाशय ग्रीवा का पतला होना (विलोपित) और खुलना (फैलाव)। यह एक घंटा या एक घंटे से ज्यादा तक जारी रह सकता है, जब तक कि गर्भाशय ग्रीवा 3 से.मी. तक फैल न जाए।
1. प्रारंभिक या अव्यक्त अवस्था: इस अवस्था मे महिला हर 3-5 मिनट के अंतराल पर शुरू होने वाले संकुचन से अवगत हो जाती है। परन्तु यह हर महिला के लिए अलग हो सकता है।
आप क्या अनुभव कर सकती हैं: दर्द शुरू होने के साथ, आपको पेशाब के लिए जाने की आवश्यकता महसूस होगी।
आप क्या कर सकती हैं:इस स्थिति में, आपकी देखभाल करने वाले व्यक्ति को तुरंत सूचित करें, कि बच्चे के आने का समय आ गया है। अगर आप अकेली हैं, तो फौरन अपने डॉक्टर को फोन करें।
2.सक्रिय अवस्था:इस अवस्था में, गर्भाशय ग्रीवा 3 से.मी. से 7 से.मी. तक फैल जाती है।
आप क्या अनुभव कर सकती हैं:लगातार दबाव बढ़ने के कारण आपको असुविधा होगी। यह मासिक धर्म के दौरान होने वाली ऐंठन और पीठ के निचले हिस्से में दर्द जैसा महसूस हो सकता है।
आप क्या कर सकती हैं: यदि आप अपने घर में हैं, तो परिवार में आने वाले नए मेहमान के लिए तैयारी करें। यदि आप प्रसव के लिए चिकित्सालय जा रही हैं, तो नवजात शिशु और खुद के लिए जरुरी सामान, एक सूटकेस में तैयार रखें। यदि आपका कोई बड़ा बच्चा है जो आपके बिना घर पर होगा तो, आप उससे संबंधित काम के लिए निर्देश भी छोड़ सकती हैं। यह सब योजना आपको अपने प्रसव के बारे में बहुत चिंता से ध्यान हटाने में मदद करेगी आपको इस दौरान आराम करने और शांत रहने की जरूरत है। तंत्रिकाओं को शांत करने के लिए आप कुछ गतिविधियां कर सकतीं हैं, जिसमें संगीत बजाना और थोड़ी देर टहलना शामिल है।
3.परिवर्तन की अवस्था: गर्भाशय ग्रीवा का विस्तार 7 से.मी. से जारी है जो पूरी तरह यानी 10 से.मी. तक बढ़ेगा।
आप क्या अनुभव कर सकती हैं: आप निचले श्रोणि क्षेत्र पर दाब में वृद्धि महसूस करेंगी, और पानी की झिल्ली के टूटने की भी संभावना हो सकती है। दर्द ज्यादा तीव्र होगा, लंबे समय तक रहेगा, बीच में कम अंतराल पर होगा और फिर नियमित हो जाएगा।
आप क्या कर सकती हैं:प्रसव के निर्दिष्ट स्थान पर पहुँचें। इसके स्वरुप को देखने के लिए आपको संकुचन पर नजर रखनी होगी। अगर आपकी पानी की झिल्ली टूटती है, तो इसके रंग और गंध की जांच करें, और समय को याद रखें। शांत रहने के लिए श्वास संबंधी व्यायाम का प्रयास करें। अब लेटने का समय आ गया है।
दूसरा चरण:
शिशु को जनन मार्ग की ओर बढ़ाया जाता है: यह सक्रिय चरण है। इसमें, बच्चे को गर्भाशय से बाहर खिसकाकर योनि नलिका के माध्यम से माँ के शरीर से बाहरी दुनिया की ओर बढ़ा दिया जाता है।
आप क्या अनुभव कर सकती हैं: अब, संकुचन अधिक लंबे और अधिक तीव्र होंगे क्योंकि आपकी गर्भाशय ग्रीवा अपने अधिकतम फैलाव तक पहुँच जाएगी। ये संकुचन केवल 3 से 4 मिनट के अंतर पर 45 से 60 सेकंड तक रह सकते हैं। दो संकुचन के बीच समय का यह अंतर लगभग डेढ़ मिनट तक घट जाएगा और कभी–कभी एक मिनट से भी कम होगा। यह सबसे कठिन चरण है लेकिन सबसे छोटा भी है क्योंकि यह लक्ष्य तक की अंतिम दौड़ है।
आप क्या कर सकती हैं:यह अवस्था 3 से 5 घंटे तक रह सकती है। अपनी स्थिति बदलने की कोशिश करें और किसी से अपनी पीठ की मालिश करवाएं। एक नियमित स्वरुप में सांस लेना जारी रखें। दर्द के बजाय बच्चे के बारे में सोचें और जोर न लगाएं क्योंकि बच्चे को आपकी मदद की जरूरत है। मुँह से चीखने से बचें, बल्कि गले से गुरगुराहट का उपयोग करें जो बच्चे को बाहर निकालने में मदद करेगी।
तीसरा चरण
गर्भनाल बाहर आ गई है: नाल का निष्कासन प्रसव का तीसरा और अंतिम चरण है। इस चरण में, पूरी नाल योनि नलिका के माध्यम से बाहर निकलती है। जिसे ‘अपरा या गर्भ झिल्ली‘ भी कहा जाता है। यह अंतिम चरण है जहाँ सामान्य प्रसव (Normal delivery in pregnancy in hindi) समाप्त होता है। यह प्रसव के 15 से 30 मिनट बाद होता है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसे कभी–कभी मानवीय सहायता दी जाती है ताकि संक्रमण से बचा जा सके। गर्भाशय की मांसपेशियों को अनुबंधित करने के लिए पेट के निचले हिस्से की भी मालिश की जाती है ताकि बच्चा पैदा होने के बाद बचे हुए अवशेषों को बाहर निकाला जा सके।
आप क्या अनुभव कर सकती हैं: अपरा स्वाभाविक रूप से बाहर निकल जाएगी, और आपको ऐसा महसूस होगा कि यह बाहर खिसक गई है।
आप क्या कर सकती हैं: आप परिचारिका को सूचित कर सकती हैं जो इसे साफ करेगी और निचले हिस्से को दबाव देते हुए मालिश करेगी
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सामान्य प्रसव के लिए प्रभावी गर्भावस्था व्यायाम-(Effective pregnancy exercise for normal delivery)
गर्भवस्था में व्यायाम करने से जुड़े मिथकों पर और इससे होने वाले नुकसान पर भरोसा करने के विपरीत, गर्भावस्था में व्यायाम वास्तव में माँ के स्वास्थ्य में सहायक होता है और एक सामान्य प्रसव( (Normal delivery in pregnancy in hindi) )की संभावना को बढ़ता है । यदि यह सही मुद्रा और सघनता के साथ किया जाए तो गर्भावस्था के दौरान व्यायाम करना वास्तव में लाभकारीहै। गर्भावस्था के दौरान व्यायाम करने से पहले इन निर्देशों का पालन करें। गर्भावस्था के दौरान व्यायाम आवश्यक और बहुत सहायक होता है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए जो माँ और बच्चे दोनों को फायदा पहुँचा सकते हैं।
ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें :
यह सुनिश्चित करता है कि परिसंचरण बाधित न हो।
मध्यम तापमान:
बहुत ज़्यादा गर्म या ठंडा कमरा आपके शरीर के तापमान को प्रभावित कर सकता है, और बच्चे को नुकसान पहुँचा सकता है, इसलिए मध्यम तापमान वाले जगह पर व्यायाम करें।
खूब पानी पिएं:
यह सुनिश्चित करता है कि आप जलयोजित बनी रहें।
आरामदायक जूते पहनें:
यह स्थिरता प्रदान करते हैं।
खिंचाव: बुनियादी प्रारंभिक खिंचाव वाले व्यायाम दर्द और मोच को रोकने में सहायक होते हैं। बहुत ज़्यादा मशक्कत ना करें: अगर आप बहुत ज्यादा थक गए हैं तो व्यायाम न करें। लंबी अवधि के लिए स्थिर खड़े होने से बचें: इससे निचले अंगों में रक्त का एकत्रीकरण हो सकता है जिसके परिणामस्वरूप उनमें सूजन आ सकती है।
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सामान्य प्रसव के लिए गर्भावस्था के दौरान व्यायाम निम्नलिखित है:- (Following is the exercise during pregnancy for normal delivery)
- वार्म अप
- सिर को दाएं और बाएं ओर घुमाएं दस बार इसी क्रिया को दोहराएं
- सिर को ऊपर और नीचे की ओर हिलाएं – दस बार इसी क्रिया को दोहराएं
- सिर को गोल घुमाएं (दोनों तरफ से) – इस क्रिया को पाँच बार दोहराएं
2. वॉल स्लाइड: शुरू करने के लिए अपने सिर और नितंब को दीवार पर सटाएं, कंधों को शिथिल छोड़ें, और अपने पांव को अलग करते हुए फैलाएं।
प्रक्रिया:
- दीवार पर अपनी पीठ सटा कर खड़ी हो जाएं । अपने पांव को सामने की ओर रखकर, दीवार से दूर ले जाएं ।
- अब धीरे-धीरे अपनी कमर को नीचे करें, ताकि आपकी जांघे फर्श के समानांतर हो जाएं, जैसे कि आप एक अदृश्य कुर्सी पर बैठी हों ।
- अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाएं और उन्हें दीवार से सटा कर आराम दें। अब धीरे-धीरे उन्हें अपने सिर के दोनों तरफ नीचे खीचें, जैसे शोल्डर-प्रेस में करते हैं। इस क्रिया को 10 बार दोहराएं।
3. क्लैम शेल: घुटने मोड़कर अपनी पीठ के बल फर्श पर लेटें और अपनी एक बांह को सिर के नीचे रखें और दूसरी को जमीन से छूते हुए शरीर को सहारा दें। अपनी एक एड़ी दूसरे के ऊपर रखें।
प्रक्रिया:
- एक एड़ी से दूसरी एड़ी दबाते हुए अपने पैर को अधिकतम संभव ऊंचाई तक उठाएं।
- एक पल के लिए रुकें और फिर प्रारंभिक स्थिति में लौट आएं। इसे पाँच बार दोहराएं।
- फिर यही दूसरी तरफ से दोहराएं।
यह व्यायाम माँसपेशियों, पेट, जांघों, नितंबों और श्रोणि क्षेत्र में कसावट लाने में मदद करता है। चूंकि गर्भावस्था के दौरान पेट का आकार बढ़ जाता है इसलिए यह सलाह दी जाती है कि दीवार पर पीठ सटा कर यह व्यायाम करें।
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