माँ बंने के बाद का अनुभव :Post mother experience
माँ बनना एक खूबसूरत अनुभव है। एक नवजात का कोमल स्पर्श सारे दुखों को पल भर मे गायब कर देता है।कुछ माएँ अपने शिशु को जन्म देने के बाद उनको स्तनपान करा पाती हैं, वहीं कुछ के नवजात बच्चों को पर्याप्त मात्रा में दूध नही कर पाती। इसी कारण वह दिन रात रोते रहते हैं।ऐसे में माँ को भी समझ नही आता कि वो क्या करे। -Mother Milk Being Low
माँ के दूध में कमी के कारण:causes of deficiency in mother’s milk- Mother Milk Being Low
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यदि नवजात शिशु दूध पीने के बाद भी रोता है, चिड़चिड़ाता है, तो आपको समझना होगा, कि आपका शिशु किन्ही कारणों से ढूध नही ले पा रहा है। आईये जानते हैं कि माँ के दूध में कमी के क्या कारण होते हैं। निम्न कारणों से:
- लैक्टेशन ग्रंथियों का पूर्णतः विकसित न होना। महिलाओं के वक्ष स्थलों में दूध उत्पादन वाली ग्रंथियां पायीं जाती हैं जिन्हें मम्मरी ग्लांड्स (mammary glands)कहा जाता है। जिन महिलाओं में यह ग्रंथियां कम विकसित होती हैं, उनमें दूध उत्पादन कम होता है। पर निराश न हों क्योंकि अक्सर इन महिलाओं में दूसरी प्रेग्नेंसी में स्तन-ग्रंथिया अधिक विकसित हो जाती हैं।
- पोस्ट प्रेगनेंसी डिप्रेसन :-एक औरत एक शिशु को जन्म देने के बाद कई परेशानियां झेलती है। रक्तस्राव,stitches, ब्रैस्ट में दर्द ,सोने का समय अनिश्चित हो जाना आदि उस पर एक शिशु की जिम्मेदारी, जिसकी वजह से वो अवसाद ग्रस्त हो जाती है, यह उसके lactation को प्रभावित करता है।
- नवजात शिशु को हर 2 घण्टे में दूध न पिलाना :- महिलाओं में उतना ही दूध उत्पादन होता है जितना कि शिशु पीता है। एक नवजात शिशु हर दो दो घंटे में दूध पीता है। जिससे महिलाओं में निरंतर दूध उत्पादक ग्रंथियां मम्मरी ग्लैंड्स दुग्ध उत्पादन करती रहती हैं। यदि आपका शिशु सोता रह गया जिसकी वजह जे आपने उसे दूध नही पिलाया तो आपका शरीर उसी अनुसार दुग्ध उत्पादन करता है। इसलिए अपने शिशु को नियमित स्तनपान कराएं।
शिशु का सही तरीके से स्तनपान न करना :-Breastfeeding- Mother Milk Being Low
यदि आपको दूध होता हो पर आपका शिशु बार बार ढूध मांगता हो और रोता हो तो इसका मतलब यह भी हो सकता है की आपका दूध पिलाने का तरीका गलत है। इसलिए इसके लिए अपने चिकित्सक की सलाह लें।
- सप्लीमेंट्स का प्रयोग :- कई माताएं यह सोच कर कि उनके शिशु को पर्याप्त दूध नही हो पा रहा है सप्लीमेंट्स शुरू कर देती हैं| जिसके कारण उनका lactation प्रभावित होता है। गौरतलब है कि एक शिशु को जितना दूध चाहिए उतना दूध एक माँ के स्तनों में उत्पादित होता है। अतः सप्लीमेंट्स न दें स्तनपान कराएं।
- दूध की कम आपूर्ति का अर्थ है:
मातृत्व के शुरूआती दिनों में, माँ के स्तन में दूध की मात्रा में कमी होने के कारण स्तनपान संबंधी समस्याएं हो सकती है। माँ के स्तन में दूध की मात्रा में कमी होने की बात तब कही जाती है, जब वह अपने नवजात शिशु की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त दूध का उत्पादन करने में सक्षम नहीं होती है।अधिकतर महिलाएं निम्न स्थितियों में समझती हैं कि उनके स्तन में दूध की मात्रा में कमी है:
- जब निपल्स से दूध का रिसाव नहीं होता।
- जब स्तन पहले की तुलना में हल्के महसूस होते हैं।
- जब शिशु को और अधिक दूध की आवश्यकता होती है।
- शिशु जितनी देर तक नियमित रूप से स्तनपान करता था वह अवधि कम हो रही है।
इन सभी तथ्यों को खारिज किया जाना चाहिए , क्योंकि यह किसी भी तरह से माँ के स्तन में दूध की मात्रा में कमी से संबंधित नहीं है।
माँ के स्तन में दूध की मात्रा में कमी के संकेत-Signs of decreased amount of milk in the mother’s breast- Mother Milk Being Low
माँ के स्तन में दूध की मात्रा में कमी के लक्षण होते हैं , जो शिशु द्वारा तब प्रदर्शित किए जाते हैं जब उन्हें पर्याप्त दूध नहीं मिल पाता है। दुर्भाग्य से, कई माता–पिता अक्सर उसे विकास प्रक्रिया समझकर भ्रमित हो जाते हैं, इन परिवर्तनों में से कुछ हैं:
- बच्चा नियमित रूप से मल विसर्जन नहीं करता है जो दिन में लगभग 5-6 बार होना चाहिए। कम मात्रा में और तरल मल विसर्जन जैसे संकेत हैं जो बताते हैं कि बच्चे को पर्याप्त दूध नहीं मिल रहा है।
- बच्चा नियमित अंतराल पर पेशाब नहीं कर रहा है, एक नवजात शिशु दिन में 8-10 बार अपना डायपर गीला करता है। यदि वह इससे कम बार पेशाब करता है, तो बच्चे को पर्याप्त दूध नहीं मिल रहा है।
- अगर शिशु के मूत्र का रंग गहरा पीला है तो इससे पता चलता है कि बच्चा पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड नहीं हो पाया है और उसे अधिक पानी की आवश्यकता है जिसकी पूर्ती जन्म के 6 महीने तक केवल माँ के दूध से की जा सकती है।
- शिशु के वज़न मे वृद्धि नहीं हो रही है और वह कमज़ोर हो रहा है। पर्याप्त दूध प्राप्त करने वाले शिशु का औसतन वज़न एक सप्ताह में नियमित रूप से 4-6 पाउंड की दर से बढ़ना चाहिए।
माँ के स्वास्थ्य से जुड़े दूध में कमी के कारण-cause of lack of milk associated with mother’s health- Mother Milk Being Low
- माँ के स्तनों की शल्य चिकित्सा हुई है
- खून की कमी
- थायराइड के स्तर में असंतुलन
- इंसुलिन पर निर्भर, मधुमेह से पीड़ित है
- हाइपोपिट्यूटेरिस्म
- जन्म के दौरान अधिक रक्तस्राव के कारण रक्त की आपूर्ति में कमी होने की वजह से पीयूष ग्रंथि पर्याप्त दूध के लिए आवश्यक हॉर्मोन का उत्पादन नहीं कर पा रही है।
एक प्रमाणित चिकित्सक द्वारा धैर्य और उचित मार्गदर्शन के साथ इन समस्याओं का इलाज किया जा सकता है। जीवनशैली और आहार में बदलाव भी दूध के उत्पादन को प्रभावित कर सकता है। नियमित रूप से शिशु को दूध पिलाने के बीच के अंतराल में स्तन को पंप करने का भी अभ्यास किया जाना चाहिए, ताकि शरीर दूध की मांग में वृद्धि का आदी हो सके।
- खाद्य संवेदनशीलता या एलर्जी ।
- कुछ तंत्रिका संबंधी स्थितियों के कारण शिशु को सांस लेने में तकलीफ या चूसने/ निगलने में कुछ समस्या हो सकती है ।
- शिशु डाउन सिंड्रोम से पीड़ित है ।
- समय से पहले पैदा हुए बच्चों ने अभी तक चूसने, निगलने और सांस लेने के लिए सजगता विकसित नहीं की है और उन्हें मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है ।
- मुंह में किसी चिकित्सीय समस्या भी शिशु द्वारा दूध पीने के दौरान मुश्किलें पैदा कर सकती है।
चूंकि बच्चा नवजात है और उसे उचित मात्रा में दूध नहीं मिल रहा है, इसलिए उन्हें प्रमाणित चिकित्सक या सलाहकार से सलाह लेने की कुछ विशेष आवश्यकता हो सकती है।
स्तन में कम दूध बनने की समस्या का निदान:Diagnose the problem of low milk production in the breast
यदि स्तन में दूध बनने का दर अपने आप नहीं सुधरता है, तो किसी डॉक्टर के पास जाना चाहिए। वे आमतौर पर रक्त परीक्षण कराने के लिए कहते हैं ताकि वे पता कर सकें कि रक्तकणों की संख्या पर्याप्त है या नहीं, या फिर महिला अनीमिया से ग्रसित तो नहीं है।
शरीर अपने आप ठीक हो जाता है और इनमें से अधिकांश समस्याएं बिना किसी चिकित्सकीय हस्तक्षेप के हल हो जाती हैं। हालांकि, इनमें से कुछ को उपचार की आवश्यकता हो सकती है।
आपके शिशु को पर्याप्त दूध मिलने के लक्षण -Signs of getting enough milk for your baby
एक शिशु में निम्नलिखित लक्षण बताते हैं कि उसे पर्याप्त दूध मिल रहा है:
- शिशु दिन में 4-5 बार शौच करता है और वह शौच ज्यादा मात्रा में और पीले रंग का होता है।
- शिशु दिन में कम से कम 8-10 बार पेशाब करता है।
- शिशु को दूध पिलाने के बाद आमतौर पर वह संतुष्ट लगता है, हालांकि हर शिशु में यह लक्षण अलग–अलग होता है।
- दूध पिलाने के बाद स्तन मुलायम और हल्के महसूस होते हैं ।
स्तनपान के लिए दूध की मात्रा कैसे बढ़ाएं:How to increase the amount of milk for breastfeeding
दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए विभिन्न तरीके हैं ताकि शिशु को उचित विकास और पोषण के लिए पर्याप्त दूध मिल सके, उनमें से कुछ हैं:
- स्तानपन कराने की एक उचित मुद्रा की पहचान की जानी चाहिए, ताकि शिशु उपयुक्त तरीके से दूध पी सके ।
- जब लगे कि शिशु द्वारा दूध को चूसने और निगलने में कमी हो रही है, तो माँ को अपने स्तनों को दबा कर दूध निकालना चाहिए, ऐसा करने से स्तनों से दूध पूरी तरह निकल जाएगा। इसके बाद शिशु को दूसरे स्तन पर लगा कर यही प्रक्रिया को दोहराना चाहिए।
- दूध पिलाने के बीच अंतराल में स्तन को दबाकर दूध निकालने की प्रक्रिया की जानी चाहिए ताकि शरीर दूध की बढ़ती मांग के लिए खुद को तैयार कर सके। दबाकर निकाले गए दूध को एक साफ बर्तन में संग्रहित किया जा सकता है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर बच्चे को वह दूध पिलाया जा सके।
- शरीर में दूध के उत्पादन को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जैसे पपीता, मेथी, जई।
- एक सोते हुए शिशु को अधिक सक्रिय बनाने की आवश्यकता हो सकती है ताकि वह दूध पीने के लिए ज़्यादा ज़ोर लगाकर प्रयास कर सके, इस प्रकार दूध की मांग में वृद्धि होगी जिसके परिणामस्वरूप स्तन में दूध का उत्पादन बढ़ेगा।
स्तन में दूध बढ़ाने वाले सबसे उत्तम खाद्य पदार्थ: How to increase the amount of milk for breastfeeding- Mother Milk Being Low
- मेथी: एक बहुत ही आम शाक है, जिसका उपयोग स्तन के दूध के उत्पादन में वृद्धि करने के लिये भी किया जाता है। यह शरीर में पसीने के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए भी जानी जाती है। चूंकि स्तन पसीने की ग्रंथि का परिवर्तित रूप है, इसलिए मेथी दूध के उत्पादन को बढ़ाने में भी मदद करती है।
- ओट्स: बाज़ार में कुछ कुकीज़ उपलब्ध हैं जिन्हें दूध की मात्रा बढ़ाने वाली (लैक्टेशन) कुकीज़ कहा जाता है।
- सौंफ़: यह एक गैलेक्टागॉग है और इसीलिए इसे विभिन्न चाय और पूरकों में पाया जाता है जिन्हें दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए उपयोग में लाया जाता है ।
- पालक: यह शाक लौह तत्व से भरपूर होता है और शरीर में लौह तत्व के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकता है जो शिशु को जन्म देने के दौरान खून की कमी के कारण घट सकता है।
क्या स्तन में कम दूध होने पर भी स्तनपान कराना ठीक है:Is it ok to breastfeed even if there is less milk in the breast- Mother Milk Being Low
माँ के स्तन दूध कम होने पर भी स्तनपान कराना पूरी तरह से ठीक है। यह स्तनों को और अधिक दूध का उत्पादन करने के लिए प्रेरित करता है । जब तक कि स्तन पर्याप्त मात्रा में दूध का उत्पादन नहीं कर पाते हैं, शिशु के आहार की पूर्ति फॉर्मुला दूध से की जा सकती है ताकि उसके पोषण की आपूर्ति में कमी न हो और वह ठीक से विकसित हो सके और स्वस्थ व तंदरुस्त बन सके।
निष्कर्ष : The conclusion-Mother Milk Being Low
विभिन्न रिपोर्टों और सर्वेक्षणों को पढ़ने के बाद, किसी को भी आसानी से विश्वास हो सकता है कि नई माताओं में स्तन के दूध की कमी(Mother Milk Being Low ) अधिकांश मामलों में वास्तविक से अधिक मनोवैज्ञानिक समस्या के कारण होते हैं ।
स्तन दूध के उत्पादन में कमी की समस्या, शिशु के धीमे विकास का कारण हो सकती है और इससे शिशु के स्वास्थ्य के लिए समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं। हालांकि, यह दीर्घकालिक समस्या नहीं है क्योंकि समस्या को कई उपचारों के माध्यम से ठीक किया जा सकता है।
यहाँ तक कि सबसे खराब स्थिति में, हमेशा दूध पिलाने वाली दाई माँ का विकल्प होता है, जो अस्थायी रूप से बच्चे को दूध पिलाने में मदद कर सकती हैं ।
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