गर्भधारण करना एक महिला के लिए बहुत ही खुशी की बात होती है यह खबर केवल एक महिला के जीवन में नहीं बल्कि उसके परिवार में ढेर सारी खुशियां ले आती है। 9 महीनों के लंबे सफर के बाद एक महिला अपने शिशु को जन्म देती है, इस समय में महिला फूली नहीं समाती। परंतु कहते हैं ना कि हर किसी के जीवन में केवल खुशियों का ही आगमन नहीं लिखा होता। कई बार खुशी अपने साथ कोई दुख भी ले आती है। बहुत समय ऐसा देखा जाता है कि कभी कभी शारीरिक कारणों की वजह से महिला का गर्भपात(Miscarriage in pregnancy in hindi) हो जाता है। ऐसे समय में अक्सर महिला मानसिक तनाव का शिकार हो जाती है। इस समय पर मानसिक तौर से स्वस्थ रहने के लिए एवं दोबारा गर्भधारण करने के लिए डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए और समय-समय पर डॉक्टर द्वारा बताए गए उपाय करने चाहिए।
गर्भपात क्या है?-What is miscarriage in pregnancy in hindi
बहुत बार ऐसा देखा जाता है कि विश्व 1 सप्ताह से पहले महिलाओं के भूर्ण की मृत्यु हो जाती है। जिसे आम भाषा में गर्भपात कहा जाता है। दूसरी भाषा में इसे स्वत: गर्भपात के नाम से भी जाना जाता है। गर्भपात एक महिला की प्रेगनेंसी पर निर्भर होता है, जो कि कई प्रकार के होते हैं।
बहुत से लोग गर्भपात और उसके लक्षणों से परिचित नहीं होते जिस कारण वह मानते हैं कि गर्भपात बहुत ही दुर्लभ स्थिति में होता है परंतु ऐसा नहीं है। गर्भपात भिन्न-भिन्न प्रकार के होते हैं।
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गर्भपात के प्रकार-Types of miscarriage in pregnancy in hindi
गर्भपात अलग-अलग प्रकार के देखे जाते हैं। यह एक महिला की प्रेगनेंसी की अवस्था पर निर्भर करता है। अलग-अलग गर्भपात के लक्षण अक्सर अलग-अलग देखे जाते हैं। आइये बात करते हैं गर्भपात के प्रकार की:-
- जब गर्भावस्था खुद से खत्म हो जाए और किसी प्रकार का रक्त स्त्राव ना हो तो इसे मिस्ड गर्भपात कहते हैं। इसमें किसी प्रकार के लक्षण नहीं देखे जाते। बहुत से मामलों में गर्भपात होने के बाद भी शिशु गर्भ में ही रहता है। यह भूर्ण का विकास रुक जाने के बाद पता चलता है। इसके लिए अल्ट्रासाउंड करवाना आवश्यक होता है क्योंकि अल्ट्रासाउंड के द्वारा ही गर्भपात का पता चलता है।
- जब महिला को भारी रक्त स्त्राव के साथ बहुत तेज पेट के निचले हिस्से में दर्द होने लगता तो इसे अधूरा गर्भपात कहा जाता है। इसके अंतर्गत शिशु का कुछ भाग बाहर आता है। इस गर्भपात में भी हम अल्ट्रासाउंड के द्वारा जांच कर सकते हैं और डॉक्टर से सलाह लेनी जरूरी होती है।
- भूर्ण का पूरी तरह से बाहर आ जाना, पूर्ण गर्भपात कहलाता है। यानी कि इस गर्भपात के अंतर्गत भूर्ण पूरी तरह से गर्भाशय से बाहर आ जाता है। किस गर्भपात के लक्षण पेट में तेज दर्द होना एवं भारी रक्त स्त्राव होना देखे जाते हैं।
- लगातार रक्त स्त्राव होते रहने के कारण गर्भाशय ग्रीव का मुख खुल जाता है, जिसके कारण भूर्ण अपने आप ही बाहर आ जाता है। इसे अपरिहार्य गर्भपात के नाम से जाना जाता है। इस गर्भपात के लक्षण में महिला को लगातार पेट में ऐठन बनी रहती है।
- किसी भी संक्रमण के कारण गर्भपात होना संक्रमित गर्भपात कहलाता है। यह गर्भपात किसी भी संक्रमण के कारण हो सकता है।
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गर्भपात के संकेत और लक्षण (Signs and symptoms of miscarriage in pregnancy in hindi)
- किसी भी बुरे एवं लाल रंग का योनि से होना गर्भपात का एक मुख्य लक्षण माना जाता है। इस दौरान आपको खून के थक्के एवं भारी मात्रा में रक्त स्त्राव हो सकता है।
- गर्भावस्था के दौरान अक्सर महिलाओं को पीठ में दर्द रहना एक आम बात मानी जाती है परंतु बहुत भारी है पीठ में दर्द असहनीय हो जाता है यह गर्भपात का एक लक्षण हो सकता है इसके लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- महावारी के समय में पेट के निचले हिस्से में होने वाला तीव्र दर्द यदि गर्भावस्था में हो तो यह गर्भपात का एक लक्षण माना जाता है। यह एक महिला के लिए बहुत ही चिंता का विषय हो सकता है इसके लिए उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- इसके अतिरिक्त यदि आपको किसी भी समय शिशु की गतिविधि कम लगे या फिर बिल्कुल ना महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि बहुत बार ऐसा देखा जाता है कि कोई भी लक्षण ना होते हुए भी गर्भपात हो जाता है।
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गर्भपात होने के कारण-Causes of miscarriage
- गर्भधारण के समय हार्मोनल चेंजेज जल्दी होता है जिस कारण महिला का शरीर इस चेंजेस सहन नहीं कर पाता और गर्भपात हो जाता है।
- बहुत सी बीमारियों के कारण जैसे कि मधुमेह और थायराइड के कारण भी गर्भपात हो जाता है।
- गर्भ या गर्भाशय में किसी प्रकार की समस्या के कारण गर्भपात होना आम बात है।
- किसी भी महिला को गर्भ अवस्था में धूम्रपान नहीं करना चाहिए कि गर्भपात का कारण बन सकता है।
- क्रोमोसोम के असामान्य होने के कारण भी गर्भपात हो जाता है। छोटी-छोटी संरचना जो कि मनुष्य में मौजूद होती है इसे क्रोमोसोम कहते हैं। यह एक ऐसी संरचना होती है जो कि जींस को ले जाने और लाने का काम करती है। बहुत बार जब पुरुष के शुक्राणु अंडों से मिलते हैं तो किसी प्रकार की समस्या पैदा कर देते हैं जिस कारण गर्भपात हो जाता है।
- महिलाओं को इम्यूनोलॉजी डिसऑर्डर जैसी समस्याएं पैदा हो जाती है, कारणवश भूर्ण का प्रत्यारोपण नहीं हो पाता। और गर्भपात हो जाता है।
- प्रोजेस्ट्रोन और एस्ट्रोजन हार्मोन का कई बार संतुलन बिगड़ जाता है। जिस कारण अंडे का विकास सही प्रकार नहीं हो पाता। यह महिला में पॉलिटिक्स ओवरी सिंड्रोम के कारण हो जाता है।
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