दिमागी बुखार क्या होता है (What is Meningitis fever in hindi)?
वैसे तो बुखार सर्दी लगने की वजह से होता है जिसमे हमें खांसी, जुकाम और सिरदर्द जैसे चीज होती है। लेकिन इसके अलावा और भी तरह के बुखार होते है उनमें से सबसे खतरनाक बुखार है दिमागी बुखार या मस्तिष्कावर्न शोथ भी कहते है। दरअसल दिमागी बुखार(Meningitis fever in hindi) मेनिनजेंस में होने वाली सूजन को मैनिंजाइटिस या दिमागी बुखार कहते है। वास्तव में यह तीन तरह की झिल्लियां होती है जिनका काम मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डियों को ढक कर रखना होता है। जब मेनिनजेंस के आसपास के हिस्से में मौजूद तरल पदार्थ संक्रमित हो जाता है तो यह दिमागी बुखार होने की वजह बनता है।
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दिमागी बुखार के प्रकार (Types of Meningitis fever in hindi)
सामान्यतः दिमागी बुखार के कई प्रकार के होते है लेकिन इनमें मुख्य रूप से बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस और वायरल मैनिंजाइटिस है चलिये आइये जानते है दिमागी बुखार के प्रकार के बारे में विस्तार से।
- बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस- इस तरह का दिमागी बुखार काफी खतरनाक होता है। इसमें अस्थायी अक्षमता या मृत्यु भी हो सकती है। इस तरह की बुखार कुछ ही समय मे विकसित हो जाता है। बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस में बीमारी के लक्षण का पता चलने के 24-48 घंटे के अंदर ही रोगी की मृत्यु हो जाती है। अधिकतर बैक्टीरियल मैनिंजाइटिस में निसेरिया मैनिंजाइटिस, हेमोफोलिस इन्फ्लूएंजा के कारक होते है।
- वायरल मेनिंजाइटिस- इस तरह के दिमागी बुखार को ज्यादा गंभीर नही माना जाता है और यह सामान्य प्रकार का दिमागी बुखार माना जाता है। इस रोग से पीड़ित होने वाले व्यक्ति को इससे उबरने में हफ़्तों या महीने का समय लग सकता है लेकिन इससे शरीर को ज्यादा नुकसान पहुंचने की संभावना कम ही होती है। इस तरह के बुखार की वजह से बुखार, सिरदर्द, गले मे खराश या मांशपेशियों में दर्द भी हो सकता है।
- फंगल मेनिनजाइटिस- इस तरह की बीमारी कम लोगो मे ही पाई जाती है लेकिन जिनको होती है उनके लिए काफी गंभीर स्थिति उत्पन्न कर देती है क्योंकि यह एक बेहद खतरनाक प्रकार का दिमागी बुखार है। इसके होने की मुख्य वजह फंगल स्पोर्स का सांस के जरिये शरीर के अंदर जाना। जिन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है उन्हें यह बीमारी होने का ज्यादा खतरा होता है जैसेकि एड्स का मरीज।
- अन्य प्रकार के मेनिनजाइटिस– अगर किसी को पहले से कैंसर, ल्युपस, सिर की चोटें, मस्तिष्क की सर्जरी है तो उन्हें अन्य प्रकार के मेनिंजाइटिस होने का खतरा रहता है।
दिमागी बुखार के लक्षण (Symptoms of Meningitis fever)
सामान्य तौर पर इस बीमारी के लक्षण 1 से 7 दिन में दिखाई देते है लेकिन दिमागी बुखार से पीड़ित व्यक्तियों के लगभग 25% रोगियों में 24 घंटे के अंदर ही इस बीमारी के लक्षण विकसित होने लगते है। आइये इस बीमारी के कुछ लक्षणों के बारे में जानते है।
- लगातार सिरदर्द की शिकायत बनी रहना- अगर किसी व्यक्ति को लगातार सिरदर्द की शिकायत बनी रहती है तो ऐसे में इस बीमारी के होने के लक्षण हो सकते है।
- उल्टी की शिकायत- इस बीमारी के रोगियों को उल्टी की शिकायत बनी रह सकती है।
- गर्दन का अकड़ना- दिमागी बुखार में रोगियों को गर्दन अकड़ने की शिकायत रह सकती है।
- दौरे की शिकायत- अगर किसी को दौरे या फ्रिट्स की शिकायत है तो उस व्यक्ति को दिमागी बुखार होने के लक्षण होते है।
- भ्रम की स्थिति बनी रहना- दिमागी बुखार के मरीजों में भ्रम की स्थिति बनी रहती है।
- जोड़ो में सूजन या दर्द रहना- इस बीमारी में मरीजों के जोड़ों में सूजन या दर्द बना रह सकता है।
दिमागी बुखार के कारण (Causes of Meningities)
- खोपड़ी में फ्रैक्चर
- कान या साइनस संक्रमण
- सर्जरी
- कम प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति
दिमागी बुखार की रोकथाम (Prevention of Meningities)
- हाथों को साफ रखें– इस बीमारी की रोकथाम के लिए हाथों को सावधानी से धोएं। खाने से पहले और बाद में हाथ अवश्य धोएं। किसी भी सार्वजनिक जगह पर जाने के बाद हाथ अवश्य धोए।
- स्वच्छता बनाये रखे- अपने शरीर को स्वच्छ रखे और अपने आस-पास सफाई बनाये रखे। अपनी निजी वस्तुओं को किसी के साथ ना बांटे।
- संतुलित आहार ले- ताजे फल, सब्जियां, अनाज का सेवन करें।
- मुंह को ढक कर रखे- अगर आपकी जुकाम या खांसी की शिकायत है तो अपने मुंह को ढक कर रखे।
दिमागी बुखार का इलाज (Treatment of Meningities)
दिमागी बुखार का इलाज बीमारी की स्टेज पर निर्भर करता है। बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस में इंट्रावेन्स एंटीबायोटिक दवा दी जाती है। इसके अलावा कोर्टिकोस्टेरॉइड भी दी जाती है।