खसरा क्या होता है ?-What is Khasara in hindi (Measles / Rubeola) ?
वैद्यकीय भाषा में संक्रमित बिमारी उसे कहते हैं, जो हवा,पानी या किसी अन्य माध्यम (प्रत्यक्ष वा अप्रत्यक्ष संपर्क) से एक जीव से दुसरी जीव तक फैलती हैं । यह बिमारीयां काबू करने में कठीन हो जाती हैं, कयों कि वह बहुत तेज फैलती हैं । आईये,आज ऐसे हि एक बिमारी के बारे में जानकारी लेते हैं, जो की अत्यंत संक्रामक हैं ! खसरा(Khasara in hindi) , जिसे रुबीओला,या फिर मोर्बिली भी कहा जाता हैं, एक बड़ी आसानी से फैलने वाली संक्रामक बीमारी हैं । यह श्वसन प्रणाली से जुड़े हुए संक्रमण की वजह से होता हैं , जो संक्रमित बलगम,लार (कफ,स्पिट) के कारण फैलता हैं । आम तौर पे ये बिमारी बच्चों में आसानी से पायी जाती हैं । यह एक सामान्य बिमारी हैं, जो अब टीका (वैक्सिनेशन) से रोकी और ठीक की जा सकती हैं ।
खसरा का संक्रमण आम तौर पर एक हप्ते में ठीक होता है। चूँकि, इसका वायरस काफी देर तक सतह पर रहता हैं, यह बिमारी बड़ी ही आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे संपर्क वाले व्यक्ति तक फैल जाती हैं ।
Symptoms of Khasara in hindi -खसरा के लक्षण
खसरा के लक्षण वायरस से संक्रमित होने के एक या दो हप्ते बाद दिखाई देने चालु होते हैं। यह लक्षण सामान्य रूप से
- तेज बुखार – शरीर में तेज बुखार आना, ठंड लगना , जलन महसूस होना
- सूखी खाँसी – जोर से खाँसी आना लेकिन गले में सूखापन पाना
- नाक का बहना – लगातार नाक से द्रव का बहना
- गले में जलन एवं खराश – गले में जलन,खराश होना
- आँखों में सूजन – आँखो की नमी खोना, पानी निकलना
- साँस लेने में तकलीफ होना
- गाल-मुँह के अंदर छोटे सफेद दाग आना
- त्वचा पर दाने आना
इस प्रकार से दिखाई देते हैं। संक्रमण की अवस्थानुसार यह लक्षण बदलते हैं ।
Causes of Khasara :खसरा के कारण
जैसे की पहले बताया, खसरा एक संक्रमित बिमारी हैं, जो रुबीओला नामक वायरस के संक्रमण से होती हैं ! यह बिमारी रोगप्रतिकारक शक्ति की कमी के वजह से बच्चों और बुज़ुर्ग व्यक्तिओं में ज्यादा पायी जाती हैं । संक्रमित व्यक्ति के खाँसी, छिक,थूक से यह वायरस हवा में फैलता है,जिसे दूसरा व्यक्ति साँस अंदर लेने के दौरान भीतर लेता हैं, और इसी तऱीके से यह बिमारी फैलती हैं|
Prevention of Khasara – खसरा से बचाव
सामान्य तौर पर खसरा के लक्षण दिखते हि डॉक्टर के पास जाएं। डॉक्टर भी लक्षणों को देखते हुए बिमारी का निदान करते हैं।अगर जरूरत पड़े तो खून की जाँच , या फिर शरीर में आए लाल दानों की जाँच से भी इस का निदान किया जा सकता हैं।
इस बीमारी को रोकने के लिए संक्रमित व्यक्ति टिका जरूर लगवाएं। इसके अलावा खसरा न फैले इस के लिये कुछ चीजें हमेशा याद रखनी चाहिए, जैसे की
- खाँसते या छीकते वक़्त मुँह को रुमाल से जरूर ढाँके ।
- सार्वजनिक जगहों पर न थूकें।
- संक्रमित व्यक्ति, ख़ास तौर पर बच्चों का अन्य लोगो के साथ संपर्क आने न दे ।
- संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, दूसरे कपड़ो के साथ मिल न जाएं इसका ध्यान रखना चाहिए।
- संक्रमित व्यक्ति बिमारी के दौरान कम से कम अन्य लोगो से मिले।
- हमेशा अपने आप को साफ़ सुदरा और स्वछ रखें।
- संक्रमित व्यक्ति का या संक्रमित व्यक्ति के साथ सार्वजनिक जगह पर जाना टाले।
Treatment of Khasara – खसरा का इलाज
खसरा से इलाज हेतू सबसे पहले डॉक्टरों से इस की जाँच जरूरी हैं।
इसके लक्षणों के रोकधाम के लिए कुछ घरेलू नुस्खें, जैसे की गले की सूजन के लिये हल्दी वाला गरम दुध, या फिर गरम, नमक वाले पानी से गार्गल करना, बुखार के लिए पैरासिटेमोल या फिर आइबूप्रोफेन दवाई का सेवन बहुत परिणामकारक होता हैं ।
इसके अलावा, खसरा के इलाज के लिए ज्यादा तर दवाइयां नही पायी जाती, लेकिन प्रतिरक्षा प्रणाली को ताकतवर बनाने वाली दवाइयां मददगार साबित होती हैं।
खसरा के दौरान शरीर की शक्ति कम हो जाती हैं, तो इसे बढाने के लिए संतुलित आहार का सेवन और ज्यादा मात्रा में पानी पीना भी असरदार साबित होता हैं।
दर्द कम करने वाली दवाइयां जैसे की कॉम्बिफ्लेम,या फिर नैप्रोसिन सही मात्रा में ले तो परिणामकारक होती हैं।
लेकिन खसरा के इलाज का सबसे अच्छा उपाय हैं, टीकाकरण ।
खसरा वैसे तो एक सामान्य रूप से पाई जाने वाली बिमारी हैं, लेकिन इस के प्रभाव से कई सारी जटिलताएँ जैसे की कान का संक्रमण,श्वसनीशोध,निमोनिया,गर्भावस्था की समस्याएं आदि को बढ़ावा मिलता हैं। इस लिये इसको फैलने से पहले रोकना अत्यंत महत्वपूर्ण हैं ।