क्या है कलौंजी ?:What is nigella-Kalonji in hindi
- यह एक झाड़ीय पौधा होता है। इसका वनस्पतिक नाम ‘निजेला सेटैवा’ होता है। यह भारत की साथ भूमध्य सागर के तटीय देशों और अफ़्रीकी देशों में उगने वाला पौधा है। इसकी लम्बाई 20-30 से.मी. होती है।
- इसकी लम्बी कांटेनूमा पत्तियाँ होती हैं। इसके उपयोग और फ़ायदों पर आज हम बात करेंगे।
कलौंजी के फायदे:Benefits of nigella -Kalonji in hindi
1. कोलेस्ट्रॉल की कमी:Cholesterol deficiency-Kalonji in hindi
यदि कोई कोलेस्ट्रोल की कमी करवाना चाहता है, पर स्वादिष्ट चीज़ें भी खाना चाहता है, तो उसे कलौंजी(Kalonji in hindi) का उपयोग अवश्य करना चाहिए। यह बात NCBI (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) बता चुकी है।
2. वज़न ना बढ़ने देना:Weight gain
शोध के अनुसार कलोनजी में एंटी-ओबेसिटी प्रभाव होते हैं। यह शरीर के वज़न को बढ़ने नहीं देती है। यह शरीर के वज़न के साथ, बॉडी मास इंडेक्स भी काम करता है।
3. कर्क रोग से सुरक्षा:Cancer protection
कलौंजी में आंटी-कैन्सर प्रभाव भी पाए जाते हैं।यह उसके ऐंटाई-ऑक्सिडंट गुण की वजह से होता है। यदि यह कैन्सर के मरीज़ को खिलाया जाए तो यह उसे बढ़ने से भी रोकता है। इस बात का मेडिकल प्रूफ़ भी पाया गया है (NCBI)।
4. डाइअबीटीज़ और ब्लड शुगर नियंत्रण:Diabetes and blood sugar control
इसके ऐंटाई -डैबेटिक प्रभाव को मधुमेह कम करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
एन सी बी आई के एक अध्ययन में कहा गया है कि कलौंजी के सेवन से मधुमेह की कमी आती है।
यह अच्छे कोलेस्ट्रोल यानी की एच डी एल को बढ़कर, एल डी एल यानी की ख़राब कोलेस्ट्रोल को घटाने में मदद करता है। इससे ब्लड शुगर के संतुलन में अच्छा कार्य होता है। वैसे अगर कोई शुगर पेशंट है, तो उसे एक बार डॉक्टर से इसके इस्तेमाल के बारे में ज़रूर पूछना चाहिए।
5. रक्तचाप का नियंत्रण:Blood pressure control
यह हाई बी-पी को भी नियंत्रित करता है। शोध के अनुसार, कलौंजी में ऐंटाई-हाइपरटेंसिव गुण होते हैं, जो कि उच्च-रक्तचाप के नियंत्रण के लिए अच्छे होते हैं।
6. सूजन या इन्फ़्लमेशन से छुटकारा:Relieve inflammation
यह इन्फ़्लमेशन या सूजन कयी बीमारियों से सम्बंधित होते हैं, जैसे की फ़ायब्रोसिस, आर्थ्राइटिस या कैन्सर। सोजन भी अक्यूट से लेकर क्रॉनिक होते हैं। इस हालत में, कलौंजी खाने से उसमें कमी आजाती है। कलौंजी में ऐंटाई-इंफलमटोरि गुण होता है, जो कि सूजन दूर कर सकता है।
7. अच्छी इम्यूनिटी:Good immunity
एक शोध के अनुसार कलौंजी के बीज में ऐसे गुण होते है जो इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) को मज़बूत करते हैं। इससे कयी फाड़े हो सकते हैं। पर फ़िलहाल इसमें कयी और अध्ययन जारी है।
8. लिवर और किड्नी का स्वास्थ्य:Liver and Kidney Health
कलौंजी में थाइमोक्विनोन पाया जाता है, जो कि लिवर इंजरी से बचाव का काम करता है।इस तत्व के कारण कलौंजी को ऐसे गुण मिलते हैं, जिससे लिवर को ऐंटाई-इन्फ़्लैमटोरी गुण से बचाव मिलता है। दूसरी ओर, कलौंजी गुर्दे की पथरी के आकर को छोटा करने का काम करता है।
9. इनफर्टिलिटी (बांझपन):Infertility
बांझपन या इन्फ़र्टिलिटी साठ प्रतिशत स्पर्म ना होने के कारण होती है।
यह एक तनाव से भी होता जिसका इलाज कलौंजी करता है, एंटीऑक्सीडेंट के प्रजनन के साथ।
यह स्पर्म काउंट और उनकी कार्य क्षमता को बढ़ता है। इस समस्या को दूर करने का दावा करता है। आयुर्वेदिक और अर्बल दवाओं में कलौंजी का नाम भी आता है जो, जिसमें ज़्यादा ऐंटाई-ऑक्सिडंट प्रभाव पाया जाता है।
10. त्वचा का इलाज:Skin treatment
कलोनजी का इस्तेमाल त्वचा की जलन, घाव, मुँहासे, और त्वचा की चोट निवारण के लिए पाया जाता है।इसका उपयोग सदियों से किया जा रहा है। यह इसमें पाए जाने वाले एंटी-माइक्रोबियल गुण की वजह से होता है।
कैसे करें कलोंजी का सेवन :How to consume Kalonji
कलौंजी को हर समय के खाने में बनाते हुई सब्ज़ी को पकाने वक़्त, उसके मसाले में डाल सकते हैं। इससे इसका नियमित उपयोग होता रहेगा।
कब करें कलोंजी का सेवन :When to consume Kalonji
- इसे आसानी से दोपहर और रात की सब्ज़ी में डालें।
- इसे पुलाव या चावल में भी डालें।
- इसके साथ, इसे शाम के स्नैक्स के साथ भी खाया जा सकता है।
कितना करें कलोंजी का सेवन : How much to consume Kalonji- Kalonji in hindi
एक शोध के अनुसार, अलग-अलग समस्याओं के निवारण के लिए इसका दिन में २ ग्राम सेवन किया जा सकता है।
- केवल टाइप 2 डायबिटीज (मधुमेह) में इसे हर व्यक्ति, सिर्फ़ ३ महीने के लिए 2 g कलौंजी का सेवन करें।
नोट: इन वैज्ञानिक फ़ायदों के बावजूद, आप जब भी उचित मात्रा में जानकारी पाना चाहें, एक बार विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
कलौंजी के नुकसान:Loss of Kalonji – Kalonji in hindi
कलौंजी के ज़्यादा इस्तेमाल से निम्न दुश-परिणाम देखे जा चुके हैं:
- गर्भावस्था के समय, यह कहीं वैज्ञानिक तौर पर नहीं लिखा की कलौंजी लेना सुरक्षित है।इसीलिए, माँ को एक बार डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए।
- यदि शरीर में कलौंजी की मात्रा बाढ़ जाए तो उसमें मौजूद तत्व, ‘थाइमोक्विनोन’ रक्त के थकके यानी की ब्लड कोऐग्युलेशन की प्रक्रिया को धीरे कर सकता है। ध्यान रखें इस चीज़ का।
भले ही कलौंजी के बीझ छोटे होते हैं, पर उनसे लाभ बहुत बड़ा होता है। यह बात बात में समझ हाई गए होंगे। यदि आपने इसे अपने रोज़ के आहार में शामिल नहीं किया, तो अगले आहार से ज़रूर करें।
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