जोड़ो में दर्द (अर्थ्राल्जिया) क्या होता है : What is Joint Pain (Arthralgia) in Hindi
आज की बदलती हुई दिनचर्या जोड़े के दर्द की एक समस्या बन चुकी है, और जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाती है यह समस्या बढती जाती है। अगर आपके जोड़ो में दर्द होता है तो यह दोनों जोड़ो में होता है, आपका दर्द जो है वह कम ज्यादा या तेज भी हो सकता है।जोड़ो में दर्द होने के लक्षण जो है वह विभिन्न प्रकार के होते है जैसे:- संक्रमण की वजह से , गठिया से , चोट और अन्य बीमारिया भी इसका कारन हो सकती है। हड्डी और जोड़ो के दर्द के कारन चलने -फिरने में आपको परेशानी होने लगती है। और यह दर्द बहुत ही पीड़ादायक होता जाता है। इनमे कुछ समस्याए ऐसी भी होती है जिनको सर्जरी या ऑपरेशन के द्वारा ठीक करवा सकते है। आपको हड्डी और जोड़ो के दर्द में खिचाव सा महसूस होने लगता है। हड्डी और जोड़ो के दर्द में जो है वह , जोड़ो का दर्द बहुत ही दर्दनाक होता है। – Joint Pain in Hindi
जोड़े आपके शरीर के वे हिस्से हैं जहां आपकी हड्डियां मिलती हैं। जोड़ की सहायता से आपकी बॉडी की हड्डिया हिलती हैं। जोड़ों में शामिल हैं:
- कंधे
- कूल्हे
- कोहनी
- घुटने
जोड़ों का दर्द शरीर के किसी भी जोड़ में बेचैनी, दर्द और पीड़ा को उत्पन्न कर सकता है। जोड़ों का दर्द एक आम शिकायत है। इसके लिए आपको आमतौर पर अस्पताल जाने की आवश्यकता नहीं होती है।
कभी-कभी जोड़ों का दर्द किसी बीमारी या चोट के कारण होता है। गठिया भी जोड़ों के दर्द का एक आम कारण है। हालांकि, यह अन्य स्थितियों या कारकों के कारण भी हो सकता है।
जोड़ो में दर्द (अर्थ्राल्जिया) के लक्षण क्या होते है ? : Joint pain (Arthralgia) Symptoms in Hindi
कुछ ऐसे मामलों होते है , जिनमे आपके जोड़ों के दर्द के लिए आपको डॉक्टर को दिखाना होता है । यदि आपको अपने जोड़ों के दर्द का कारण नहीं पता होता हैं और अन्य अस्पष्टीकृत लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से अपॉइंटमेंट लेना पड़ता है ।-Joint pain in hindi
आपको डॉक्टर को भी दिखाना चाहिए अगर:
- जोड़ो में या हड्डियों में अकड़न महसूस होना ।
- चलने -फिरने में दर्द का अहसास होना ।
- जोड़ो के दोनों तरफ दर्द होता है ।
- जोड़ो में सूजन या गर्मी पैदा होती है ।
- मरोड़ आ जाती है |
- बैठते -उठते समय जोड़ो में दर्द होता है ।
- दौड़ते समय जोड़ो का लॉक हो जाते है ।
- हड्डियों का आपस में खुरचने से दर्द होता है ।
- जोड़े के आसपास का क्षेत्र सूजा हुआ, लाल, कोमल या छूने पर गर्म होता है
- दर्द तीन दिन या उससे अधिक समय तक बना रहता है
- आपको बुखार है लेकिन फ्लू के कोई अन्य लक्षण नहीं हैं
निम्नलिखित में से कोई भी कारन होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करे :
- आपने गंभीर चोट का अनुभव किया है।
- जोड़ विकृत दिखाई देता है।
- जोड़ में अचानक सूजन आ जाती है।
- जोड़ पूरी तरह से गतिहीन है।
- आपको जोड़ों में तेज दर्द है।
जोड़ों में दर्द का क्या कारण होता है? : Joint pain (Arthralgia) Causes in Hindi
जोड़ों के दर्द के सबसे आम कारणों में से एक गठिया है। गठिया के दो मुख्य रूप हैं ऑस्टियोआर्थराइटिस (OA) और रुमेटीइड गठिया (RA)।
अमेरिकन कॉलेज ऑफ रुमेटोलॉजी के अनुसार, OA 40 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों में सबसे आम है। यह धीरे-धीरे आगे बढ़ता है और आमतौर पर उपयोग किए जाने वाले जोड़ों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है जैसे:
- कलाई
- हाथ
- कूल्हों
- घुटनों
अन्य कारण
जोड़ों का दर्द निम्न कारणों की वजह से भी हो सकता है:
- लूपस
- गाउट
- कुछ संक्रामक रोग, जैसे गलसुआ , इन्फ्लूएंजा और हेपेटाइटिस;
- चोट लग जाना
- हड्डी या जोड़ का संक्रमण
- जोड़ का अति प्रयोग
- ऑस्टियोपोरोसिस
- सारकॉइडोसिस
- अगर आपको बोन कैंसर हुआ है या वह कैंसर जो जोड़ो या हड्डियों तक पूरी तरह से फेल चूका हो।
- हड्डिया या जोड़ो में संक्रमण हो जाना ।
- रूमेटिड गठिया हो जाना ।
- बर्साइटिस की समस्या हो जाना।
- वाइरस के कारण फ्रेक्चर हो जाना।
- हड्डियों में खनिज पदार्थ की कमी हो जाना ।
- अधिक श्रम करने से हड्डिया या जोड़ो में दर्द होना ।
- ऐंठन या मोच के कारण भी जोड़ो में दर्द होता है
- ऑस्टियोमाइलाइटिस होना
- टेंडनाइटीस हो जाना
- ल्यूकोमिया होना
- जिन बच्चो ने अभी चलना भी नहीं सीखा हो उनकी हड्डी टूट जाना
- ट्यूमर होना
- सेप्टिक गठिया हो जाना।
जोड़ो में दर्द (अर्थ्राल्जिया) और गठिया (आर्थराइटिस) में क्या अंतर होता है : Difference Between Arthralgia and Arthritis
अगर आपके जोड़ो में सूजन हो जाती है तो उसको गठिया कहा जाता है और जोड़ो में अगर दर्द होता है तो यह गठिया का एक लक्षण होता है। इन दोनों में निम्नलिखित अंतर पाया जाता है।-Joint pain in hindi
- अगर जोड़ो में दर्द होता है और गठिया होता है तो उसके लक्षण एक जैसे ही होते है। अगर आपके जोड़ो में दर्द है और सूजन है तो उसका अर्थ यह होता है की आप को गठिया रोग है।
- कई लोगो को जोड़ो का दर्द जो होता है वह नियमित रूप से होता रहता है या कभी कभी अचानक से दर्द होने लगता है। इसमें जलन होना , खुजली होना , घुटने का सुन्न होना,कोमलता आ जाना , जोड़ो में गर्माहट या जलन महसूस होना। जबकि गठिया के दर्द में जकड़न और सूजन महसूस होती है। इन लक्षणों की तीव्रता कम गंभीर और अधिक तीव्र भी होती है।
- अगर आपके जोड़ो में दर्द होता है तो उसका मतलब यह नहीं होता है की आप को गठिया हुआ है ।परन्तु यह बात भी सही होती है की यदि आप को गठिया हुआ है तो आपको जोड़ो में भी दर्द होने की समस्या होगी ।
- जटिलताओं और जोखिम की बात की जाए तो इस मामले में गठिया और जोड़ो में दर्द एक सामान ही होता है।
जोड़ो में दर्द (अर्थ्राल्जिया) से बचाव के उपाय : Joint Pain Precaution in Hindi
अगर आपके जोड़ो में दर्द है तो उससे बचाव के लिए निम्नलिखित उपायों का उपयोग किया जाता है।
- आपको अपने जोड़ो को लपेट कर रखना चाहिए या उन्हें ढक कर रखना चाहिए।
- जितना हो सके आपको अपने जोड़ो को आराम देना चाहिए और कोई भी गतिविधि को धीरे-धीरे करना चाहिए |
- आपको अपने जोड़ो के ऊपर कुछ लपेट लेना चाहिए और उन्हें गुनगुने पानी से सेकना चाहिए ।
- आप अपने जोड़ो को बर्फ के द्वारा भी सेक सकते है।
- माशपेशियों के ऐंठन को कम करने के लिए आप हीटिंग पैड का भी इस्तेमाल कर सकते है।
उपरोक्त ऊपर दिए गए उपाय जो है वह बस इलाज मात्र है| यदि आप को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो आप को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
जोड़ो में दर्द (अर्थ्राल्जिया) का परिक्षण कैसे कर सकते है
अगर आपके जोड़ो में दर्द हुआ है तो उनकी देखभाल करना बहुत ही आवश्यक हो जाता है। यदि आप के जोड़ो में दर्द के साथ ही साथ उनमे सूजन हो रही है , या कोमलता या लाली आदि लक्षण पाए जाते है, तो आप को तुरंत ही अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
यदि आप की प्रतिरक्षा प्रणाली बहुत ही कमजोर है, या आप को किसी कारणवश किसी भी प्रकार की चोट लग गई है| जिसकी वजह से आप के जोड़ो में दर्द हो रहा है तो ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर से चेकअप करवा चाहिए। जिस भी समस्या के कारन आप अपने जोड़े में दर्द महसूस कर रहे है , तो डॉक्टर उस गतिविधि का परिक्षण करेंगे और आप के जोड़ो का टेस्ट करेंगे। पहले आपका परिक्षण किया जाएगा उसके बाद आपके कुछ अन्य टेस्ट करे जाएगे| जिनके द्वारा आपके जोड़ो के दर्द का पता लगाया जा सकता है, जो की निम्नलिखित है।
- रक्त टेस्ट :- रक्त टेस्ट के द्वारा आपके शरीर में एरिथ्रोसाइट सेडीमेन्टेशन दर या सी -रिएक्टिव प्रोटीन के स्तरों की जांच कर सकते है।
- रूमेटिड कारक टेस्ट करा जाता है
- जोड़ो के बिच का बैक्टेरियल और क्रिस्टल विश्लेषण के लिए टेस्ट करे जाते है ।
- जोड़ो के ऊतकों में बायोप्सी के लिए टेस्ट होता है
आपका डॉक्टर शायद एक शारीरिक परीक्षा करेगा। वे आपसे आपके जोड़ों के दर्द के बारे में कई सवाल भी पूछेंगे। यह संभावित कारणों को कम करने में मदद कर सकता है।
यदि आपके डॉक्टर को संदेह है कि कोई अन्य कारण है, तो वे कुछ ऑटोइम्यून विकारों की जांच के लिए रक्त परीक्षण का आदेश दे सकते हैं। वे शरीर में सूजन के स्तर या पूर्ण रक्त गणना को मापने के लिए कम्पलीट ब्लड काउंट का भी अनुरोध कर सकते हैं।
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