आज के इस समय में अधिकतर लोग सुबह की शुरुआत चाय से करते हैं और जब बात हो सेहत की तो लोग ग्रीन टी(Green tea) को सबसे अच्छा विकल्प मानते हैं। क्योंकि ग्रीन टी(Green tea) में ही एंटीऑक्सीडेंट और फायदे करने वाले पॉलिफिनॉल्स भी मौजूद होते हैं ग्रीन टी के सेवन से कई घातक बीमारियां जैसे कैंसर आदि से सुरक्षा के साथ-साथ शरीर के रक्त स्राव को रोकने व घाव भरने के लिए ग्रीन टी(Green tea) पीना एक अच्छा विकल्प माना गया है। ग्रीन टी(Green tea) से पाचन दिल व मानसिक सेहत में भी सुधार होता है।
ग्रीन टी क्या है?(What is Green tea?):-
ग्रीन टी को कैमेलिया साइनेंसिस नाम के एक पौधे के द्वारा बनाया जाता है। इस पौधे की पत्तियों का उपयोग ना सिर्फ ग्रीन टी बल्कि और भी प्रकार की चाय बनाने में किया जाता है। ग्रीन टी का सबसे पहले चीन में उद्गम हुआ था फिर धीरे-धीरे यह पूरे एशिया में ,जापान से लेकर मध्य पूर्व के कई जगहों से संबंधित रही है। ग्रीन टी का स्वाद बाकी चायों से अलग होता है। ग्रीन टी का अभी तक एक ही नुकसान पता चला है जो कि अनिद्रा का है मतलब नींद ना आना। या कम आना इसका कारण चाय में उपस्थित कैफीन को माना जाता है वैसे ग्रीन टी में कॉफी के मुकाबले कम कैफीन होता है।
ग्रीन टी के फायदे (Benefits of Green Tea in Hindi):-
ग्रीन टी के बहुत से फायदे हैं लेकिन ज्यादातर लोग इसके सिर्फ फिटनेस से ही जोड़कर देखते हैं ग्रीन टी के कुछ फायदे निम्न है-
वजन को घटाने में मददगार:-
वजन कम करने के लिए ग्रीन टी सबसे बेहतर विकल्प माना जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को तेज कर देते हैं जो वजन कम करने में मददगार साबित होता है। कई जगहों पर अध्ययन से यह साबित हुआ है कि रोज एक कप ग्रीन टी का सेवन करने से शरीर में वसा को कम करता है। ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिंस शरीर में गर्मी को उत्पन्न कर देता है जिससे शरीर की अतिरिक्त कैलोरी जल जाती है। ग्रीन टी में उपस्थित कैफीन और कैटेचिंस दोनों, शरीर में ऊर्जा की बढ़ोतरी तथा शरीर को चुस्त रखने में मदद करती है।
मुंह के लिए:-
ऐसा अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग ग्रीन टी का सेवन करते हैं उनके मुंह में किसी भी प्रकार का संक्रामक रोग नहीं होता है। भारत में ही एक अध्ययन में यह बताया गया है कि मसूड़ों की बीमारी से बचने के लिए ग्रीन टी एक अच्छा उपाय है। ग्रीन टी बैक्टीरियल प्लाक जो की दातों की मैल होती है, उस को नियंत्रण में रखता है और दांतो को खराब होने से बचाता है। ग्रीन टी में फ्लोराइड होता है जो कि दांतों को खराब होने से भी बचाने में मदद करता है ग्रीन टी स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन्स नाम के बैक्टीरिया से भी लड़ता है यह बैक्टीरिया दांतों में आमतौर से पाए जाते हैं।
कोलेस्ट्रोल को बढ़ने से रोके:-
एक रिपोर्ट के अनुसार ग्रीन टी दिल की बीमारियों से भी बचाव करती है दिल की बीमारी को बढ़ावा देने के लिए कोलेस्ट्रोल एक बहुत बड़ा कारक माना जाता है, उसके स्तर को कम करने के लिए भी ग्रीन टी एक रामबाण उपाय है। ज्यादातर अध्ययन तो कैप्सूल पर किए गए हैं परंतु टी अथवा चाय भी एक कारगर उपाय है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है:-
ग्रीन टी में उपस्थित के कैटेकिन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ग्रीन टी इम्यूनिटी सिस्टम को तेज कर देता है जिससे ऑक्सीडेंट्स से सुरक्षा होती है।
पाचन तंत्र के लिए लाभदायक:-
ग्रीन टी में उपस्थित एंटी ऑक्सीडेंट पाचन की क्रिया में सुधार करता है। ग्रीन टी में उपस्थित के कैटेकिन पाचन के एंजाइम की क्रिया को धीमा कर देता है जिससे आँत सारी कैलोरी को नहीं सोखता है जिसके कारण वजन कम करने में सहायता होती है। ग्रीन टी में विटामिन-बी, सी और ई उपस्थित होता है वह पाचन तंत्र के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।
मधुमेह के लिए लाभदायक:-
मधुमेह के रोगियों के लिए ग्रीन टी एक अच्छा विकल्प है सेहत में सुधार करने के लिए क्योंकि ग्रीन टी के माध्यम से मधुमेह के रोगियों में रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रहता है। ग्रीन टी में उपस्थित पॉलिफिनॉल्स और पोलिसच्चाराइट्स जैसे तत्व मधुमेह के दोनों प्रकार के लिए लाभदायक होता है। मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों को अपने आहार में ग्रीन टी को अवश्य शामिल करना चाहिए।
हाई ब्लड प्रेशर में उपयोगी:-
हाई बीपी के खतरे को ग्रीन टी के माध्यम से कम किया जा सकता है। आमतौर पर रक्तचाप एंजियोटेंसिन-कनवर्टिंग एंजाइम के द्वारा होता है, यह एंजाइम किडनी के माध्यम से उत्पन्न होता है। उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए जो दवाइयां उपलब्ध होती है उनमें ACE अवरोधक के रूप में रहता है परंतु ग्रीन टी में ACE अवरोधक प्राकृतिक रूप से उपस्थित होता है जो रक्तचाप को नियंत्रित रखता है।
उम्र बढ़ने से रोके:-
ग्रीन टी में उपस्थित एंटी ऑक्सीडेंट तोता की हानिकारक मुक्त कणों से रक्षा करता है। यह आयु को भी बढ़ाता है अर्थात जो भी ग्रीन टी का सेवन करता है वह दीर्घायु होता है। उम्र बढ़ने के विभिन्न संकेतों से लड़कर यह शरीर को ऐसा बनाता है जिससे उम्र कम लगती है। यही कारण है कि ग्रीन टी का उपयोग सौंदर्य उत्पादों में भी किया जाता है।
कैंसर के इलाज में सहायक:-
शोध के द्वारा पता चला है कि ग्रीन टी में उपस्थित पॉलीफेनॉल का स्तर ज्यादा होता है जिससे कैंसर की कोशिकाओं को मारने में मदद मिलती है तथा यह तत्व कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से भी रोकता है। हालांकि अभी यह पता नहीं चल पाया है कि कैंसर कोशिकाओं को ग्रीन टी किस प्रकार से प्रभावित करता है। कई अध्ययनों में भी यह पाया गया है कि ग्रीन टी के सेवन से स्तन, प्रोस्टेट, डिंबग्रंथि, कोलेस्ट्रॉल, मूत्राशय, फेफड़े और पेट के कैंसर होने के जोखिम को कम करता है। दिन में चार कप ग्रीन टी पीने से कैंसर विरोधी लाभ हो सकते हैं।
ग्रीन टी के नुकसान(Side effects of Green Tea in hindi):-
- ग्रीन टी में कैफीन की मात्रा ज्यादा होती है तो ज्यादा मात्रा में लेने से नींद ना आना, पेट खराब होना, उल्टी, दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- ग्रीन टी में टैनिन उपस्थित होता है अतः जब आप खाने के बाद ग्रीन टी लेते हैं तो आप के पेट में दर्द व मितली आना शुरू हो सकता है या कब्ज की भी शिकायत हो सकती है।
- यदि आप किसी अन्य दवा का भी सेवन कर रहे हैं तो आप ग्रीन टी किसी दवा के साथ collapse ना करें इस बारे में अपनी निजी डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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