गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान आप थकान की समस्या(Fatigue in pregnancy in hindi) महसूस कर सकते है। यह समस्या दूसरी तिमाही में अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन तीसरी तिमाही में वापस महसूस हो सकती है। आपको सोने में भी परेशानी हो सकती है,क्योंकि रात में पेशाब, सीने में जलन या पैरों में ऐठन आदि समस्या महसूस होती है। इन समस्याओं को दूर करने की कोशिश करें ताकि आप ठीक से आराम कर सकें।
दुर्लभ परिस्थितियों में, कुछ स्वास्थ्य समस्याओं जैसे एनीमिया (खून की कमी ), अवसाद, हाइपोथायराइडिज्म या टोक्सोप्लास्मोसिस के काऱण भी थकान(Fatigue in pregnancy in hindi) हो सकती है, अगर आपको अचानक से थकान महसूस होती है और आराम करने से भी स्थिति बेहतर नहीं होती या तनाव या डिप्रेशन इसका कारण है, तो आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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गर्भावस्था में थकान होना कब शुरू होती है?(When does start fatigue in pregnancy in hindi ?)
थकान, गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में से एक है जो लगभग सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण और आरोपण के बाद पहली तिमाही के दौरान अनुभव होती है यह समस्या आमतौर पर दूसरी तिमाही की शुरुआत में बेहतर हो जाती है लेकिन तीसरी तिमाही में फिर से महसूस होने लगती है हालांकि थकावट प्रत्येक महिला को अलग प्रकार से अनुभव होती है ।
वास्तव में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में तेज़ी से वृद्धि होने के काऱण यह समस्या उतपन्न होती है । जिस काऱण माँ को हर वक़्त नींद महसूस होती रहती है। विटामिन का सेवन इस स्थिति के मददगार साबित हो सकता हैं लेकिन डॉक्टर की सलाह के बाद ही इनका सेवन करें।
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गर्भावस्था में थकान के कारण क्या हो सकते है?(What can cause pregnancy fatigue?)
गर्भावस्था एक ऐसी स्थिति है जो किसी भी महिला के जीवन की सबसे आनंदमयी लेकिन कष्टप्रद स्थिति है। पहली तिमाही के दौरान, गर्भवती महिला की ऊर्जा ज्यादातर मात्रा प्लेसेंटा के निर्माण में व्यय हो जाती है और यही काऱण है कि आपको थकावट होती है। साथ ही जब ब्लड प्रेशर कम (लो बी.पी.) और ब्लड शुगर (हाइपोग्लाइसिमिया) कम हो जाता है तो तब आपके शरीर की चयापचय दर में काफी वृद्धि होती है।जिस कारण गर्भावस्था में मूड स्विंग जैसी अन्य परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है, पहली तिमाही के अंत तक, प्लेसेंटा का निर्माण पूरी तरह से हो जाता है और अन्य परिवर्तन जैसे हार्मोनल और भावनात्मक परिवर्तन आदि और होने लगते हैं। तीसरी तिमाही में, यह थकावट फिर से महसूस हो सकती है।यह आश्चर्य की बात नहीं है इसके कई काऱण हो सकते है।इस दौरान महिलाओं का वजन अधिक हो जाता है जिनका उन्हें पहले से अनुभव नहीं होता है। हर वक़्त उस बढ़े हुए वजन के साथ रहना भी थकान का एक बहुत बड़ा काऱण है, साथ ही साथ इसकी वजह से ही पीठ में दर्द, सीने में जलन, नींद में वृद्धि और बेचैनी भी महसूस होती है। इसके अलावा,आने वाले बच्चे के पालन पोषण की योजना करना, उसका नाम सोचना इत्यादि में भी ऊर्जा व्यय होती है और नींद आती है अगर आप नौकरीपेशा है तो और अन्य बच्चे भी है तो उनकी जिम्मेदारी आदि जीवन की जानकारी भी थकान का कारण बनती है। अगर गर्भावस्था के दौरान किसी भी समय थकान कभी भी गंभीर रूप ले या पूरी गर्भावस्था में थकान महसूस हो तो डॉक्टर से इस विषय मे जरूर बातें करे, खासकर यदि कमजोरी,सांस लेने में पेरशानी या बेहोशी का भी अनुभव हो रहा है तो यह आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया के कारण भी हो सकता है और ज्यादातर चिकित्सक 7वें महीने में इसका परीक्षण करने की सलाह जरूर देते है। अगर आप चिंता या उदास हो रही है तो आप जन्मपूर्व अवसाद से ग्रस्त हो सकती है। डॉक्टर इसके इलाज करने में आपकी सहायता कर सकते है इसलिए डॉक्टर से परामर्श लें।
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प्रेग्नेंसी में थकान के इलाज(Treatment of fatigue)
गर्भावस्था के दौरान थकान(Fatigue in pregnancy in hindi) होना यह सिगनल है कि इन दिनों आपको आराम की आवश्यकता है। इस समस्या को कम करने के लिए आप निम्न सुझावों का उपयोग कर सकती हैं:
- यदि आप पहली बार माँ बनने जा रही है तो किसी भी प्रकार की हीनभावना लाए बिना इस समय का आनंद लें। अगर आप पहले भी माँ बन चुकी है तो सुपर मोम बनने का प्रयास न करें और अपना ख्याल रखें।अगर आप थका हुआ महसूस करें तो आराम करें और गृहस्थी के अन्य काम जैसे खाना बनाना या किसी भी प्रकार की शॉपिंग करना इतना इतना जरूरी नहीं है यदि आप अकेली है तो शॉपिंग ऑनलाइन भी कर सकती है और खाना बनाने के लिए खानेवाली को रख सकती है नहीं तो किसी रिश्तेदार को अपनी देखभाल के लिए बुला लीजिए। कपड़े धोने के लिए आजकल ज्यादातर घरों में वाशिंग मशीन होती हैऔर अगर नहीं है तो आपको मेहनत करने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह समय काम करने का नहीं आराम करने का होता है।
- गर्भधारण के कुछ ही महीनों में आपका वजन बढ़ने लगेगा, तो महसूस होने वाली सारी दिक्कतें अपने साथी को जरूर बताये ताकि वो आपकी उचित देखभाल और जरूरत पड़ने पर आपकी मदद कर सकें।
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- यदि आपको निरंतर नींद आ रही है तो रात की नींद में एक घंटा बढ़ा ले। नींद न पूरी होने के कारण आपको अधिक थकान हो सकती है।
- ज्यादा से ज्यादा खुश रहने की कोशिश करें।शाम को घर पर आराम करें या कहीं बाहर घूमने जाए।ऐसा करने से मन प्रसन्न रहेगा और आप घर की चिंताओं से दूर रहेगीं। यदि आप झपकी ले सकती है तो जरूर लें।यह थकान दूर करने में आपको बहुत सहायता करती है। यदि आपको किसी भी समय सोने में परेशानी होती है तो सोने के बजाय लेट लें और आराम करने की कोशिश करें।
- यदि आप गर्भवती है और घर मे और भी बच्चे है तो इन कारणों की वजह से भी आपको थकान हो सकती है। अगर आप पहले भी माँ बन चुकी है तो खुद को प्राथमिकता देना आसान नहीं होता है लेकिन तब भी अपना अच्छी तरह से ध्यान रखने की कोशिश करें। उनके साथ आराम करते हुए आप समय व्यतीत कर सकती है जैसे उन्हें पढ़ाए, पज़ल्स वाला गेम खेलें, फ़िल्म देखे आदि।
- अक्सर कुछ न कुछ खाते रहें। गर्भावस्था के अन्य लक्षणों की तरह थकान में भी दिन में छह बार भोजन (तीन समय खाना और तीन समय नाश्ता) करने की आदत से आपको आराम मिलता है। आपके रक्त में मौजूद शुगर को संयमित रखने से ऊर्जा को स्थिर बनाए रखने में मदद मिलती है इसलिए भोजन न करने के बजाय स्वस्थ और संतुलित अर्थात थोड़ी थोड़ी मात्रा में नाश्ते और भोजन द्वारा प्रोटीन, जटिल कार्बोहाइड्रेट, और अन्य महत्वपूर्ण पोषिक तत्वों का सेवन करना बहुत फायदेमंद रहता हैं।
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- इस दौरान में सही तरह से व्यायाम, सोफा ब्रेक अर्थात आराम करने से अधिक कायाकल्प कर सकता है। पार्क में धीमी गति वाली जॉगिंग या टहलना, जन्मपूर्व योग क्लास जाना या थोड़ी ही दूर दूकान पर कुछ सामान लेने के लिए थोडी तेज़ चलकर जाना फायदेमंद हो सकता है। ऐसे करने से आप न केवल प्रफुल्लित महसूस करेंगी बल्कि रात में बहेतर नींद भी ले पायेंगी। व्यायाम आपके और आपके बच्चे दोनों के लिए अच्छा है।लेकिन ज्यादा व्यायाम भी न करें क्योंकि फिर आपकी सारी ऊर्जा इसमे उपयोग हो जाएंगी और आपको दिन के बाकी समय में ऊर्जा की कमी के कारण फिर से थकान महसूस(Fatigue in pregnancy in hindi) हो सकती हैं।
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