क्या आप गर्भवती हैं? क्या होते हैं गर्भवती होने के लक्षण? कैसे जाने गर्भवास्था है या नहीं?
मां बनना एक महिला के जीवन में बहुत ही अलग अनुभव होता है। जब एक महिला को यह पता चलता है कि वह मां बनने वाली है तो उसके जीवन में एक अलग ही बदलाव आ जाता है जिसे शब्दों में बयान करना एक महिला के लिए असंभव सा हो जाता है:-Early signs of getting pregnancy in hindi :
आज के आधुनिक समय में ऐसे बहुत से उपकरण बाजार में उपलब्ध है जिससे हम घर बैठे जान सकते हैं कि हम प्रेग्नेंट है या नहीं। यह उपकरण किसी भी मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। बहुत से ऐसे शुरुआती लक्षण होते हैं जिसे देख कर हम यह अनुभव कर सकते हैं कि हम गर्भवती है या नहीं आज हम अपने इस लेख में उन्हीं लक्षणों की बात करने जा रहे हैं जिससे आप यह जान पाएंगे कि आप प्रेग्नेंट से हैं या नहीं।
- Pregnancy First month(गर्भावस्था का पहला महीना)-सम्पूर्ण जानकारी
- Pregnancy second month(गर्भावस्था का दूसरा महीना)-सम्पूर्ण जानकारी
- Pregnancy third month(गर्भावस्था का तीसरा महीना)-सम्पूर्ण जानकारी
- Fourth month pregnancy in hindi:गर्भावस्था का चौथा महीना हिंदी में
- Fifth month pregnancy in hindi:गर्भावस्था का पांचवा महीना
- Six months pregnancy in hindi:गर्भावस्था का छटा महीना इन हिंदी
- Seven months pregnancy in hindi:गर्भावस्था का सातवां महीना
- 8th month pregnancy in hindi:गर्भावस्था का आठवां महीना हिंदी में
- 9th month pregnancy in hindi :गर्भावस्था का नौवा महीना हिंदी में
गर्भावस्था के मुख्य लक्षण निम्नलिखित है।(Following are the main symptoms of early signs of getting pregnancy in hindi)
- गर्भावस्था के स्थिति होने पर ही महिला के ब्रेस्ट हैवी होने लगती है यह हार्मोन चेंज के कारण होता है। यह हार्मोन महिला के भीतर बहुत ही संवेदनशील होते हैं जब कोई महिला गर्भ धारण करती है तो यह अपने आप ही भारी होने लगते हैं या फिर इन में सूजन आने लगती है जिसे गर्भावस्था का मुख्य लक्षण माना जाता है।
- गर्भवती महिला मैं हार्मोन चेंजिंग बहुत जल्दी से होने लगते हैं। और इस दौरान होने वाले चेंज इसको melanocytes प्रभावित करते हैं इसका असर निप्पल के रंग पर पड़ता है जिस कारण निप्पल का रंग गहरा होता चला जाता है।
- गर्भवती महिला को 1 से 3 महीने तक शुरुआती दिनों में बहुत ज्यादा उल्टी आना और जी मिचलाना जैसी स्थिति बनी रहती है शुरुआत के दिनों में उल्टी और जी मिचलाना गर्भवती महिला में बहुत आम बात होती है। जब भी महिला कुछ भी खाती है तो केवल उल्टी सा मन बना रहता है यह गर्भावस्था का एक लक्षण होता है।
- गर्भावस्था के दौरान किडनी बहुत सक्रिय हो जाती है और जिस कारण महिलाओं को बार बार पेशाब जाने की शिकायत बनी रहती है। महिला पहले की तुलना में भी ज्यादा पेशाब जाने लगे तो यह है गर्भावस्था का एक लक्षण होता है। गर्भावस्था में मूत्राशय पर अधिक जोर पड़ने लगता है इस कारण भी महिलाओं को बार बार पेशाब आने की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
- गर्भावस्था के दौरान किसी भी चीज की और आकर्षण बढ़ जाता है। किसी क्रेविंग कहा जाता है। अक्सर गर्भवती महिला को खट्टा और चटपटा खाने का जी करता है। साथ ही साथ इस दौरान महिला की डाइट अचानक बढ़ जाती है।
- इस दौरान महिला का ब्लड वॉल्यूम पड़ जाता है जिस कारण उसके सर दर्द रहने लगता है धीरे-धीरे यह है ठीक होता चला जाता है यह गर्भावस्था का सबसे पहला और प्रमुख लक्षण है।
- गर्भावस्था में धीरे-धीरे महिला के हार्मोन चेंज होने लगते हैं जिस कारण महिला की पाचन क्रिया पर असर पड़ता है और कब्ज की समस्या पैदा हो जाती है।
- इस समय में महिला के बहुत से मूड स्विंग होते रहते हैं इसके साथ साथ ही शरीर का तापमान सामान्य से अधिक बना रहता है। कभी कोई चीज पसंद आने लगती है तो कभी बहुत ही सिचुएशन नापसंद हो जाती है जिस कारण चिडचिडापन हो जाता है।
- महिलाओं में माहवारी होना एक आम बात है परंतु गर्भावस्था में महावारी रुक जाती है यानी कि अगर आप गर्भवती हैं तो आप को 9 महीने तक में माहवारी नहीं होती। यह गर्भावस्था का एक मुख्य लक्षण माना जाता है
- गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में बहुत ही ज्यादा थकान रहने लगती है और बहुत अधिक नींद आती है। यह प्रोजेस्टेरॉन का स्तर बढ़ने के कारण होता है। यह गर्भावस्था में लंबे समय तक बना रहता है।
- Diet chart pregnancy in hindi:गर्भावस्था आहार चार्ट सम्पूर्ण जानकारी
यदि आप लगातार एक हफ्ते और 1 हफ्ते से ज्यादा इस लक्षणों(Early signs of getting pregnancy in hindi) को महसूस करती है, तो तुरंत डॉक्टर के पास इलाज के लिए जाना चाहिए। अक्सर पहली बार मां बनने वाली महिला इन लक्षणों को नहीं समझ पाती और कारणवश उनके साथ कुछ गलत हो जाता है। इन असंभव कारणों से बचने के लिए गर्भावस्था के लक्षण महसूस होते ही डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए और परहेज और बचाव शुरू कर देना चाहिए।