समय के साथ हमारी बदलती जीवनशैली के कारण हम अपने शरीर पर ध्यान नहीं दे पाते है और हमारा शरीर कई बीमारियों का घर बन जाता है। मधुमेह(Diabetes) भी इन्ही बीमारी में से एक है। खान – पान पर नियंत्रण नहीं होना भी मधुमेह(Diabetes) का एक कारण है। मधुमेह(Diabetes) को डायबिटीज़ और शुगर रोग के नाम से भी जाना जाता है। मधुमेह(Diabetes) के रोगियों को कई तरह की समस्या होती है जैसे सिरदर्द ,थकान,शारीरिक कमजोरी ,घाव का जल्दी नहीं भरना ,आँखो की रोशनी का कम होना ,भूख अधिक लगना आदि कई समस्या होती है। मधुमेह(Diabetes) के रोगी यदि अपने खान-पान को नियंत्रित रखे तो शुगर के लेवल को नियंत्रित रखा जा सकता है ।
डायबिटीज डाइट चार्ट इन हिंदी
मधुमेह या डायबिटीज क्या है – What is diabetes
डायबिटीज़ के इलाज के बारे में जानने से पहले यह जानना जरुरी है कि डायबिटीज़ क्या है? जब हमारे शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन पहुंचना कम हो जाता है, तो खून में ग्लूकोज़ की मात्रा बढ़ जाती है, इस स्थिति को डायबिटीज़ या मधुमेह रोग कहा जाता हैं। इंसुलिन हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है और यह भोजन को एनर्जी में बदलने का भी काम करता है। जब हमारे शरीर में इंसुलिन की कमी हो जाती है तो भोजन से मिलने वाली एनर्जी ठीक से नहीं मिल पति है इस कारण शरीर में कमजोरी ,आँखो की रौशनी का कमजोर होना ,सिर दर्द होना आदि समस्या हो जाती है।
मधुमेह या डायबिटीज के प्रकार – Types of diabetes
1. जब हमारे शरीर में बीटा कोशिकाएं इंसुलिन नहीं बना पाती हैं। इस इस्थिति में हमारे शरीर में इंसुलिन की कमी हो जाती है। इंसुलिन की कमी को दूर करने के लिए मधुमेह के मरीज को इंसुलिन के इंजेक्शन दिए जाते हैं, ताकि शरीर में इंसुलिन की कमी ना हो और इंसुलिन की मात्रा नियंत्रित रहे यह डायबिटीज़ बच्चों और युवाओं में भी सकती है।
2. जब हमारे शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम हो जाती है या फिर हमारा शरीर सही तरीके से इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाता।
3. गर्भावधि मधुमेह – यह मधुमेह गर्भावस्था के दौरान होता है, जब खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। इस इस्थिति में गर्भवती महिलाओं को टाइप 2 डायबिटीज़ होने का खतरा अधिक रहता है।
मधुमेह के संकेत या लक्षण – Signs or symptoms of diabetes
मधुमेह के लक्षणों के बारे में जानकारी होना बहुत ही जरुरी है। मधुमेह के निम्नलिखित लक्षण है यदि यह लक्षण दिखाई देते है तो तुरंत अपने नजदीकी डॉक्टर से शुगर की जांच करवाए और यदि आप इसपर समय रहते ध्यान देते हैं, तो मधुमेह की बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है। नीचे हम आप को मधुमेह के कुछ लक्षण बता रहे हैं।
- बार-बार पेशाब आना।
- शारीरिक दर्द की शिकायत रहना।
- बार- बार त्वचा में संक्रमण का होना।
- घाव का जल्दी ठीक ना होना।
- प्यास अधिक लगना।
- गला सुखना ।
- आंखों की रोशनी कमज़ोर होना।
- शरीर का वजन बढ़ना या कम होना ।
- शरीर में कमजोरी और थकान महसूस होना ।
- भूख अधिक लगना।
मधुमेह या डायबिटीज होने के कारण – Due to diabetes or diabetes
हमारी बदलती जीवनशैली और खान पान पर नियंत्रण नहीं होना भी डायबिटीज होने का मुख्य कारण है डायबिटीज होने के कुछ और कारण निम्नलिखित है इन कारणों को जानना हमारे लिए बहुत ही जरुरी है ।
1. यदि आप के परिवार में किसी को डायबिटीज का रोग है तो आपको भी डायबिटीज होने की सम्भावना बनी रहती है।
2. अधिक मीठा और ज्यादा तला हुआ भोजन खाने से शरीर का वजन बड़ जाता है शरीर का बड़ा हुआ वजन भी डायबिटीज का कारण है ।
3. शारीरिक श्रम और व्यायाम ना करना भी डायबिटीज होने का कारण है ।
4. अधिक मीठे भोजन का सेवन करने से भी डायबिटीज होने का खतरा बना रहता है।
5. यदि आप को हृदय संबंधित कोई बीमारी है तो भी डायबिटीज होने का खतरा बना रहता है ।
6. बढ़ती उम्र के साथ भी डायबिटीज़ होने का खतरा बना रहता है।
मधुमेह (डायबिटीज ,शुगर) का उपचार – Treatment of diabetes
हमने आप को डायबिटीज क्या है और इसके लक्षणों के बारे में जानकारी दी अब हम डायबिटीज के उपचार के बारे में आगे के आर्टिकल में बतायेगे डायबिटीज का उपचार कैसे किया जाता है। यह जानकारी हमारे लिए बहुत ही जरुरी है।
1. इंसुलिन की कमी होने पर – Insulin deficiency
डायबिटीज़ के मरीज़ को इंसुलिन की कमी होने पर इंसुलिन के इंजेक्शन का उपयोग किया जाता हैं। इंसुलिन की कमी होने पर डॉक्टर इंसुलिन पंप की भी सलाह देते हैं।
2. संतुलित और सही खान-पान का होना – Being balanced and eating properly
मधुमेह के मरीज़ों को अपना खान-पान संतुलित और सही खान-पान का ख़ास ध्यान रखना चाहिए। इसलिए डॉक्टर डायबिटीज़ के मरीजों के लिए एक विशेष आहार चार्ट बनाते हैं और उसी आहार चार्ट के अनुसार खान-पान की सलाह दी जाती हैं। डायबिटीज के मरीजों को खाने में हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ, गाजर, टमाटर, संतरा, केला व अंगूर का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा अंडा, मछली और दही का भी सेवन करना डायबिटीज के मरीज के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।
3. शारीरिक श्रम और व्यायाम – Physical exertion and exercise
डायबिटीज के रोगियों के लिए शारीरिक श्रम करना व्यायाम करना और योगासन करना बहुत ही फायदेमंद होता है। शारीरिक श्रम करने से रक्त में ग्लूकोज की मात्रा नियंत्रित रहती है। डायबिटीज के मरीजों को सुबह -सुबह घूमने और योगासन करने की भी सलाह दी जाती है
4. दवाइयों के द्वारा – Through medicines
डायबिटीज के रोगियों को डॉक्टर की सलाह अनुसार दवाइयों का सेवन करने से भी डायबिटीज नियंत्रित रहती है।
मधुमेह या डायबिटीज के घरेलू उपचार – Home remedies for diabetes
मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए घरेलू उपचार बहुत ही लाभकारी है। इन उपायों को करने से रक्त में शुगर की मात्रा नियंत्रित रहती है
1. मेथी के द्वारा – By fenugreek
मधुमेह के रोगियों के लिए मेथी के बीज बहुत ही फायदेमंद होते है यह शरीर में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है। शाम के समय एक साफ बर्तन में दो कप पानी डाले और फिर इसमें दो चम्मच मेथी के बीज डाल कर इसे ढक कर रख दे और सुबह इसे छान कर इस पानी का खाली पेट सेवन करने से यह शरीर में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है।
2. दालचिनी के द्वारा – by cinnamon
दालचिनी भी मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत ही उपयोगी है। एक गिलास हल्के गुन-गुने पानी में आधा चम्मच दालचिनी पाउडर डाल कर सुबह इसका सेवन करने से शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। दालचिनी का उपयोग मसाले के रूप में भी किया जाता है इसका उपयोग विभिन्न व्यंजनों और भोजन को स्वादिष्ट बनाने में किया जाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट की अधिक मात्रा पाई जाती है। जो शरीर में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करती है ।
3. एलोवेरा के द्वारा – by Aloe Vera
एलोवेरा हमारे शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है एलोवेरा के जूस का दिन में दो बार सेवन करने से शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है। वैज्ञानिक अध्ययनों से पता चला है कि एलोवेरा में लिपिड और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने वाले गुण पाये जाते हैं। एलोवेरा के प्रतिदिन सेवन करने से ब्लड ग्लूकोज़ लेवल नियंत्रित रहता है।
4. आंवले के द्वारा – By Gooseberry
मधुमेह के रोगियों के लिए आंवला बहुत ही उपयोगी होता है। आंवले के रस में एक चुटकी हल्दी और शहद मिलाकर इसका सेवन करने से रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है। आंवला में क्रोमियम पाया जाता है जो शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा नियंत्रित करने में मदद करता है। यह शरीर में इंसुलिन के प्रवाह को भी बढ़ाने में भी मदद करता है। इस कारण यह मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए काफ़ी फायदेमंद होता है।
5. जामुन के द्वारा – By Berries
मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए जामुन बहुत ही उपयोगी माना जाता है। जामुन के साथ शहद मिलाकर उसका सेवन करने से शुगर की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है। जामुन के पत्तो में भी शुगर को नियंत्रित करने के गुण पाए जाते है । जामुन के बीज को पीसकर इसका पाउडर बनाकर इसका सेवन करने से भी शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है। इसमें पोटैशियम अधिक मात्रा में पाया जाता है जो शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता हैं।
6. लहसुन के द्वारा – by garlic
मधुमेह के रोगियों के लिए लहसुन का सेवन बहुत ही लाभदायक होता है। लहसुन की कलि को अच्छे से छिल कर सुबह खाली पेट इसका सेवन करने से शुगर की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है यदि आप कच्ची लहसुन की कलि का सेवन नहीं कर पाते है तो इसे सब्जी में डाल कर खाने से भी शुगर नियंत्रित होती है। लहसुन की कलि को पीसने पर इसमें से एलिसिन नाम का एंटीऑक्सीडेंट निकलता है। जो शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है।
7. नीम के द्वारा – By Neem
मधुमेह के रोगियों के लिए नीम के पत्तो का सेवन करना भी बहुत फायदेमंद होता है। रोज सुबह खाली पेट नीम की पत्तियों का सेवन करने से शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है।एक चम्मच नीम के पेस्ट को पानी में मिलाकर सुबह-सुबह पीने से भी शुगर नियंत्रित होती है।और यदि आपको कच्चा नीम या नीम का पेस्ट पसंद नहीं है तो आप डॉक्टर की सलाह के अनुसार नीम के कैप्सूल का भी सेवन कर सकते है।नीम के पत्तों, छाल और फलों को कई सालों से आयुर्वेदिक औषधि के रूप में उपयोग किया जाता रहा है। नीम में एंटीडाइबिटिक, एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पायेजाते हैं। नीम में शुगर को कम करने वाले गुण पाए जाते है। इसके अलावा यह मधुमेह को नियंत्रित करने में भी मददगार साबित होता है। नीम मधुमेह के दौरान होने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को भी रोकने में मदद करता है।
8. करेले के द्वारा – by bitter gourd
करेले को साफ पानी से धोकर इसका जूस बनाले और इस जूस में चुटकीभर नमक ,चुटकीभर कालीमिर्च और दो चम्मच निम्बू का रस डाल कर इसे सुबह -सुबह पिने से ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। करेले में फाइबर पाया जाता है जो एक एंटीडायबिटिक यौगिक है। यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
9. अमरुद के द्वारा – by Guava
अमरुद के सेवन से शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है। वैज्ञानिको के शोध के अनुसार अमरूद या अमरूद की पत्तियों की चाय का सेवन करने से मधुमेह के मरीज़ों में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। अमरूद अल्फा-ग्लूकोसाइडेज एंजाइम गतिविधि को कम कर मधुमेह में रक्त ग्लूकोज को प्रभावी ढंग से नियंत्रित कर सकता है। एक महीने तक अमरूद की पत्तियों की चाय का सेवन करने से शरीर में शुगर की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है। अमरूद में फाइबर और विटामिन-सी पाया जाता हैं जो शरीर के वज़न को भी संतुलित रखता हैं।
10. ग्रीन टी के द्वारा – By green tea
ग्रीन टी के रोजाना सेवन करने से मधुमेह को नियंत्रित किया जा सकता है। ग्रीन टी चयापचय प्रणाली को भी दुरुस्त करती है। ग्रीन टी में पाया जाने वाला पॉलीफेनॉल्स शरीर में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है।
11. अदरक के द्वारा – by ginger
मधुमेह के रोगियों के लिए अदरक का सेवन बहुत ही फायदेमंद होता है। अदरक को पीस कर पानी में डाल कर उबाल ले फिर इसे ठंडा करके छान ले और फिर इस पानी को पिने से शुगर नियंत्रित होता है। आप इसे दिन में दो बार पी सकते है अदरक को सब्जी में डाल कर भी खाया जा सकता है।आप यदि हर रोज़ अदरक का सेवन करते है तो इससे आपका शुगर लेवल नियंत्रित रहेगा। अदरक की यह प्राकृतिक एंटीडाइबेटिक प्रकृति मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत मददगार साबित हो सकती है।
12. करी पत्तो के द्वारा – With Curry Leaves
आप प्रतिदिन करी पत्तो को धोकर इनको खा सकते है या आप करी पत्तो को सब्जी में डाल कर भी खा सकते है।करी पत्ते को प्रतिदिन खाने से आपके शरीर में इंसुलिन की प्रक्रिया नियंत्रित रहती है।और यह शुगर की मात्रा को भी नियंत्रित करता है। करी पत्ता शरीर के वजन को नियंत्रित करने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मदद करता है।और यह मधुमेह की रोकथाम करता है।
ध्यान दे – Pay attention
ऊपर बताये गए घरेलू उपचार में उपयोग की गई किसी भी चीज से आप को एलर्जी की समस्या हो तो आप उसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर कर ले।
मधुमेह (डायबिटीज) की जाँच या परिक्षण – Diabetes screening or examination
डायबिटीज की जाँच के लिए निम्नलिखित टेस्ट किये जाते है।
1. शुगर फास्टिंग टेस्ट – Sugar Fasting Test
यह टेस्ट सुबह के समय खाली पेट किया जाता है। इससे शरीर में ब्लड शुगर की सही मात्रा का पता लगाने में मदद मिलती है।यह बहुत ही सुविधाजनक और आसानी से किया जाने वाला टेस्ट है । इस टेस्ट को आप घर पर भी आसानी से कर सकते है ।
2. रैंडम शुगर टेस्ट – Random Sugar Test
यह टेस्ट आप दिन में किसी भी समय करवा सकते है।
3. A1C टेस्ट – A1C Test
इस टेस्ट में मधुमेह के रोगी को भूखे रहने की जरुरत नहीं होती है यह टेस्ट दिन में किसी भी समय किया जा सकता है।इस टेस्ट के द्वारा हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कोशिकाओं से जुड़ी शुगर की मात्रा के बारे में जानकारी मिलती है।
4. ओरल शुगर टॉलरेंस टेस्ट – Oral sugar tolerance test
इस टेस्ट को करवाने से पहले मधुमेह के रोगी को सात से आठ घंटे तक भूखा रहना पड़ता है। टेस्ट करवाने से दो घंटे पहले रोगी को ग्लूकोज का पानी पिलाया जाता है। इसके बाद दो घंटे तक शुगर की मात्रा को नियमित रूप से जांच कीया जाता है।
मधुमेह चार्ट – Diabetes chart
मधुमेह और प्रीडायबिटीज़ के डायग्नोसिस के लिए ब्लड टेस्ट लेवल (BLOOD TEST LEVELS FOR DIAGNOSIS OF DIABETES AND PREDIABETES)
खाली पेट (Empty Stomach) | खाने क बाद (AFTER MEAL TEST) |
ग्लूकोज़ (GLUCOSE) | ग्लूकोज़ (GLUCOSE) |
MG/DL | MG/DL |
नॉर्मल (Normal) 72 से 99 मिलीग्राम / डीएल (72 to 99) | 140 मिलीग्राम /डीएल से कम (less than 140) |
डायबिटीज (DIABETES) 126 मिलीग्राम / डीएल या अधिक (126 or more) | 180 मिलीग्राम / डीएल या उससे ज़्यादा (180 or more) |
स्वस्थ व्यक्तियों में खाली पेट शुगर का लेवल 72 से 99 मिलीग्राम/डीएल की रेंज में होना चाहिए और खाने के दो घंटे बाद 140 मिलीग्राम/डीएल से कम होना चाहिए। वहीं, मधुमेह के रोगियों का शुगर लेवल खाली पेट 126 मिलीग्राम/डीएल या अधिक होता है, जबकि खाने के दो घंटे बाद 180 मिलीग्राम / डीएल या इससे अधिक होता है।
मधुमेह के रोगियों को क्या खाना चाहिए – What to eat in patients with diabetes
मधुमेह के रोगियों को मधुमेह को नियंत्रित रखने के लिए अपने आहार का मुख्य रूप से ध्यान रखना पड़ता है। यदि आप का आहार सही और संतुलित है तो यह शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- केला – केले में फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता है जो शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- अंगूर – अंगूर में फाइबर अधिक मात्रा में होता है जो मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।
- जामुन – जामुन के सेवन से शुगर को नियंत्रित किया जा सकता है ।
- अमरुद – अमरुद के सेवन से भी शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
- अंडा – अंडा खाने से शुगर नियंत्रित होती है इसमें प्रोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता है जो शुगर को बढ़ने से रोकता है ।
मधुमेह के रोगियों को क्या नहीं खाना चाहिए –
What diabetics should not eat
मधुमेह के रोगियों को निम्नलिखित खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं करना चाहिए यह शुगर की मात्रा को तेजी से बढ़ा सकते है।
- कोल्ड ड्रिंक पिने से
- शहद के सेवन से
- केक, पेस्ट्री के सेवन से
- मिठाई के सेवन से
- चावल अधिक खाने से
- पास्ता या सफ़ेद ब्रेड खाने से
मधुमेह से बचाव के तरीके – Ways to prevent diabetes
आज के समय में मधुमेह के रोगियों की संख्या बहुत बड़ रही है और यह एक गंभीर समस्या है समय के साथ जीवन शैली में आये बदलाव के कारण और हमारे खान पान में आये बदलाव के कारण मधुमेह की बीमारी बड़ रही है। हम अपने खान पान और अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव कर इस बीमारी से बचा जा सकता है और जिन्हे यह बीमारी पहले से ही है वो इसे नियंत्रित कर सकते है। हम आपको मधुमेह से बचने के कुछ आसान तरीके बता रहे है।
1. अपने शारीरिक वजन को नियंत्रित रखे – अपने शरीर के वजन को नियंत्रित रखे शरीर का अधिक बढ़ा हुआ वजन भी मधुमेह होने का एक कारण है ।
2. तनाव से बचे – तनाव का अधिक होना भी मधुमेह होने का एक कारण है इसलिए तनाव से बचने के लिए योगासन और ध्यान का सहारा ले ।
3. नींद पूरी ले – मधुमेह से बचने के लिए पूरी नींद लेना बहुत ही जरुरी है नींद की कमी होने से भी मधुमेह होने का खतरा बड़ जाता है।
4. धूम्रपान ना करे – मधुमेह के रोगियों को धूम्रपान नहीं करना चाहिए धूम्रपान करने से हृदय संबंधी समस्या होने का खतरा बड़ जाता है।
5. व्यायाम करना – व्यायाम करना हमारे शारीरिक स्वस्थ के लिए बहुत ही जरुरी होता है। यदि हम शारीरिक श्रम नहीं करते है तो यह शरीर का मोटापा बढ़ा देता है और मोटापा बढ़ने के कारण मधुमेह होने का खतरा भी बड़ जाता है। मधुमेह के रोगियों के लिए व्यायाम करना ,पैदल घूमना और योगासन करना बहुत ही फायदेमंद होता है।
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