डेक्सोरेंज कैप्सूल के बारे में: About Dexorange Capsule
आजकल की इस तेज़ चलती ज़िंदगी में, कोई ना कोई कमज़ोरी, दुबलापन या ऐसी किसी भी बीमारी से परेशान है। यदि इन सब को देखा जाए, तो यह सामने आता है, कि इसका सबसे बड़ा कारण है, ‘ख़ून की कमी’।-Dexorange Capsule in Hindi
वैसे देखा जाए तो हम सबके शरीर में बराबर ख़ून, 4.5 – 5 लीटर होता है, मगर जब ख़ून में आयरन की कमी उत्पन्न होती है, और हीमग्लोबिन घाट जाता है, तो उस स्थिति को एनीमिया कहते हैं। इस दिक्कत को कभी भी नज़रंदाज़ नाही किया जा सकता। हमारे देश में क़रीब नब्बे फ़ीसद महिलाएँ एनीमिया यानी कि ख़ून की कमी से पीड़ित हैं।
तो चलिए अब जानते हैं, एनीमिया के लक्षणों के बारे में और ज़्यादा।
एनीमिया के लक्षण:
इसके कारण सिर्फ़ कमज़ोरी और थकान ही नही होती, बल्कि इसके साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता भी गिर जाती है। बाल झड़ना, गला सूखना, नाख़ून टूटना, मुँह में छाले, पेट पर दाग़-धब्बे, सर में दर्द और पेट दर्द जैसी समस्याएँ, एनीमिया के लक्षण माने जा सकते हैं।
डेक्सोरेंज कैप्सूल कब इस्तेमाल करते है : When is Dexorange capsules used
इस दवा का इस्तेमाल लोग एनीमिया के लिए करते हैं, पर आजकल शरीर में ख़ून की कमी होती क्यों है?
आज कल लोगों की व्यस्त दिनचर्या होने के कारण, वो अपने खाने पर ध्यान नही दे पाते। शहरी खाना भी उतना पौष्टिक नही होता है, जितना हमारा शरीर चाहता है। इसका अर्थ है की जो चीज़ें हमें ख़ून बनाने के लिए चाहिए, वो इस खाने से नही मिल पाती है। ये समस्याएँ औरतों में इसलिए आम होती हैं, क्योंकि उन्हें हर महीने, मासिक धर्म के दौर से गुज़रना होता है।
हमारे शरीर में डेक्सोरेंज कैप्सूल के उपयोग की मात्रा: The amount of usage of Dexorange capsules in our body
- महिलाओं में : 12-16 ग्राम प्रति डेसिलिटर
- पुरुषों में : 11-14 ग्राम प्रति डेसिलिटर
यदि आपके रक्त में हीमग्लोबिन का स्तर इससे कम है, तो ये बात साफ़ है कि आपके रक्त में आयरन की कमी है। इसे ठीक करने के दो तरीक़े हैं:
- यदि कमी कम है, तो इसे खाने-पीने पर ध्यान देकर ठीक किया जा सकता है।
- पर यदि कमी काफ़ी ज़्यादा है, तो आपके चिकित्सक जल्दी असर पाने के लिए, सप्पलेमेंट की सलाह देते हैं। इन सुप्पलेंट में आयरन की कमी को ठीक करने के लिए, मार्केट में सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होता है डेक्सोरेंज कैप्सूल का।
- आज इस लेख के माध्यम से हम आपको यह बताएँगे कि यह दवा का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए, इसके लाभ और दुष्प्रभाव क्या-क्या हैं, इसे कब तक लिया जा सकता है, इसे लेने का सही तरीक़ा क्या है और ऐसी ही कुछ और आवश्यक जानकरियाँ।
डेक्सोरेंज कैप्सूल के निर्माता और पैकिजिंग: Manufacturers and packaging of Dexorange capsules
- निर्माता: फ़्रैंको इंडीयन फ़रमाकेटिकलस।
- एक बॉटल में तीस कप्सूल आते हैं।
- एक बोतल की क़ीमत: Rs.130 की MRP।
यदि आपको यह दवा नही मिल रही हो, तो आप इस विकल्प को इस्तेमाल कर सकते हैं:-RB टोन
डेक्सोरेंज कैप्सूल में इस्तेमाल होने वाली सामग्री : Ingredients of Dexorange Capsule in Hindi
इसके अहम सामग्री की बात करें तो इसमें:
- फेर्रिक अमोनीयम सिटरेट
- विटामिन B-१२
- फोलिक एसिड
- ज़िंक सल्फ़ेट मानोहाइड्रेट
इन सारे तत्वों का मेल से हर गोली के बंने में लगती है। इससे खों की कमी को दूर किया जाता है।
डेक्सोरेंज कैप्सूल के लाभ और उपयोग: Benefits and Uses of Dexorange Capsule in Hindi
- यह बात तो अब आप जानते ही हैं, की यह ख़ून को बढ़ाने के लिए ली जाती है। इसके अलावा यह और भी लाभ हैं इस दवाई के।
- एनीमिया के दौरान इसका उपयोग होता है।
- कोई महिला है, जिसको मासिक धर्म के समय, बहुत ज़्यादा ब्लीडिंग हो गयी हो, तो उसे यह गोली दी जाती है।
- कोई मरीज़ है, जिसका कोई ऑपरेशन हुआ है, और उसका बहुत ज़्यादा ख़ून बह गया है, तो उसको भी यह दवा दी जाती है।
- कोई भी ऐक्सिडेंट हुआ है, जिसमें मरीज़ का काफ़ी ख़ून बह गया है, जो कि एक ट्रॉमैटिक स्टेट होती है, तब भी उसे यह दवा दी जाती है।
- अगर कोई मरीज़ है जो माल-नारिश्मेंट का शिकार है, और उसका वज़न बहुत कम है, उसके गाल पिचके हुए हैं, शरीर में उसके कमज़ोरी है, उसे अमूमन चक्ककर आते रहते हैं, नीचे उठकर वापस खड़े होने में उसे दिक्कत होती है, उसके आँखों के आगे झट से अँधेरा आजाता है, तो उस स्थिति में भी इस दवा का उपयोग होना चाहिए। यह काफ़ी लाभदायक होगी।
- जब व्यक्ति में कमज़ोरी रहती है, तो उसका वज़न कम ही होता है, और उस इंसान में चिड़चिड़ापान भी रहता है। तो जब इस दवा से हीमग्लोबिन कवर हो जाता है, तो यह समस्याएँ भी दूर हो जाती हैं।
- यदि कोई मरीज़ है जिसको पेट में अल्सर है या बवासीर की शिकायत है जिसमें बहुत ज़्यादा ख़ून बह रहा है, और उसके कारण उसमें कमज़ोरी हो रही है, तो वैसी हालत में भी उसे यह दवा दी जाती है।
- यदि कोई इंसान किसी बड़ी बीमारी से लम्बे समय तक ग्रस्त रहा है, और इस लम्बे समय के बाद (चार से छह महीने), वो बिस्तर से खड़ा हुआ है, तो उसमें एक कमज़ोरी देखी जा रही है।
- यह बहुत ही पुरानी, विश्वसनीय दवा मानी जाती है। इसे सभी चिकित्सकों द्वारा इस्तेमाल में लायी जाती है।
डेक्सोरेंज कैप्सूल के दुष्प्रभाव या नुक़सान : Side-effects of Dexorange Capsule in Hindi
यदि इसे सामान्य रूप से देखा जाए तो इसके कोई दुष्प्रभाव नही देखे जा सकते हैं। फिर भी जो आमतौर पर कुछ समस्याएँ जो हो सकती हैं, हम उनकी बात कार लेते हैं। यह रही वो दिक्कतें:
- इंसान को नौसीया या उल्टी या मातलि हो सकती है।
- व्यक्ति को काले रंग का मल हो सकता है।
- क़ब्ज़ हो सकता है।
- पेट में मरोड़ आसकते हैं।
- मूत्र किसी और रंग का हो जाता है।
यदि इन समस्याओं के अलावा आपको कोई और नयी समस्या देखने को मिले, तो जल्द से जल्द, आप इसे लेना बंद करें और अपने चिकित्सक को सम्पर्क करें। इससे वो उस समस्या का उपचार ढूँढ पाएगा।
डेक्सोरेंज कैप्सूल की खुराक: Dexorange Capsule Supplements
- इस गोली की जो वयस्कों के लिए डोज़ रहती है, वो दिन की एक गोली दी जाती है। इसको आप दूध या पानी या ऐसे किसी तरल पदार्थ के साथ ले सकते हैं। इस दवा को हमेशा, भोजन के बाद हाई लेना चाहिए। यदी किसी मरीज़ को नौसेया या उल्टी की समस्या है, तो वो इस दवा को खाने के दौरान ले सकता है। यदि कोई मरीज़ है, जिसको बहुत ज़्यादा कमज़ोरी है, तो वो यह दवा दिन में दो बार ले सकता है।
- सामान्य रूप से, इस दवा को एक महीने से तीन महीने के लिए दिया जाता है। इससे मरीज़ को अच्छा परिणाम मिल जाता है। कुछ मामलों में इसे बारह महीने के लिए भी दिया जा सकता है, इससे कोई समस्या नही होगी, और लाभ ही मिलेंगे।
- यदि बच्चों के लिए देखा जाए, तो ‘डेक्सोरेंज जूनीयोर’ नाम की एक सिरप आती है, उसका इस्तेमाल हो सकता है, पर यह दवा सिर्फ़ पंद्रह साल से बड़े मरीज़ को ही दी जानी चाहिए।
- यह दवा गर्भावस्था और स्तनपातन, दोनो ही स्थितियों में बिलकुल सुरक्षित है। इसके साथ आब कुछ भी खा-पी सकते हैं। उसमें कोई रोक-टोक नही है। बल्कि आप जितना अच्छा डाइयट लेंगे, उतना फ़ायदा होगा।
- इस गोली को आप बिना डॉक्टर के दिशा-निर्देश से भी, फ़ार्मसिस्ट से आसानी से ले सकते हैं, क्योंकि यह पौष्टिक दवा है। इससे कोई ख़तरा नही है।
यह सारी दवाइयां डेक्सोरेंज के साथ रिएक्शन कर सकती हैं? :Can all these drugs react with dexorange?
जब भी आप डेक्सारेंज का इस्तेमाल शुरू करने वाले हैं, तो इस बात का ध्यान रखें कि खुराक शुरू होने के बाद, आप इनमें से किसी भी रसायन का इस्तेमाल न करें –
- नेयोमैसिन (Neomycin)
- क्लोरैम्फेनिकोल (Chloramphenicol)
- कोलकाइसिन (Colchicine)
- एपोटेन (Epoetin)
- मिथोट्रेक्सेट (Methotrexate)
- ग्लूकोज़ (Glucose)
- हेपरिन (Heparin)
- कोलेस्टीरामिन (Cholestyramine)
यदि आप डेक्सारेंज कैप्सूल लेने से पहले, किसी और विटामिन या सुप्पलेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो अपने चिकित्सक को, इसकी जानकारी अवश्य दें। इसके साथ ही, अपने चिकित्सक को बताए बिना किसी और दवाई का उपयोग शुरू न करें।
डेक्सोरेंज कैप्सूल का स्टोरेज: Storage of Dexorange Capsule in Hindi
डेक्सोरेंज कैप्सूल को ऐसे स्टोर किया जा सकता है:
सामान्य रूप से, डेक्सोरेंज कैप्सूल को स्टोर करने के दिशा-निर्देश दवाई की बोतल के लेबल पर छपे हुए होते है। वैसे देखा जाए, तो इसको ठंडे तापमान और नमी-मुक्त कमरे में रखना, किसी भी तरीका से बेहतर होता है। इसके अलावा इसे सूरज की किरणों और नमी से दूर रखना चाहिए।
यदि आप दवा को खराब नही होने देना चाहते हैं, तो उसके लिए आप डेक्सोरेंज कैप्सूल को रोशनी और गर्मी से दूर रखना रखें।
इसे स्टोर करने की जानकारी के लिए, लिए आप अपने कैमिस्ट या अपने चिकित्सक से जानकारी ले सकते हैं।
इसके साथ ही, गोली को बच्चों और पालतू पशुओं की पहुँच से दूर ही रखें। दवा की अंतिम तरीक या एक्सपायरि होने पर, आप संपूर्ण सावधानी बरतें, और दवा को बाथरूम या नाली में न फेंके। दवा को फेंकने के बारे में ज़्यादा जानकारी पाने के लिए, बोतल पर लिखे गए दिशा-निर्देश का पालन ज़रूर करें।
क्या डेक्सोरेंज तबियत पर कोई असर डाल सकता है? : Can Dexorange have any effect on health?
डेक्सोरेंज की गोली आपकी तबियत पर, बहुत सारे तरीक़ों से असर डाल सकता है। इनमें से कई असर शरीर के लिए, काफ़ी सीरीयस भी हो सकते हैं। इसके संभावित प्रतिक्रिया से बचने के लिए, यह बेहतर होगा कि आप इसका उपयोग करने से पहले, अपने चिकित्सक से विचार-विमर्श अवश्य कर लें। विशिष्ट तौर पर, लिवर या किडनी की समस्या में, बिना डॉक्टरी सलाह के डेक्सोरेंज कैप्सूल का इस्तेमाल बिलकुल शुरू न करें ।
डेक्सोरेंज कैप्सूल हमारे शरीर में, लाल रक्त कोशिकाओं के लेवल को बढ़ाने का काम करती हैं। पर कभी-कभी, बार इसकी वजह से, लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन पर्याप्त मात्रा से ज़्यादा हो जाता है।
इसी कारण, आप अपने चिकित्सक से नियमित जाँच करवाते रहिए।