क्या है आयोडीन?Deficiency of Iodine in hindi
- यह एक खनिज है, जो हमारे शरीर में नहीं बनता, इसीलिए हमें इसे बाहर से लेना पड़ता है, यानी की खाद्य पदार्थों से।
- आयोडीन के वजह से हम थाइरॉड हॉर्मोन का उत्पादन कर सकते हैं। यदि आप आयोडीन नहीं लेंगे, तो थाइरॉड हॉर्मोन नहीं बनेगा जिसकी वजह से ‘हाइपोथाइरॉडिज़म’ या ‘हाइपर-थाइरॉडइसम’ जैसी समयाएँ हो सकती हैं।
- विशेषज्ञों के अनुसार प्रतिदिन 150 मिलीग्राम थाइरॉड लेना ज़रूरी है, पर गर्भावस्था में इसकी ज़रूरत बाढ़ जाती है। वह क़रीब 250मिलीग्राम प्रतिदिन बन जाती है। इसका कारण यह है की ये शिशु के विकास के लिए भी उतना ही ज़रूरी है।
- विशेषज्ञ यह बताते हैं, की गर्भावस्था में देरी की मुख्य कारणों में से एक, आयोडीन की कमी है।
शरीर को आयोडीन की जरूरत:The body needs iodine:Deficiency of Iodine in hindi
- आयोडीन एक ऐसा पोषक तत्व है जो थ्र्य्रोईड नामक रसायन बनाने के लिए ज़रूरी होता है। यह थाइरॉड ग्लैंड में काम करता है।
- थायरॉइड शरीर के ठीक विकास को नियंत्रित करता है। साँस लेने और हृदय धड़कने की गति से लेकर शरीर के वजन और मांसपेशियों के बल तक, सब कुछ अच्छा काम करते हैं आयोडीन की वजह से । जब आयोडीन का स्तर बहुत गिर होता है, तो कमज़ोरी छाने लगती है और नींद आने लगती है। मरीज एक जगह ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है। जोड़ों या मांसपेशियों में दर्द के साथ डिप्रेशन भी होने लगता है। वैसे देखा जाए तो कुल मिलाकर भले ही आयोडीन बहुत कम मात्रा में जरूरी हो, लेकिन इसकी कमी शरीर को बड़ी नुकसान और हानि पहुंचाती है। वयस्कों को आमतौर पर प्रति दिन 150 माइक्रोग्राम (एमसीजी) की आयोडीन की आवश्यकता होती है। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को प्रति दिन 200 एमसीजी की आवश्यकता होती है।
आयोडीन की कमी के कारण यह होता है:causes of iodine deficiency in hindi-Deficiency of Iodine in hindi
जर्नल ऑफ फैमिली मेडिसिन एंड प्राइमरी केयर के अनुसार, भारत में लगभग 20 करोड़ लोगों में आयोडीन की कमी(Deficiency of Iodine in hindi) से होने वाले विकार (आईडीडी) का खतरा है। इसके साथ 7.1 करोड़ लोग गॉइटर (गलगंड) और अन्य आईडीडी से पीड़ित हैं। विश्वभर में यह आंकड़ा 2 अरब है। आईडीडी किसी को भी अपना शिकार बना सकता है, लेकिन 6 से 12 आयु वर्ग के बच्चे-किशोर सबसे ज्यादा प्रभावित रहते हैं। आईडीडी का सबसे बुरा असर जीवन के पहले 1000 दिनों में और गर्भाधान से 2 वर्ष की आयु तक होता है।
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आयोडीन की कमी से होने वाली बीमारियां:Iodine deficiency diseases:Deficiency of Iodine in hindi
अगर वक़्त रहते उपचार नहीं किया गया यो आयोडीन की कमी से हृदय संबंदी बीमारियाँ हो सकती हैं जैसे: दिल का बड़ा हुआ आकार या दिल का विफल हो जाना।
आयोडीन की कमी से औरतों में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारियाँ भी हो सकती हैं जैसे: डिप्रेशन और बांझपन। जिन महिलाओं में आयोडीन की कमी होती है, उनकी माँ बंने की सम्भावना 46 प्रतिशत कम हो जाती है। यदि गर्भवती महिलाओं में थाइरॉड हॉर्मोन की कमी हो, तो उसका असर पैदा होते शिशु पर सीधा दिखता है। नवजात शिशु बचपन से हाई कमज़ोर होते हैं। वहीं दूसरी तरफ़ गर्भपात, मृत शिशु का जन्म और जन्म से ही होने वाली परेशानियों का जोखिम भी बढ़ जाता है।
आयोडीन की कमी के लक्षण:Deficiency of Iodine Symptoms :Deficiency of Iodine in hindi
चिकित्सकों के अनुसार, गर्दन में सूजन, झट से वजन बढ़ जाना, थकान महसूस होना, बालों का झड़ जाना या कम होना, याददाश्त कमजोर होना, गर्भावस्था संबंधी परेशनियाँ, मासिक धर्म की समस्याएँ या मासिक धर्म में अधिक खून आना आयोडीन की कमी के साधारण लक्षण हैं। इसके साथ सूखी त्वचा, सामान्य से ज़्यादा ठंड लगना और तेज़ दिल की धड़कन भी इसकी कमी के संकेत हैं। बच्चों में आयोडीन की कमी मानसिक समस्याओं का कारण बनती है। दांतों का विकास रुक जाता है और मानसिक तौर भी विकास नहीं हो पाता है।
आयोडीन की कमी के उपचार:Deficiency of Iodine Treatment
- मछली जैसे की सार्डीन और ट्यूना।
- अंडे
- चीज़
- मेवे
- मीट
- योगर्ट
- ब्रेड, डेयरी उत्पाद
- समुद्री शैवाल
- दूध
- कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ हैं, जिनमें प्रचूर आयोडीन होता है। यदि आहार से पर्याप्त आयोडीन की आपूर्ति नहीं हो पा रही है, तो डॉक्टर इसके सप्लिमेंट की सलाह देते हैं।
- आयोडीन नमक इसका एक तरीका है। लेकिन ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स) की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान में आयोडीन नमक का सबसे कम इस्तेमाल होता है। यहां महज 65.5 फीसदी घरों में ही आयोडीन युक्त नमक खाया जाता है। इसके बाद तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश हैं। मतलब अगर हमें इन राज्यों को आयोडीन की कमी से बचाना है तो आयोडीन युक्त नमक का सेवन बढ़ाना होगा।
आयोडीन के स्त्रोत:Sources of iodine
- सी फूड
- दही
- दूध
- आयोडीनयुक्त नमक
- मछली (बेक्ड कॉड)
- सफेद ब्रेड
- चोक्लेट आइसक्रीम
- उबली हुई मैकरोनी
- कॉर्न (मकई) क्रीम
- सूखे आलूबुखारा
- सेब का जूस
- मटर
- अंडा
- केला
- सेब
- चीज
आयोडीन की मात्रा खाने में कैसे बढ़ाई जा सकती है:How can iodine intake be increased in food
आयोडीन एक वॉलटिल या परिवर्तनशील काम्पाउंड है, यानी कि अगर आप इसे खुले में रखेंगे, तो हवा के सम्पर्क में आने के बाद यह अपना असर खो देगा और उड़ जाएगा। इसीलिए यह ज़रूरी है की आप नमक को सदा बंद डब्बे में या ऐर-टाइट कंटेनर में ही रखें।
- खाना बनाते समय अक्सर तीस से सत्तर प्रतिशत आयोडीन का नुक़सान हो जाता है। इसी कारण आप खाना बनाने के बाद, या कुछ पल पहले ही नमक डालें।
- भारत सरकार ने आयोडीन युक्त नमक अनिवार्य किया हुआ है। इसीलिए आप जब भी नमक ख़रीदें, तो इस बात का ख़याल रखें कि जब भी आप नमक ख़रीदें, तो ध्यान दें कि वह आयोडीन युक्त नमक ही हो।
आयोडीन की कमी का पता लगाने के टेस्ट:Iodine deficiency test
यूरिन या रक्त जाँच से आयोडीन की कमी का पता लगाया जा सकता है। एक आयोडीन पैच टेस्ट भी होता है, जिसमें डॉक्टर त्वचा पर आयोडीन के एक पैच पेंट करते हैं और जांचते हैं कि 24 घंटे के बाद यह कैसा दिखता है।