सीओपीडी (COPD) क्या हैं( What is COPD in hindi)
सीओपीडी (COPD in hindi) बीमारी रोगों के एक समूह से संबंध रखती है जिनका संबंध फेफड़ो की बीमारी के समूह से होता हैं, ये बीमारी व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत खड़ी कर देती हैं और इस बीमारी में व्यक्ति के श्वास मार्ग में समस्या उत्पन्न हो जाती हैं।
इस बीमारी में मुख्य रूप से दो तरह की आम परिस्थिति उत्पन्न हो जाती हैं जिन्हें वातस्फीति (Emphysema) और क्रोनिक ब्रोंकाइटिस (Chronic Bronchitis) कहा जाता हैं। इसमे समझने वाली बात ये हैं कि जो क्रोनिक ब्रोंकाइटिस जिससे हमारे शरीर मे फेफड़ो तक हवा पहुंचाने का काम करती है वो शरीर में मौजद ब्रोनिकल ट्यूब्स में सूजन पैदा करती हैं। इसके अलावा जब फेफड़ो में हवा के द्वारा बनी थैली धीरे-धीरे नष्ट होने लगती हैं तो वो स्थिति वातस्फीति कहलाती हैं।
एक बात ये ध्यान रखने वाली हैं कि अगर क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजिस में फेफड़ो को नुकसान पहुंचता है तो उसे ठीक करना लगभग असंभव होता हैं पर अगर आप इसके लक्षण को पहचान करके इसका समय से उपचार कर दे तो भविष्य में इसके होने वाले खतरे को कम किया जा सकता हैं।
सीपीओडी (COPD) के लक्षण (Symptoms of COPD in hindi)
इस बीमारी में पीड़ित व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होनी शुरू हो जाती हैं व्यक्ति सांस लेने में काफी तकलीफ महसूस करता हैं, इस बीमारी के लक्षण एकदम से ना होकर बल्कि धीरे-धीरे उत्पन्न होने शुरू होते हैं। सीपीओडी से गुजर रहे व्यक्ति को इस बात का पता नहीं होता कि उसे ये बीमारी कब से हुई हैं, मुख्य रूप से व्यक्ति की उम्र जब 40 से पार होती है तब ही उसे धीरे-धीरे अपनी बीमारी का पता लगने लगता हैं। आइये अब हम आपको इस बीमारी के लक्षणों के बारें में थोड़ी जानकारी देते हैं।
- जब आप व्यायाम करते हैं तो आप तेजी से सांस लेने लगते हैं या इसके अलावा जब आप रात को अचानक से उठे और आपको सांस लेने में परेशानी होने लगे तो ये इस बीमारी का एक लक्षण होता हैं।
- अगर आपको लगातार खांसी की शिकायत हैं वो भी बलगम वाली खांसी तो ये सीपीओडी का संकेत हो सकती हैं।
- आपकी छाती में संक्रमण रहना भी इस बीमारी का ही एक लक्षण होता हैं।
- अगर किसी व्यक्ति को लगातार फ्लू, सर्दी-जुकाम की शिकायत या श्वास से संबंधित कोई दिक्कत रहती हैं तो भी सीपीओडी के होने के अवसर को नकारा नहीं जा सकता।
वैसे तो इस बीमारी के लक्षण धीरे-धीरे ही दिखाई देने लगते हैं पर फिर ये गंभीर स्थिति में पहुंचने लगते हैं। लक्षणों के गंभीर होने से इसका सबसे बड़ा प्रभाव हमारे दैनिक कार्यकलापों पर पड़ता हैं, पर विशेषज्ञों के अनुसार अगर सही समय पर सही उपचार किया जाए तो इसे सही से नियंत्रित किया जा सकता हैं। इन सबके अलावा सर्दियों के मौसम में इसके लक्षण गंभीर दिखाई देने लगते हैं। वैसे सीओपीडी के अन्य लक्षण भी होते हैं चलिए उन्हें भी जानते हैं
- वजन का बिना वजह के घटना
- खांसते समय खून निकलना
- थकान महसूस होना
- घुटनों में सूजन रहना
सीओपीडी (COPD) होने के कारण (Causes of COPD in hindi)
इस बीमारी के ज्यादातर मामलों में देखा गया हैं कि इस बीमारी में फेफड़े सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं, सामान्यतः शरीर मे हवा यानी वायु हमारी सांस लेने वाली नली और उनके अलावा दो अन्य बड़ी ट्यूब के द्वारा फेफड़ो में पहुंचती हैं। किसी भी व्यक्ति के फेफड़ो में ब्रोंकाइल ट्यूब होती है जो अलग-अलग हिस्सों में बटी होती हैं और उनके दूसरे हिस्से पर एलवीओलि नामक एक थैली होती हैं जोकि छोटी-छोटी हवा का समूह होता हैं। एलवीओलि में बहुत सारी पतली दीवारें होती हैं जिसकी कोशिकाएं रक्त से परिपूर्ण होती हैं
आइए इस बीमारी के होने के कुछ कारणों को जानते हैं
- ज्यादा धूम्रपान करना- जब कोई व्यक्ति ज्यादा धूम्रपान करता हैं तो ये करने से उस व्यक्ति के फेफड़े खराब हो जाते हैं और उसे सीओपीडी की बीमारी भी हो सकती हैं।
- धुँए से- जिन घरों में हवा आने-जाने की सही रूप से जगह नहीं होती या फिर घर मे खाना पकाने से उत्पन्न होने वाले धुँए से भी सीओपीडी बीमारी होने का खतरा रहता हैं।
- पारिवारिक पृष्ठभूमि- अगर आप के परिवार में पहले से किसी को ये बीमारी रह चुकी हैं या वर्तमान में किसी को ये बीमारी हैं तो अन्य किसी को इस बीमारी के होने का अवसर रहता हैं।
- तम्बाकू या धूम्रपान करने वाले लोगों के संपर्क में आना- जरूरी नहीं कि जो तम्बाकू का सेवन या धुम्रपान करते हैं तो ही आप को ये बीमारी हो सकती हैं बल्कि जो लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं तो उनके धुँए की चपेट में आने वाले अन्य व्यक्तियों को भी ये बीमारी हो सकती हैं।
- अस्थमा की शिकायत- जिन लोगों को अस्थमा की पहले से बीमारी हैं उनके इस बीमारीं कि चपेट में रहने की ज्यादा आंशका रहती हैं
सीओपीडी से रोकथाम (Prevention from COPD)
इस बीमारी से बचाव के उपाय वैसे तो बहुत सरल हैं लेकिन अगर इसको नहीं माना जाए तो ये बीमारी गंभीर रुप धारण कर लेती हैं आइये इस बीमारी से रोकथाम के कुछ तरीकों के बारें में जानने की कोशिश करतें हैं।
- धूम्रपान का त्याग- सबसे पहले आपको धूम्रपान छोड़ देनी चाहिए अगर आप पहले से धूम्रपान करते हैं तो इससे आपके फेफड़ो को नुकसान पहुंचता हैं।
- आस-पास धूम्रपान कर रहे व्यक्ति से बचें- अगर कोई आपके आसपास धूम्रपान कर तो उसके पास जाने से बचें।
- स्वस्थ जीवनशैली- इस बीमारी से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाइए।
- वायु प्रदूषण से बचाव- किसी भी तरह के वायु प्रदूषण से बचें।
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