अर्जुन शब्द का अर्थ संस्कृत में श्वेत होता है अर्जुन वृक्ष भारत में पाए जाने वाला एक पौराणिक वृक्ष है यह एक सदाबहार वृक्ष है यह वृक्ष घने जंगलो में नदी के किनारो पर पाया जाता है जिसकी लम्बाई 60 से 80 फीट होती है अर्जुन वृक्ष(Arjun tree) में बहुत सारे औषधिय गुण पाए जाते है अर्जुन वृक्ष की छाल को औषधि के रुप में प्रयोग किया जाता है छाल को धुप में सुखाकर पाउडर बनाया जाता है पाउडर का प्रयोग कई रोगो के उपचार में किया जाता है इस वृक्ष है बारे में और अधिक जानकारी के लिए ध्यान से पढ़े ।
अर्जुन वृक्ष भारत में कहाँ पाए जाते है – Where are Arjun trees found in India
अर्जुन वृक्ष पूरे भारत में विशेष रूप से उप हिमालयी इलाको और पूर्वी भारत में पाए जाते है। यह ज्यादातर बिहार तथा मध्य प्रदेश में पाया जाता है भारत में बांधवगढ़ नेशनल पार्क ,कान्हा नेशनल पार्क ,पेंच टाइगर रिजर्व में व्यापक रूप से लगाये जाते है।
अर्जुन वृक्ष का परिचय – Introduction to Arjun tree
अर्जुन वृक्ष घने जंगलो में पाया जाने वाला एक सदाबहार औषधीय वृक्ष है जो आकर में बड़ा होता है यह 60 से 80 फीट ऊंचाई वाला होता है इसकी छाल बहुत उपयोगी होती है कई बीमारियों में इसका उपयोग किया जाता है।
अर्जुन वृक्ष के अन्य नाम – Other names for Arjun tree
- अर्जन
- कुहू
- सदरू
- अर्जुन निरोबलन
- ओरजून
अर्जुन वृक्ष के पत्ते – Arjun tree leaves
इसके पतों का रंग ऊपर कि सतह पर हरा व् नीचे की सतह पर भूरा होता है तथा पेड कि पत्तिया लगभग 7 से 18 सेंटीमीटर लम्बी 4 से 6 सेंटीमीटर चौड़ी होती है । इसकी पत्तिया थोड़ी थोड़ी अमरुद की पत्तियों जैसी दिखती है इसके पत्ते हल्के नुकीले भी होते है।
अर्जुन वृक्ष के फूल ओर फल – Arjun tree flowers and fruits
अर्जुन वृक्ष में फूल मार्च से जून महीने के बिच में आते है फूल लगभग 15 मिमी लम्बे तथा चमकदार होते है। इसके फूल पिले,सफ़ेद तिल के जैसे होते है। अर्जुन के वृक्ष पर फूल मार्च में आना शुरू होते है जो फल बनने में लगभग 4 महीने लगाते है जुलाई के आस पास इस पर छोटे छोटे फल नजर आते है इस पेड़ का फल हरे रंग का होता है जो पकने पर चमकदार भूरे रंग का हो जाता है। जिसका आकार अंडे जैसा दिखता है ।
अर्जुन वृक्ष की छाल – Bark of arjun tree
अर्जुन वृक्ष की छाल लगभग 4 मिली मीटर मोटी होती है यह बहार से सफ़ेद रंग की और अंदर से चिकनी ,मोटी तथा हल्की गुलाबी रंग की होती है इस वृक्ष में छाल सबसे उपयोगी होती है छाल में 20 – 24 % टैनिन पाया जाता है पौटेशियम,कैल्सियम ,मेगनीसियम जैसे तत्व भी पाए जाते है छाल को चूर्ण ,काढ़ा ,क्षीर पाक,अरिस्ट आदि के रूप में सेवन किया जाता है इसकी छाल का स्वाद कसैला और तीखा होता है अर्जुन वृक्ष के छाल से ह्रदय चक्र ( मानव शरीर का ऊर्जा देने वाला केंद्र ) को मजबूती मिलती है इस वृक्ष में हरड़ तथा बहेड़ा की तरह औषद्यीय गुण मौजूद होते है जो ह्रदय के लिए शक्तिवर्धक होता है आयुर्वेदिक चिकित्त्सक कई रोगो के उपचार जैसे स्ट्रोक , हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर जैसी कई हृदय संबंधित रोगो में इसका उपयोग करते है |
अर्जुन वृक्ष कि छाल का उपयोग कैसे करे – How to use the bark of Arjun tree
1. छाल के पाउडर को दूध में मिलाकर भी पिया जा सकता है।
2. बाजार में अर्जुन वृक्ष कि छाल के कैप्सूल भी उपलब्ध रहते है जिसका उपयोग आप कर सकते है।
3. भोजन से पहले ( खाली पेट ) छाल के पाउडर को 50 ml पानी में मिलाकर दिन में एक या दो बार पिया जा सकता है।
4. 2 कप पानी में एक चम्मच अर्जुन कि छाल का पाउडर डालकर आधा होने तक उबाले फिर छान कर गुनगुना पिये ।
अर्जुन वृक्ष कि छाल के फायदे – Benefits of Arjun tree bark
1. हृदय रोगो में – In heart diseases
अर्जुन वृक्ष की छाल व जंगली प्याज को समान मात्रा में लेकर चूर्ण बनाले इस चूर्ण को प्रतिदिन आधा चम्मच दूध के साथ सेवन करे जिससे हृदय संबंधी रोगो में आराम मिलता है। यह हृदय की माँसपेशियो को मजबूत बनाती है हृदय की सूजन को दूर कर हृदय को मजबूत बनाने वाली औषद्यि है स्ट्रोक के खतरे को कम करती है हृदय के ब्लॉकेज को दूर करने में लाभदायक है। अर्जुनरिस्ट का सेवन रक्त को शुद्ध करता है।यह सभी प्रकार के हृदय रोगो में लाभकारी होती है।
2. मधुमेह( डायबिटीज ) के इलाज में – In the treatment of diabetes
मधुमेह के रोगी प्रतिदिन अर्जुन की छाल के चूर्ण और देसी जामुन के बीजो के चूर्ण को बराबर मात्रा में मिलाकर रात को सोते समय आधा चम्मच चूर्ण गुन गुने पानी में मिला कर इसका सेवन करे यह बहुत ही लाभदायक होता है। इसके अलावा अर्जुन वृक्ष की छाल ,जामुन की छाल और कदम की छाल को अजवाइन के साथ बराबर मात्रा में ले कर दरदरा पीस ले आधा लीटर पानी में 24 ग्राम पाउडर मिला कर आंच पर उबाल कर काढ़ा बना ले उसे ठंडा होने पर सुबह शाम पिए ऐसा लगातार 3 – 4 सप्ताह तक करना मधुमेह के रोगियों के लिए लाभदायक है।
3. मोटापा कम करने में – Reduce obesity
अर्जुन वृक्ष की छाल का प्रयोग मोटापे से ग्रसित लोगो के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ है। अर्जुन वृक्ष की छाल का चूर्ण शुबह शाम काढ़ा बनाकर महीने भर पिने से मोटापे में असर दिखाई देना शुरू हो जाता है । यह कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी लाभदायक है ।
4. दांतो के लिए फायदेमंद – beneficial for teeth
अर्जुन की छाल के चूर्ण से दांतो की सफाई करने से दांतो पर जमे हुए पिले और काले धब्बे साफ हो जाते है। इस चूर्ण का उपयोग करने से दाँत सफ़ेद और चमकदार हो जाते है।
5. बालो के लिए – For hair
अर्जुन वृक्ष की छाल का चूर्ण बालो के लिए बहुत है फायदेमंद होता है। इसको मेंहदी में मिला कर बालो में लगाने से सफेद बाल धीरे धीरे काले होने लगते है। तथा बालो को जल्दी बढ़ाने में मदद करता है।
6. त्वचा के लिए लाभदायक – beneficial for the skin
अर्जुन वृक्ष की छाल से बने उबटन का लेप चेहरे पर लगाने से त्वचा साफ, चमकदार और मुलायम बनती है। यह चेहरे की झुर्रिया भी दूर करता है। उबटन बनाने के लिए अर्जुन वृक्ष की छाल से बना चूर्ण, बादाम ,कपूर व हल्दी को समान मात्रा में ले कर पीस ले और अपने चेहरे पर लगाये उबटन लगाने के कुछ ही दिनों में बेहतरीन रिजल्ट पाए ।
7. पेशाब की रूकावट दूर करने में – Removing urination blockage
मूत्राशय से संबंधी रोगो में अर्जुन की छाल का काढ़ा बहुत लाभदायक होता है। मूत्राशय के संक्रमण , मूत्राशय की पथरी में इसका उपयोग बहुत ही फायदेमंद है। मूत्र की रूकावट होने पर इसकी छाल का अंदर वाला भाग पीस कर दो कप पानी में डाल कर उबाले जब तक की एक कप पानी शेष ना रह जाये फिर इसको छान कर रोगी को पिलाये यह मूत्र वर्धक है। इससे मूत्र की रूकावट दूर हो जाती है।
8. उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में – In controlling high blood pressure
अर्जुन वृक्ष की छाल के चूर्ण का सेवन एंजाइना के दर्द को कम करता है ।यह रक्त वेसल को फैलाकर रक्त प्रवाह के अवरोध को दूर करती है यह उच्च रक्तचाप को भी नियंत्रित करती है। अर्जुन वृक्ष की छाल का पाउडर दो गिलास पानी में तब तक उबाले जब तक पानी आधा ना रह जाये इस काढ़े को एक से दो गिलास सुबह शाम पिने से बड़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है। और ब्लॉक हुई धमनिया भी खुल जाती है।
9. मुँह के छालो में – Mouth ulcers
नारियल के तेल में इसकी छाल के चूर्ण को मिलाकर मुँह के छालो पर लगाने से छाले बिलकुल ठीक हो जाते है। ताजा अर्जुन की छाल का काढ़ा पिने से मुँह के संक्रमण में राहत मिलती है गुड़ के साथ इस चूर्ण का प्रयोग बुखार में बहुत ही फायदेमंद होता है।
10. खांसी में राहत – Relief in cough
ताजे हरे अडूसे के पत्तो का रस व अर्जुन की छाल का चूर्ण मिलाकर सूखा ले 7 बार अडूसे के पत्तो का रस डाल कर सूखा ले फिर अच्छे से सुख जाने पर इसे शीशी में भर ले इस चूर्ण को छोटा आधा चम्मच शहद में मिलाकर इसका सेवन करने से खांसी में राहत मिलती है।
11. सूजन को कम करने में – Reduce Inflammation
इस चूर्ण के सेवन से हर प्रकार कि सूजन कम हो जाती है ह्रदय के अलावा शरीर के विभिन्न अंगो कि सूजन 1 से 3 ग्राम चूर्ण खिलाने से खत्म हो जाती है।
स्तन कैंसर में अर्जुन वृक्ष कि छाल का प्रयोग – Use of bark of Arjun tree in breast cancer
कई अध्ययनों व प्रयोगों से पता चला है कि अर्जुन के वृक्ष में कसुआरिनिन नामक रासायनिक घटक पाया जाता है जो स्तन कैंसर कि कोशिकाओं को विकसित होने से रोकता है गर्म दूध में अर्जुन की छाल का पाउडर मिलाकर दिन में एक बार खाली पेट पीने से स्तन कैंसर के मरीजों को बहुत फायदा होता है।
अर्जुन वृक्ष कि छाल के उपयोग से क्या नुकसान हो सकते है ? – What harm can be caused by the use of Arjun tree bark?
1. जो लोग मधुमेह व बी पी कि दवा का सेवन करते है उन लोगो को छाल का चूर्ण कम मात्रा में लेना चाहिए क्योंकि अर्जुन कि छाल रक्तचाप और शर्करा के स्तर को कम कर सकता है जो जातक हो सकता है।
2. स्तनपान कराने वाली महिलाएँ इसके सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले।
3. गर्भवती महिलाओ को इसका उपयोग डॉक्टर कि सलाह से करना चाहिए।
अर्जुन वृक्ष कि छाल कि तासीर – Bark of Arjun tree
अर्जुन कि छाल ठंडी होती है गर्मियों में इसका सेवन करना अच्छा फायदेमंद होता है ।
अर्जुन वृक्ष के बारे में रोचक जानकारी
1. इस वृक्ष के फुल को फूल से फल बनने में लगभग 4 महीने का समय लगता है ।
2. पुराने ग्रंथो में ऐसा माना जाता है की भगवान कुबेर के दो पुत्रो में से एक अर्जुन है।
3. अर्जुन वृक्ष एक पवित्र वृक्ष माना जाता है।
4. इस वृक्ष की छाल को उतार ले तो फिर से उग आती है।
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अर्जुन के पेड़ की उपयोगी जानकारी देने के लिए धन्यवाद