गर्भावस्था में बुखार आने के कारण(Causes of fever in pregnancy in hindi)
गर्भावस्था में हमारे अंदर की रक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती हैं क्योंकि इसे मां और बच्चे दोनों की रक्षा के लिए बहुत से काम करने पड़ते हैं। इस दौरान शरीर कमजोर हो जाता है, और संक्रमण से ग्रसित होने के कारण बुखार(Causes of fever in pregnancy in hindi) हो जाता है। हम आपको इसके बारे में अधिक जानकारी बता रहे हैं जो नीचे लिखी गई है:-
- Pregnancy First month(गर्भावस्था का पहला महीना)-सम्पूर्ण जानकारी
- Pregnancy second month(गर्भावस्था का दूसरा महीना)-सम्पूर्ण जानकारी
- Pregnancy third month(गर्भावस्था का तीसरा महीना)-सम्पूर्ण जानकारी
- Fourth month pregnancy in hindi:गर्भावस्था का चौथा महीना हिंदी में
- Fifth month pregnancy in hindi:गर्भावस्था का पांचवा महीना
- Six months pregnancy in hindi:गर्भावस्था का छटा महीना इन हिंदी
- Seven months pregnancy in hindi:गर्भावस्था का सातवां महीना
- 8th month pregnancy in hindi:गर्भावस्था का आठवां महीना हिंदी में
- 9th month pregnancy in hindi :गर्भावस्था का नौवा महीना हिंदी में
सर्दी- जुकाम
गर्भावस्था के दौरान सर्दी जुकाम से भी बुखार हो जाता है। इस दौरान नाक बहना ,खांसी, गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत हो जाती है। अगर यह आपको ज्यादा दिनों तक रहे तो आप तुरंत डॉक्टर से बात करें।
इंफ्लुएंजा
गर्भावस्था में हमारे शरीर के अंदर कई नए परिवर्तन होते हैं। इसलिए गर्भवती महिलाओं को शुरू होने के कारण बुखार होने की संभावना रहती है, या कोई अन्य गंभीर बीमारी भी हो सकती है।
मूत्र-मार्ग संक्रमण
गर्भावस्था के चलते हैं महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन हो सकता है। यह मूत्र मार्ग में होने वाला रोग है। जिसमें पेशाब के साथ खून आता है, ठंड लगती है, और बुखार भी हो जाता है। गर्भावस्था के दौरान अच्छी समस्या नहीं है इसका खतरा बना रहता है।
गैस्ट्रोएन्टराइटिस वायरस
गर्भावस्था के दौरान शारीरिक अवस्था कमजोर होने की वजह से गैस्ट्रोएन्टराइटिस वायरस यदि शरीर में प्रवेश कर जाता है, तो उसकी वजह से गर्भवती महिला को उल्टी दस्त और बुखार जैसे लक्षणों का सामने आना संभावित हो जाता है।
लिस्टेरिया
लिस्टेरिया तब होता है जब एक गर्भवती महिला दूषित पानी दूषित भोजन का सेवन कर लेती है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को तेज बुखार, उल्टी जैसा जी मचलाना, मांसपेशियों में दर्द, बेवजह दस्त लगना और गले में ऐठन महसूस होने लगती हैं।
- First trimester of pregnancy in hindi:प्रग्नेंसी के शुरुआती तीन महीने सम्पूर्ण जानकारी
- Second trimester of pregnancy in hindi:गर्भावस्था की दूसरी तिमाही
- Third trimester of pregnancy in hindi:गर्भावस्था की तीसरी तिमाही..
प्रेगनेंसी में बुखार आने से बच्चे पर प्रभाव(effects on baby due to causes of fever in pregnancy in hindi)
प्रेगनेंसी के दौरान बुखार होना एक गर्भवती महिला के साथ साथ उसके बच्चे को भी नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में किस प्रकार के नकारात्मक प्रभाव गर्भवती महिला और बच्चे पर पड़ते हैं उनका पूरा वर्णन नीचे दिया गया है:-
- भ्रूण के विकास में बाधा:– गर्भावस्था के दौरान जब एक गर्भवती महिला का असामान्य रूप से तापमान बढ़ने लगता है तो ऐसे में गर्भवती महिला को गर्भपात का खतरा हो सकता है क्योंकि गर्भावस्था में बुखार टेटरोजेनिक के रूप में होता है। जिसके कारण भ्रूण में विकास की बाधा आ सकती है, और इस दौरान गर्भ में पल रहे बच्चे पर कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। जिसकी वजह से जन्म के समय बच्चा किसी विकार के साथ पैदा होता है।
- ओरल क्लीफ का खतरा:– गर्भावस्था के दौरान किसी महिला को यदि बुखार की शिकायत हो जाती है तो ऐसे में छोटे बच्चों में क्लीफ की समस्या आ जाती है यदि सरल शब्दों में कहें तो होट नाक के संपर्क में आ जाते हैं।
- न्यूरल ट्यूब दोष:– गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे में कुछ केसेस में न्यूरल ट्यूब दोष पाया गया है क्योंकि वह महिलाएं घर के दौरान बुखार से ग्रसित हो चुकी थी।
- ऑटिज्म और बच्चे का विकास प्रभावित:- गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को बुखार आने की वजह से नवजात शिशु में ऑटिज्म की समस्या भी देखी गई है जिसकी वजह से बच्चे बातचीत करने में असक्षम हो जाते हैं।
- Pregnancy in hindi(गर्भावस्था) के प्रमुख लक्षण क्या है
- Early signs of getting pregnancy in hindi:गर्भवती होने के शुरुआती लक्षण
- Diet chart pregnancy in hindi:गर्भावस्था आहार चार्ट सम्पूर्ण जानकारी
गर्भावस्था के दौरान बुखार से कैसे निपटें(how to deal with fever during pregnancy in hindi)
गर्भावस्था के दौरान सबसे पहले महिला को किसी डॉक्टर के पास अवश्य जाना चाहिए और अपने पास एक थर्मामीटर रखना चाहिए जिससे समय-समय पर वह अपने बुखार को जांच कर उसे नोट कर सके। कुछ निम्नलिखित उपायों को भी अपना कर रहे अपना बुखार कम कर सकती है;-
- यदि गर्मियों के दौरान किसी गर्भवती महिला को बुखार की संभावना होती है तो उसे ढीले ढाले सूती कपड़े पहनने चाहिए वही सर्दी के मौसम में यदि ज्यादा ठंड का एहसास होता है तो ऐसे में चादर और कंबल से ढककर अपने शरीर को रखना चाहिए।
- यदि शरीर का तापमान निरंतर बढ़ रहा है तो गर्भवती महिला को हल्के गुनगुने पानी से स्नान कर लेना चाहिए इससे तापमान में रूकावट हो सकती है।
- जितना हो सके उतना बार-बार पानी पीते रहें ताकि आपका शरीर हाइड्रेट होता रहे।
- गर्भवती महिला को यदि बुखार हो जाता है तो ऐसे समय में उन्हें आराम की सलाह देनी चाहिए क्योंकि बुखार के साथ-साथ उन्हें चक्कर की संभावना भी रहती है।
- गर्भवती महिला को यदि ज्यादा तापमान हो जाता है तो उसका बुखार कम करने के लिए आप उन्हें ठंडा पैक भी लगा सकते हैं।
गर्भावस्था में बुखार की दवाई(fever medicine in pregnancy)
गर्भावस्था के दौरान कोई भी दवा खुद से नाले सबसे पहले डॉक्टर का परामर्श लें उसके बाद ही किसी दवा को लेने के लिए सोचे।
गर्भावस्था के दौरान बुखार को कम करने के लिए कुछ घरेलू उपाय(some home remedies to reduce fever during pregnancy)
कुछ घरेलू उपायों की सहायता से गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला के बुखार को कम किया जा सकता है कुछ घरेलू उपाय निम्नलिखित है:-
- यदि गर्भवती महिला को बुखार की शिकायत हो जाती है तो ऐसे में यदि वह पानी में चार पांच पत्ते तुलसी डालकर उबालने के बाद उसे पी ले तो इस तुलसी वाली चाय से उसे एंटी ऑक्सीडेंट के गुण मिलेंगे जिसकी वजह से उसका बुखार कम हो जाएगा।
- कुछ अदरक के टुकड़े काटकर पानी में डालकर हल्के से उबाल लें और फिर ठंडा होने पर शहद डालकर उसे अच्छी तरह मिलाकर यदि गर्भवती महिला को बुखार में लिया जाए तो बुखार में आराम आ जाता है।
- मेथी के कुछ दाने पानी में डालकर रात भर भिगोकर रख दें और सुबह उस पानी को छानकर यदि गर्भवती महिला को दी जाए तो मेथी के दाने उसके लिए फायदेमंद और बुखार में लाभदायक सिद्ध होते हैं।
- गर्भावस्था के दौरान यदि गर्भवती महिला एक गिलास पानी में आधा चम्मच हल्दी पाउडर डालकर उसमें आधा चम्मच अदरक पाउडर और आवश्यकतानुसार चीनी डालकर अच्छी तरह गर्म करके पिए तो वह बुखार से निजात पा सकती है।
- सबसे महत्वपूर्ण यदि गर्भावस्था के दौरान बुखार आ जाता है तो एक गर्भवती महिला को थोड़ी थोड़ी देर में ज्यादा पानी का सेवन करना चाहिए ताकि उसका शरीर धीरे-धीरे ठंडा पड़ सकें।
गर्भावस्था के दौरान एक गर्भवती महिला का पूरा ख्याल रखना चाहिए ऐसे में सबसे पहले यह ध्यान रखें कि उसे बुखार की शिकायत पैदा ही ना हो जिस का इलाज कराना पड़े। क्योंकि गर्भावस्था के दौरान बुखार की वजह से मां ही नहीं बल्कि पेट में पल रहा बच्चा भी पीड़ित होता है।