गर्भावस्था में कमर दर्द और पेट दर्द के कारण और इलाज(Causes and treatment of back pain and abdominal pain in pregnancy in hindi)
एक महिला के लिए गर्भ धारण करना जितनी सुख की बात होती है उसमें यह समस्याओं की बात भी होती है क्योंकि वह शारीरिक तौर पर कई सारी पीणाओं का अनुभव करती है। गर्भावस्था धारण करते ही एक महिला की परीक्षा शुरू हो जाती है क्योंकि शुरुआती चरण से ही सुबह की थकान भी मत लाना और उल्टी जैसी समस्याएं एक गर्भवती महिलाओं के लिए आम बात होती है। सभी गर्भवती महिलाओं का गर्भावस्था का दौर अलग-अलग होता है उसका अनुभव भी अलग अलग होता है और साथ उनकी पीड़ाएं भी। तो आइए जानते हैं गर्भवती महिलाओं की एक ऐसी ही एक आम समस्या के बारे में जो पीठ दर्द(Causes and treatment of back pain and abdominal pain in pregnancy in hindi) है।
गर्भावस्था के दौरान कई बार सिर दर्द बहुत ज्यादा बढ़ जाता है जो असहनीय होता है। प्रत्येक महिलाओं में गर्भ के दौरान पीट दर्द के अलग-अलग कारण हो सकते हैं। आइए जानते हैं उनके बारे में विस्तार से:-
- Pregnancy First month(गर्भावस्था का पहला महीना)-सम्पूर्ण जानकारी
- Pregnancy second month(गर्भावस्था का दूसरा महीना)-सम्पूर्ण जानकारी
- Pregnancy third month(गर्भावस्था का तीसरा महीना)-सम्पूर्ण जानकारी
- Fourth month pregnancy in hindi:गर्भावस्था का चौथा महीना हिंदी में
- Fifth month pregnancy in hindi:गर्भावस्था का पांचवा महीना
- Six months pregnancy in hindi:गर्भावस्था का छटा महीना इन हिंदी
- Seven months pregnancy in hindi:गर्भावस्था का सातवां महीना
- 8th month pregnancy in hindi:गर्भावस्था का आठवां महीना हिंदी में
- 9th month pregnancy in hindi :गर्भावस्था का नौवा महीना हिंदी में
गर्भावस्था के दौरान कमर दर्द होना सामान्य है या नहीं ? (Is it normal to have back pain during pregnancy?)
वैसे यदि देखा जाए तो हमारे बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि गर्भावस्था के दौरान पीट दर्द(Causes and treatment of back pain and abdominal pain in pregnancy in hindi) होना एक सामान्य बात है। वैसे तो इस से राहत पाने के लिए कई सारे उपाय है लेकिन यदि सही तरीका ना पढ़ाया जाए तो सही समय पर पीठ दर्द में आराम नहीं आता है। मुख्य रूप से पीठ दर्द के दो मुख्य प्रकार होते हैं जो निम्नलिखित है:-
- सच्चा पीठ दर्द:- यह एक ऐसा प्रकार का दर्द होता है जो मांसपेशियों या जोड़ों पर दबाव बढ़ने की वजह से होता है। इसलिए जब महिलाएं गर्भ धारण करती है तो उनके मांसपेशियों और जोड़ों पर दबाव पड़ता है इसकी वजह से उन्हें कमर दर्द की समस्या उत्पन्न होती है। यह रेशेदार संयोजी उत्तक और से बड़ा होता है जो हड्डियों को जोड़ता है इसलिए इसे लिगामेंट के नाम से भी जानते हैं। यह एक सामान्य प्रकार का कमर दर्द होता है जो एक गर्भवती महिला को होना स्वभाविक है।
- श्रोणि करधनी दर्द:- श्रोणि अस्थि शरीर का अहम भाग होता है जहाँ कूल्हे की 2 मुख्य हड्डियां जुड़ती है। यह दर्द वहां पर महसूस होता है जो मुख्य तौर पर गर्भवती महिलाओं को या आम तौर पर रोजमर्रा भागदौड़ करने वाली महिलाओं को महसूस होता है।
- First trimester of pregnancy in hindi:प्रग्नेंसी के शुरुआती तीन महीने सम्पूर्ण जानकारी
- Second trimester of pregnancy in hindi:गर्भावस्था की दूसरी तिमाही
- Third trimester of pregnancy in hindi:गर्भावस्था की तीसरी तिमाही..
आखिर क्यों होता है पीठ दर्द? (Why is back pain after all?)
गर्भावस्था के दौरान कमर दर्द होने के कुछ मुख्य कारण हो सकते हैं जो निम्नलिखित है।
- वजन बढ़ना:- जब एक गर्भवती महिला गर्भ धारण करती है तो उसके शरीर का सामान्य वजन कम से कम 11 से 16 किलो तक बढ़ जाता है ऐसे में उनकी रीड की हड्डी का सपोर्ट कम हो जाता है जिसकी वजह से कमर दर्द होने लगता है।
- हारमोंस में परिवर्तन:– गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला के शरीर में इलेक्शन नामक हार्मोन बनना आरंभ हो जाता है जो बच्चे के जन्म के लिए गर्भ का श्रोणि भाग खोलने का काम करता है जिसकी वजह से कमर दर्द की समस्या पैदा होती है।
- मांसपेशी अलग होना:– जैसे-जैसे गर्भाशय में भ्रूण बढ़ने लगता है वैसे वैसे मां के शरीर की मांसपेशियों अलग-अलग हिस्सों में बांटने आरंभ हो जाती है जिसकी वजह से धीरे-धीरे कमर दर्द की गंभीर समस्या पैदा होने लगती है।
- तनाव के कारण:– गर्भवती महिला अपने प्रसव के समय को सोचकर भय के माहौल में रहती है और उसके बारे में ही सोचती रहती है ऐसे में वे तनाव का शिकार हो जाती है जिसकी वजह से उनकी पीठ में ऐंठन और दर्द होना संभावित हो जाता है।
- सही मुद्रा में ना रहना:– यदि एक गर्भवती महिला सही तरीके से उठना बैठना चलना और लेटने जैसी क्रियाएं नहीं करते हैं तो गलत मुद्रा में रहने की वजह से भी उन्हें कमर दर्द जैसी गम्भीर समस्या से जूझना पड़ सकता है।
Causes of fever in pregnancy in hindi:गर्भावस्था में बुखार आने के कारण
गर्भवस्था में होंने वाले कमर दर्द का सही इलाज(The right treatment for back pain in pregnancy)
यदि आप गर्बावस्था के दौरान कमर डर से बेहद परेशान रहती है तो नीचे दिए गए कुछ उपाय अपनाकर आप कमर दर्द से छुटकारा पा सकती है।
- व्यायाम:- गर्भ के दौरान आप कमर दर्द जैसी समस्या से परेशान होती है तो उसके लिए आप डॉक्टर की सलाह से विशेषज्ञ की सहायता से व्यायाम कर सकती है जिसकी सहायता से आपका कमर दर्द बहुत जल्द दूर हो सकता है।
- मालिश:- यदि गर्भवती महिला की मांसपेशियों की वजह से उन्हें ज्यादा कमर में दर्द रहता है तो घर के किसी सदस्य की मदद से वह हल्के हाथ से अपनी कमर पर मालिश करा सकती है। या इसके लिए आप किसी थेरेपिस्ट के पास भी जा सकती है।
- सही मुद्रा का पालन करें:– यदि आप कमर दर्द से बचना चाहती हैं तो गर्भ के अवस्था में सही तरीके से मुद्रा अपनाएंगे तो कभी भी आपको कमर दर्द का सामना नहीं करना पडेगा। इसके लिए आप बैठे समय एक तकिए का सहारा लेकर पीठ के पीछे लगाकर बैठे और सोते समय भी साथ में दोनों पैरों के बीच तकिया लगा कर सो सकती है और याद रखे कि बाई और करवट लेकर लेटे।
- मेटरनिटी बेल्ट:– बाजार में गर्भवती महिलाओं के पेट और कमर के सहारे के लिए एक मेटरनिटी बेल्ट उपलब्ध होती है जो आपके पेट के बाहर को संभालकर आपको कमर दर्द जैसी पीड़ा नहीं होने देती है।
- आरामदायक जूते व चप्पल पहने:- गर्भावस्था के दौरान आपको ऐसे जूते या चप्पल पहनने चाहिए जो आपको पूरी तरह से आराम दें और साथ ही हील पहनने से परहेज करना चाहिए।
- एक्यूपंचर:- किसी विशेषज्ञ के पास जाकर आप एक्युपंचर थेरेपी करा सकती है यह कमर दर्द में बेहद सहायक और फायदेमंद होती है।
- पीट के बल ना झुके:- गर्भ के दौरान कोई भी काम आपको पीठ के बल झुककर नहीं बल्कि सीधे खड़े होकर ही करना चाहिए यदि आप पीठ के बल झुकती है तो ऐसे में आपकी पीठ पर दबाव पड़ता है और कमर दर्द जैसी समस्या उत्पन्न होना लाजमी है।
- सहारा लेकर बैठे:– आपको ध्यान रखना अति आवश्यक है कि आप कहीं पर भी बैठे तो सहारा लगाकर या तकिया लगाकर ही बैठे बिना सहारे के बढ़ने की वजह से आपको कमर दर्द ज्यादा हो सकता है।
- ज्यादा देर तक खड़े ना रहे:- वैसे तो गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिलाओं को कामकाज करने की सलाह दी जाती है परंतु ज्यादा देर खड़े रहने की वजह से आप कमर दर्द जैसी समस्या से जूझ सकते हैं इसलिए कोशिश करें कि ज्यादा देर खड़े रहने वाला काम ना करें।
- तंग कपड़े ना पहने:- गर्भावस्था के दौरान एक गर्भवती महिला को बिल्कुल भी तंग कपड़े नहीं पहनने चाहिए बल्कि ढीले ढाले कपड़ों में उन्हें अपने शरीर को पूरा आराम देना चाहिए ताकि आपको कमर दर्द जैसी समस्या उत्पन्न ना हो।
- Pregnancy in hindi(गर्भावस्था) के प्रमुख लक्षण क्या है
- Early signs of getting pregnancy in hindi:गर्भवती होने के शुरुआती लक्षण
- Diet chart pregnancy in hindi:गर्भावस्था आहार चार्ट सम्पूर्ण जानकारी
गर्भावस्था के दौरान आप कुछ प्रकार के व्यायाम भी कर सकते हैं लेकिन उन सभी व्यायाम को करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना होगा और एक विशेषज्ञ की निगरानी में ही आपको वह व्यायाम करना चाहिए ताकि आपको किसी समस्या का सामना ना करना पड़े। कुछ मुख्य प्रकार के व्यायाम निम्नलिखित हैं:-
- कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज
- श्रोणि तल
- किगल व्यायाम
- दीवार पर स्क्वाट
- बिल्ली और ऊंट व्यायाम
प्रेगनेंसी में कमर दर्द पर डॉक्टरी सलाह कब ले(When to get medical advice on back pain in pregnancy)
अधिक कमर दर्द की अवस्था में आप डॉक्टर से जाकर परामर्श भी ले सकते हैं लेकिन उनकी कुछ परिस्थितियां होती है जब आपको डॉक्टर के पास जाना चाहिए जो निम्नलिखित है:-
- अगर आपका कमर दर्द बेहद गंभीर और बिल्कुल असहनीय हो ऐसी परिस्थिति में आप को तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए
- अगर दर्द अचानक से शुरू हुआ हो और लगातार धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है ऐसे में उसे बिल्कुल भी अनदेखा नहीं करना चाहिए और डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
- यदि किसी परिस्थिति के दौरान आपको कमर दर्द के साथ पेशाब में चुभन जैसी समस्या दिख रही हो तो आप इसे गंभीर तकलीफ समझ सकते हैं और तुरंत डॉक्टर के पास जाकर सलाह मशवरा कर सकते हैं।
गर्भ के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होते ही आपको अपने बड़े बुजुर्ग या फिर सीधे ही डॉक्टर से सलाह परामर्श करना चाहिए ताकि आप अपने गर्भ में पल रहे शिशु पर किसी भी प्रकार की दयनीय स्थिति उत्पन्न होने से बचा सके।