क्यों होता है गर्भावस्था में स्तनों में दर्द?:Why do breasts ache during pregnancy?-Breast Pain in Pregnancy
- जब गर्भावस्था में कोई महिला प्रवेश करती है, तो उसे कई शारीरिक और मानसिक बदलाव महसूस होते हैं। उनमें से कुछ बदलाव, जैसे की स्तनों में परिवर्तन, महिला का ध्यान अपनी तरफ़ पर खींचते हैं।
- इस समय, महिला को सृष्टि बच्चे का स्तनपान कराने के लिए तैय्यार करने लगती है। इसी कारणवश उसके शरीर में हॉर्मोन का ‘सिक्रीशन’ या स्त्राव शुरू होने लगता है।
- यही वह समय है जब स्तन ज़्यादा सामवेदनशील हो जाते और उन में दर्द शुरू होता है।
- आइए इस लेख में, उसी दर्द के कारण, लक्षण और उपचार की और बात करते हैं।
क्या गर्भावस्था के दौरान स्तनों में दर्द होना आम बात होती है?-Is it common to have breast pain during pregnancy?-Breast Pain in Pregnancy
- यह एक सामान्य स्थिति होती है, क्योंकि यही वो समय है, जब एक महिला गर्भावस्था में प्रवेश करती है। यह गर्भावस्था के प्रारम्भिक लक्षणों में से एक होता है।
- यह दर्द गर्भावस्था के क़रीब तीसरे या चौथे हफ़्ते में ही शुरू हो जाता है।
गर्भावस्था में स्तन दर्द होने के लक्षण-Signs of breast pain in pregnancy
- दोनों स्तनों का भारी होना।
- स्तनों का अचानक से समवेदनशील होना।
- स्तनों में सूजन आना।
- कभी-कभी तो छूने भर से ही दर्द महसूस हो जाता है।
गर्भावस्था में स्तनों के दर्द का कारण:Causes of breast pain in pregnancy
- स्तनों में दर्द की अहम वजह होती है अचानक से शरीर में ‘एस्ट्रजेन’ और ‘प्रोजेस्टरोन’ जैसे हॉर्मोन के स्तर बढ़ जाना।
- इसी समय स्तनों में वसा के एक मोती परत आजाती है। इसमें दूध के ‘ग्लैंड्ज़’ या ग्रंथिकाएँ बढ़ जाती हैं, और उनमे कई और नलिकाएँ उत्पन्न हो जाती हैं। इसी प्रगति के बाद, इस क्षेत्र में ख़ून का प्रवाह बढ़ जाता है। अब स्तन भारी और बड़े हो जाते हैं, और उनमे दर्द शुरू होता है। यह समय अत्याधिक असुविधा भी लाता है।
गर्भावस्था के समय स्तनों में दर्द के प्रभाव:Effects of breast pain during pregnancy
इस दौरान, स्तनों का आकार बड़ा होने लगता है। इसी समय, बढ़ते कोमलता के साथ, स्तनों की सामवेदनशीलता भी बहुत बढ़ जाती है। इतनी ज़्यादा , की महिला अपने कपड़ों के हलके स्पर्श से भी स्तनों का दर्द महसूस करने लगती हैं। ऐसी हालत में , नीचे लिखे सारे प्रभाव ध्यान देने वाली बातें बन जाती हैं:-Breast Pain in Pregnancy
निप्प्ल:
आपकी त्वचा जैसे-जैसे खिंचाव महसूस करती है, आपके निप्प्ल सामान्य से बड़े हो जाते हैं, और ये एक वजह होती है दर्द कि।
एरोला:
निप्प्ल के आस-पास की गहरे रंग की त्वचा को एरोला कहा जाता हैं। इस समय एरोला का रंग और ज़्यादा गहरा हो जाता है। इसी समय एरोला के आकार में भी बढ़ोतरी हो जाती है और वह और ज़्यादा स्पष्ट डिकने लगते हैं। हमें जो एरोला के आस-पास के आस-पास की हल्की से उभर देखते हैं, वह असल में पसीने की ग्रंथि कहते हैं (मोंटगोमेरि ट्यूबेरसेल्ज़)। यह स्तन के पूरे क्षेत्र को चिकनाहट देते हैं।
नसें:
जैसे ही गर्भवती महिलाओं में फ़ैट और दूध की बढ़ती नलिकाएँ वापस व्यवस्थित होती हैं, तो त्वचा में खिंचाव आता है। तभी शरीर की नीली नसें या ‘वेंज़’ उभरने लगती हैं। यहीं नसें पेट में बढ़ रहे शिशु को आहार और तरल पदार्थ देती हैं।
गर्भावस्था में या तो आपके स्तन शुरुआत में तेज़ी से विकास कर सकते हैं, या फिर वह अंतिम चरण में भी वह धीरे-धीरे बढ़ सकते हैं। अगर आपकी ये पहली गर्भावस्था है, तो आपके स्तनों में बहुत ज़्यादा बदलाव की गुंजाइश रहेगी। और अगर अभी आपको कोई ख़ास बदलाव नहीं महसूस हुआ, तो शिशु के जन्म लेते हाई आपको यह बदलाव महसूस होगा।
गर्भावस्था के दौरान स्तनों में दर्द का निदान:Diagnosis
अगर आपको बस एक बार शंका है की यह साधारण दर्द ही है, और ब्रेस्ट कैन्सर नहीं है, तो डॉक्टर के सलाह पर वो आपको कुछ टेस्ट करवाने के लिए भेज सकते हैं। यह रहे वो टेस्ट:
क्लिनिकल ब्रेस्ट चेकअप:
चिकित्सक आपके स्तन, गरदन, गिल की धड़कन और अंडर-आर्म्ज़ में एक बार चेक कर सकते हैं ,किसी गाँठ के लिए। अगर उन्हें सब कुछ सामान्य मिला, तो वो कुछ और नहीं देखेंगे।
मैमोग्राम:
यह स्तनों का एक्स-रे होता है। यदि आपके चिकित्सक को किसी गाँठ या टूमर की आशंका हुई तो वह इसको लेना चाहेंगे। एक टेस्ट से ही दर्द का कारण साफ़ हो जाएगा।
अल्ट्रासाउंड:
अगर मैमोग्राम में कुछ वजह नहीं मिलती तो डॉक्टर की अनुमति से यह आसानी हो सकता है। इसमें डॉक्टर बस आपकी उम्र पूछेगा।
स्तन की बायोप्सी:
इस टेस्ट में आपके स्तन की एक कोशिका निकाली जाती है और उसे लैब में भेजा जाता है। लैब में उसकी अच्छे से जाँच होती है। वहाँ यह भी पता चल सकता है की उसमें कैन्सर या कोई बड़ी बीमारी तो नहीं है।
गर्भावस्था के समय स्तनों में दर्द से राहत के उपाय: pain relief measures
- यह दर्द होना एक बहुत ही आम बात है, ख़ासकर शुरुआती के तीन महीनो में। इस दौरान आपके शरीर में बदलाव होते रहते हैं, पर जैसे ही आपके बच्चे का पहला भोजन , कोलोस्ट्रम तैय्यार हो जाता है, यह बँध हो जाता है।
- गर्भावस्था के दौरान जो आप आप इस दर्द को सह रहे हैं, आप अपने साथी को भी इसके बारे में खुलकर बताएँ, जिससे कि वह सम्भोग के समय या सिर्फ़ गले मिलते समय, ध्यान दे।
- जब आप दूसरी तिमाही में प्रवेश करते हैं, तो यह दर्द काम होने लगता है। तब आपको उभरने के लिए, यह सारी व्यक्तियों का ध्यान देना होगा:
- आपको चलते समय या सोते वक़्त स्तनों में दर्द होगा, और यह एक रोज़ाना आदत की तरह लगेगा।
- इन दिनों आराम प्राप्त करने के लिए स्पोर्ट्स ब्रा या मटर्निटी ब्रा का इस्तेमाल करें। सही फ़िटिंग की ब्रा के लिए आप किसी माहिर क़ी परामर्श करें।
- पूरे गर्भावस्था के समय में, आपको अपने ब्रा की फ़िटिंग एक से ज़्यादा बार बदलनी पड़ सकती है। यह इसलिए होगा क्योंकि आपके स्तनों का आकार या आपकी फ़िटिंग बदलते रहेगी।
- अंडरवायर/इलास्टिक ब्रा ना पहनें क्यूँकि ये आपके लिए बहुत आराम दायक नहीं होगी।
गर्भावस्था में स्तन दर्द के उपचार:Treatment of Breast Pain in Pregnancy in Hindi -Breast Pain in Pregnancy
गर्भावस्था में स्तन दर्द के घरेलू उपचार :Home remedies for breast pain in pregnancy
- गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को होने वाले स्तनों के दर्द में सबसे आम घरेलू उपचारों में से एक है भरपूर पानी पीना।पानी न पीने से ,या फिर कम पानी पीने से स्तनों के दर्द में बढ़ोतरी हो सकती है।
- दिन भर में, काफ़ी मात्रा में पानी पेने से, शरीर के अतिरिक्त तरल तत्व और हॉर्मोन को बाहर निकालने में सहायता मिलती है। आप जब भी पानी पीएँ उसमें अदरक या निम्बू भी मिला सकते हैं। उससे दर्द को दूर रखने में सहायता मिलेगी।
- कुछ वक़्त के लिए ,अपने खाने में यदि सोडीयम को कम करें तो आपके स्तनों के दर्द में कमी होगी। पर यह भी एक महत्वपूर्ण बात है की आहार में नमक की अधिक कमी नहीं करनी चाहिए, क्यूँकि वह शरीर में रक्त-संचालन में मदद करता है। फिर भी यह क़दम लेने से पहले, आपको एक बार अपने चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।
- अलसी में फ़ाइबर मौजूद होता है। पिसे हुए अलसी के बीझ में पानी, फलों का रस और खनिज वाले खाद्य पदार्थ को पीने से भी यह दर्द में कमी होती है।
ओ॰टी॰ सी॰ दवाइयाँ:Otc medicines
- गर्भावस्था में स्तनों में दर्द को काम करने के लिए आप ‘ओवर द काउंटर’ (OTC) दवाइयों का भी उपयोग कर सकते हैं। इस दर्द से आराम पाने के लिए आप एसिटामिनोफेन और नॉनस्टेरॉइडल एंटीइंफ्लेमेटरी दवाएँ, जैसे एस्पिरिन,आइबुप्रोफेन और नेप्रोक्सन को आराम से ले सकती हैं ।
- ये दवाइयां ओ.टी.सी. (ओवर द काउंटर) यानि बिना पर्ची के मिल जाती हैं पर आप उसेय लेने से पहले एक बार अपने डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।
- जब गर्भावस्था का समय चल रहा हो तो आपके शरीर में कयी सारे बदलाव होते हैं जो कष्टदायी होते हैं। इस दौरान तनाव, टेन्शन, दर्द या ऐसी किसी भी शारीरिक परेशानी में किसी और से सहायता लेने में ना हिचकिचाएँ।
नीचे दिए गर्भावस्था चार्ट को पढ़िए ,जो आपको प्रेगनेंसी में हैल्थी बनाए रखने में मदद करेगा
गर्भावस्था आहार चार्ट सम्पूर्ण जानकारी
गर्भावस्था के 9 महीनो के बारे में सम्पूर्ण जानकारी ?,क्या करे -क्या न करे
- (गर्भावस्था का पहला महीना)-सम्पूर्ण जानकारी
- (गर्भावस्था का दूसरा महीना)-सम्पूर्ण जानकारी
- (गर्भावस्था का तीसरा महीना)-सम्पूर्ण जानकारी
- गर्भावस्था का चौथा महीना हिंदी में
- गर्भावस्था का पांचवा महीना
- गर्भावस्था का छटा महीना इन हिंदी
- गर्भावस्था का सातवां महीना
- गर्भावस्था का आठवां महीना हिंदी में
- गर्भावस्था का नौवा महीना हिंदी में