बेस्ट टाइम टू गेट प्रेग्नेंट(Best time to get pregnancy in hindi)
गर्भवती होना समय पर निर्भर करता है(Best time to get pregnancy in hindi) क्योंकि गर्भ अवस्था को पूरा समय जांच परख कर ही अनुभव किया जा सकता है। अब ऐसे में एक महिला के लिए सबसे बड़ी समस्या की बात यह होती है कि गर्भधारण करने का सही और उचित समय कौन सा होता है या क्या होना चाहिए? यदि आप भी ऐसे ही किसी असमंजस में फंसे हुए हैं तो आज हम आपको बताएंगे कि गर्भधारण करने का सही समय कौन सा होता है और किस समय आप गर्भधारण करने के लिए पूरी तरह से तैयार होती हैं? तो चलिए जानते हैं विस्तार से…
गर्भधारण करने का सही समय क्या होता है(Best time to get pregnancy in hindi) उससे पहले आपको जान लेना होगा कि ओव्यूलेशन क्रिया क्या होती है तो चलिए जानते हैं आखिरकार ओव्यूलेशन क्रिया का क्या अर्थ है?
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क्या होती है ओवुलेशन क्रिया(What is ovulation action)
महिलाओं को प्रतिमाह मासिक धर्म से गुजर ना होता है। और यदि बात करें ओव्यूलेशन क्रिया की तो प्रति माह में एक समय ऐसा आता है जब महिला के अंडाशय से अंडे के बाहर आने की प्रक्रिया होती है जिसे ओव्यूलेशन का नाम दिया जाता है। यदि 1 महीने में दिनों के हिसाब से देखा जाए तो मासिक धर्म आरंभ होने के 12 वे या 16 वे दिन से गर्भाशय में ओवुलेशन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। एक मां के अंडाशय के अंदर यह प्रक्रिया 6 से 7 दिनों तक लगातार चलती रहती है।
फर्टाइल स्टेज(Fertile stage)
अब महिला सोचती है कि वह गरबा सारी से और एक ही बार की प्रक्रिया में कैसे धारण कर सकते हैं तो चलिए बताते हैं कि फर्टाइल स्टेज के दौरान किस प्रकार एक महिला गर्भधारण कर सकती है। तो आपको बता दें कि जिस समय ओव्यूलेशन की प्रक्रिया एक गर्भवती महिला के गर्भाशय में चल रही होती है तब 100 प्रतिशत संभावना रहती है कि ओवुलेशन के समय शारीरिक संबंध बनाने से एक महिला गर्भवती हो सकती है। इस प्रक्रिया का ध्यान रखने के लिए आपको अपने मासिक धर्म आरंभ होने से खत्म होने तक की तारीख का ध्यान रखना होगा।
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ऑर्गेज़्म का भी रखना होता है ध्यान(Organism also has to be taken care of)
शारीरिक संबंध बनाते समय यह बात बहुत ज्यादा ध्यान रखनी होती है कि दोनों के बीच ऑर्गेज़्म होना बेहद आवश्यक है। यदि विशेषज्ञों की मानें तो सेक्स के दौरान यदि एक महिला पूरी तरह से ऑर्गेज्म को प्राप्त कर लेती है तो उसके गर्भधारण की संभावना पूरी तरह से बढ़ जाती है। ऐसी परिस्थिति में ही एक स्त्री के अंडे और एक पुरुष के शुक्राणु आपस में मिलकर गर्भधारण की प्रक्रिया को संभावित बनाते हैं। और इन सब प्रक्रिया का परिणाम होता है एक मां के गर्भ में भ्रूण का जन्म।
क्यों जरूरी है ओव्यूलेशन का पता लगाना?(Why is ovulation important to detect?)
यदि एक महिला गर्भधारण करना चाहती है तो उसे ओव्यूलेशन का अवश्य पता होना चाहिए और यदि वह मां नहीं बनना चाहती है तो ओव्यूलेशन के दौरान उसे बिल्कुल भी सेक्स नहीं करना चाहिए। इस कारण एक महिला को प्रेगनेंसी से बचने और धारण करने के लिए ओव्यूलेशन का पता लगाना बेहद आवश्यक होता है।
सही उम्र में फैमिली प्लानिंग करना भी है जरूरी(Family planning is also important at the right age in Best time to get pregnancy in hindi)
शोधकर्ताओं के अनुसार देखा जाए तो फैमिली प्लानिंग एक सही उम्र में होनी अति आवश्यक होती है क्योंकि यदि आप की उम्र ज्यादा हो और उस उम्र में प्रेग्नेंट होना और बच्चे पैदा करना बहुत ज्यादा ऑकवर्ड परिस्थिति उत्पन्न करने वाली बात हो जाती है। यदि शोधकर्ताओं के अनुसार देखा जाए तो शादी के लिए एक पुरुष की उम्र 30 की उम्र बिल्कुल सही होती है। और ऐसे में एक महिला के गर्भवती के लिए 22 से 29 वर्ष की मानी जाती है जिसमें 25 साल की उम्र एकदम उपयुक्त मानी गई है। यह उम्र का एक ऐसा पड़ाव होता है जिस उम्र में एक महिला पूरी तरह से मां बनने के लिए तैयार होती है।
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ध्यान रखने वाली बातें(Things to keep in mind in best time to get pregnancy in hindi)
- किसी भी दंपत्ति को भी पूरी तरह से सलाह मशविरा करने के बाद ही फैमिली प्लानिंग करनी चाहिए।
- यदि एक महिला पूरी तरह से मां बनने के लिए तैयार है तो उसे अपनी ओवुलेशन प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए सही समय का चुनाव करके ही गर्भ धारण करने के बारे में विचार विमर्श करना चाहिए।
- यदि आप पहले से एक बच्चे की मां है और दूसरा बच्चा पहन कर रही है तो दूसरी बच्चे और पहले बच्चे के अंदर 3 से 5 साल का अंतराल होना बेहद आवश्यक है ताकि आप पहले बच्चे को पूरी तरह से सही परवरिश दे सके और उसे दूसरे बच्चे के लिए तैयार भी कर पाए।
- गर्भ धारण करने से पहले एक महिला को मानसिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह से तैयार होना चाहिए ताकि उसे अपनी प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या और स्वास्थ्य समस्याओं से न जूझना पड़े।
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वैसे तो एक दंपत्ति के साथ दो बच्चे ही काफी होते हैं इसलिए फैमिली प्लानिंग करते समय आपको सदैव अपने समाज के साथ-साथ अपने परिवार के बारे में भी सोचना चाहिए ताकि आप आगे चलकर भविष्य में किसी भी समस्या में ना पड़े। सदैव अपने बच्चों को एक समान प्यार देते हुए उन्हीं का पालन पोषण करना एक माता-पिता का कर्तव्य है और उन्हें ऐसा ही करना चाहिए।
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