एलोवेरा(Aloevera) के पौधे को विश्व में सभी जानते हैं यह एक औषधीय पौधे के रूप में विख्यात है। जिसके अनगिनत फायदे हैं और सभी इसके कुछ ना कुछ फायदे तो अवश्य ही जानते होंगे। एलोवेरा से एलोवेरा जेल और एलोवेरा जूस भी बनता है जिसके भी कई फायदे हैं। एलोवेरा में एंटीसेप्टिक, एंटी बैक्टीरियल, एंटी इन्फ्लेमेटरी तथा इसी प्रकार के अन्य गुण उपस्थित होते हैं। एलोवेरा में विटामिन ए तथा फोलिक एसिड जैसे कई अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं। एलोवेरा ही एकमात्र ऐसा पौधा है जो पाचन क्रिया में सुधार करने के साथ ही साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है तथा डायबिटीज जैसी बीमारी में लाभ पहुंचाता है।
एलोवेरा फेस पैक
एलोवेरा के प्रकार :-Types of aloevera
एलोवेरा(Aloevera) के कई प्रकार होते हैं जिनमें से कुछ मुख्य है जो कि निम्न है –
- एलो बरबडेंसिस :- यह एलोवेरा का सबसे आम प्रकार है जो हर जगह उपलब्ध हो जाता है। यह एलोवेरा अपने औषधीय गुणों के लिए भी जाना जाता है।
- टाइगर एलो :- यह एलोवेरा की सबसे खूबसूरत प्रजाति होती है लोग इसी प्रजाति को अपने घरों के गमलों में सजाते हैं। इसकी पत्तियां तलवार के आकार की होती है तथा इसकी पत्तियों पर चितकबरे धब्बे पड़े होते हैं।
- क्लाइम्बिंग एलो :- एलोवेरा की यह प्रजाति बहुत ही दुर्लभ प्रजातियों में से एक है। इसकी पत्तियां आसपास के पेड़ पौधों में भी फैल जाती है।
- एलो डेस्कइंगसी :- एलोवेरा की सबसे छोटी प्रजाती एलो डेस्कइंगसी होती है। यह सिर्फ 2 से 3 इंच तक बढ़ती है। इसकी गहरे हरे रंग की पत्तियों पर सफेद रंग के धब्बे होते हैं। बसंत में या गर्मियों के मौसम के दौरान इस पर पीले या नारंगी रंग के फूल भी खिलते हैं।
- रेड एलो :- एलोवेरा की यह प्रजाति धीमी गति से बढ़ती है इस प्रजाति को पानी की आवश्यकता उतनी नहीं होती जितनी कि अन्य प्रजातियों को होती है। जब इस पर सूर्य की किरणें पड़ती है तो खूबसूरत लाल तांबे के रंग का दिखाई पड़ता है। एलोवेरा की सबसे आकर्षक प्रजातियों में से एक है।
एलोवेरा को कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है जैसे :- एलोवेरा जूस तथा एलोवेरा जेल बहुत ही उपयोगी तथा लाभदायक होते हैं आप एलोवेरा जेल तथा एलोवेरा जूस निम्न प्रकार से बना सकते हैं –
एलोवेरा जेल बनाने की विधि :- How to make aloevera gel
एलोवेरा(Aloevera) जेल बनाने की विधि कुछ निम्न प्रकार से है –
- सर्वप्रथम एलोवेरा के पौधे से एक बाहर की तरफ निकली हुई पत्ती काट ले। एलोवेरा जेल ज्यादा दिनों तक नहीं टिक सकता अतः इसे थोड़ी मात्रा में ही काटे।
- पत्ती काटने के पश्चात कुछ देर उसे छोड़ दे ताकि उसकी सारी राल बह जाए।
- अब पत्तियों को छील ले लेकिन ध्यान रहे की पत्तियों को छीलने के लिए सिर्फ उसकी पत्तियों की ऊपरी परत ही छीले। पत्तियों को छीलने के पश्चात हटाते जाए ताकि वह जेल से ना मिल जाए।
- अब जेल को एक चम्मच की सहायता से बर्तन में निकाल ले।
अब यह जेल आप के उपयोग के लिए तैयार है।
एलोवेरा जूस बनाने की विधि :-How to make aloevera juice
एलोवेरा जूस बनाने की विधि कुछ इस प्रकार से है –
- एलोवेरा जूस बनाने के लिए सर्वप्रथम एलोवेरा की पत्तियों को काट लें।
- एलोवेरा को काटने के बाद इसे कुछ देर के लिए रख दें ताकि एलोवेरा का राल जो की पीले रंग का है उसे निकलने दें अन्यथा एलोवेरा जूस में कड़वाहट आ जाएगी।
- अब एलोवेरा की पत्तियों के ऊपरी भाग को अलग कर के अंदर के जेल को निकाल ले।
- अब इस जेल को मिक्सी में डालकर 2 से 3 मिनट चलाएं इससे एलोवेरा जेल एलोवेरा जूस में परिवर्तित हो जाएगा।
- अब इसे गिलास में उचित मात्रा में निकाल ले अब आप उसमें पानी तथा स्वादानुसार नमक मिलाकर पी सकते हैं।
एलोवेरा के फायदे :- benefits of aloe vera
एलोवेरा के बहुत फायदे हैं जो कि निम्न प्रकार से हैं –
- आप इसका सेवन एक पौष्टिक आहार के रूप में कर सकते हैं। क्योंकि इसमें विभिन्न प्रकार के मिनिरल्स होते हैं।
- रोज सुबह एक कप एलोवेरा जूस पीने से दिनभर शरीर में ताकत तथा स्फूर्ति की कोई कमी नहीं होती है।
- बवासीर जैसे कष्टदायक रोगों में यह बहुत लाभ पहुंचाता है।
- मधुमेह के रोगियों के लिए एलोवेरा एक रामबाण उपाय है।
- पेट से संबंधित समस्याओं के निवारण के लिए यह एक फायदेमंद औषधि है।
- यह जोड़ों के दर्द में काफी आराम पहुंचाता है।
- त्वचा संबंधी रोग जैसे कील – मुहाँसे, रूखापन, धूप से झुलसी हुई त्वचा, दाग धब्बे, आंखों के नीचे काले घेरे तथा फटी एड़ियों में एलोवेरा जेल लगाकर मसाज करने से इन सभी से छुटकारा मिल सकता है।
- एलोवेरा में एंटी बैक्टीरियल तथा एंटी फंगल गुण होते हैं। अतः जलने, कटने अथवा चोट लगने पर एलोवेरा जेल लगाने से आराम मिलता है।
- एलोवेरा जूस का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
- एलोवेरा जेल को पूरे शरीर में लगाने से यह मच्छरों से बचने में भी मदद करता है क्योंकि इसमें मॉस्किटो रिपेलेंट जैसे गुण उपस्थित होते हैं।
- एलोवेरा जूस तथा जेल को मेहंदी के साथ बालों में लगाने से बाल रेशमी, चमकदार तथा स्वस्थ बनते हैं।
- एलोवेरा जूस पीने से पेट में कब्ज की समस्या का निदान हो जाता है।
- गुलाब जल तथा एलोवेरा का रस मिलाकर त्वचा पर लगाने से त्वचा की खोई नमी फिर से वापस आ जाती है।
- एलोवेरा का जूस पीने से तथा बालों में लगाने से बाल मुलायम होते तथा रूसी भी खत्म हो जाती है।
- एलोवेरा का जूस वजन कम करने में भी सहायक होता है क्योंकि एलोवेरा में एंटी ओबेसिटी गुण होता है जो डाइट के कारण होने वाले मोटापे की समस्या को कम करने में मदद करता है।
- एलोवेरा का जूस पीने से शरीर में कोलेस्ट्रॉल कम होता है क्योंकि एलोवेरा में हाइपोकोलेस्ट्रोमिक उपस्थित होता है।
- एलोवेरा मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में भी सहायक होता है। इसके अलावा एलोवेरा का जूस पीने से स्मरण शक्ति भी बेहतर होती है।
- एलोवेरा जेल शरीर के किसी भी अंग में सूजन को कम करने में सहायक होता है। बस एलोवेरा जेल को सूजन वाली जगह पर लगाकर मसाज करना होगा।
- गठिया में एलोवेरा का जूस पीने से तथा एलोवेरा जेल से मसाज करने से गठिया में काफी आराम मिलता है।
- एलोवेरा जूस का सेवन करने से मुंह में पल रहे बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। आप एलोवेरा जूस का माउथ माउथ वॉश के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं।
एलोवेरा के नुकसान :- Disadvantages of aloe vera
एलोवेरा का यदि अधिक मात्रा में सेवन कर कर आ जाए तो नुकसान भी होता है क्योंकि यह लैक्जे़टिव का कार्य करता है। लेकिन उनके अलावा भी कुछ नुकसान है जो कि निम्न प्रकार से है –
- यदि एलोवेरा से एलर्जी है तो एलोवेरा का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
- यदि एलोवेरा जूस नहीं पी पा रहे हैं अथवा पीने के बाद असहजता महसूस हो रही है तो जूस का सेवन ना करें। जेल को त्वचा के जिस स्थान पर आवश्यकता हो उस स्थान पर लगाएं।
- यदि आपको डायबिटीज है तथा आप शुगर कम करने की दवा ले रहे हैं तो एलोवेरा का उपयोग बिल्कुल ना करें।
- यदि किसी को मतली, उल्टी अथवा पेट में दर्द है तो एलोवेरा का सेवन ना करें।
- यदि कोई गर्भवती महिला अथवा कोई महिला स्तनपान कराती है तो वह एलोवेरा का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
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