भांग क्या होता है? :- what is hemp
भांग(Hemp in hindi) एक तरह का नशीला पदार्थ है। भांग एक पौधा होता है जिसकी पत्तियों को पीस कर भांग तैयार किया जाता है। अक्सर होली में भांग का जिक्र होता है, होली में लोग भांग को ठंडई में मिलाकर पीना और पिलाना पसंद करते हैं, कुछ लोग भांग को सूखा या पीस कर भी खाते है। कुछ लोग भांग खाने अथवा ठंडई में मिलाकर पीने के बाद खुशी का अनुभव करते हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि भांग खाने के बाद शरीर में ‘डोपामीन हार्मोन’ का स्तर बढ़ जाता है। डोपामीन हार्मोन को हैप्पी हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है ऐसा इस लिए क्योकि ये खुशी के हार्मोन को एक्टिव कर देता है और इसका स्तर बढ़ा देता है। भांग को अंग्रेजी में कैनाबीस, मैरिजुआना और वीड भी कहते हैं। इसमें टेट्राहाइड्रोकार्बनबिनोल पाया जाता है, जिसे आसान भाषा में टी एच सी (THC) भी कहा जाता है।
जब किसी पदार्थ की अति (अधिक) मात्रा में सेवन किया जाए तो सेहत के लिए हानिकारक ही होता है फिर वह नशा चाहे चाय का हो, कॉफी का हो, शराब का हो, तंबाकू का हो, सिगरेट का हो, और या फिर भांग का ही क्यों ना हो। लेकिन इनमें से कुछ चीजों का सेवन सीमित मात्रा में किया जाए तो यह शरीर के लिए लाभदायक भी होती हैं, परंतु इन सभी पदार्थों में तंबाकू और सिगरेट का सेवन कम मात्रा में भी किया जाए तब भी यह शरीर के लिए हानि ही पहुंचाती हैं अतः तंबाकू तथा सिगरेट का सेवन कभी नहीं करना चाहिए।
भांग एक आयुर्वेदिक औषधि भी है जिसका उपयोग कई दूसरे औषधियों में मिलाकर रोग को दूर करने के लिए किया जाता है भगवान शिव को भी भांग का भोग लगाया जाता है, ऐसी मान्यताएं हैं कि भगवान शिव भी भांग का सेवन करते हैं अतः उन्हें भांग का भोग लगाया जाता है।
भांग का पौधा कैसा होता है? :-(How is the hemp plant-Hemp in hindi)
भांग का पेड़ 3 से 8 फुट ऊंचे होते हैं, इनकी पत्तियां एकांतर क्रम में होती है, भांग के ऊपर की पत्तियां 1 से 3 खंडों से युक्त तथा अंत नीचे की पत्तियां 3 से 8 खंडों से युक्त होती हैं। भारत में भांग के पौधे कुछ जगहों पर ही स्वतः ही पैदा हो जाते हैं और अत्यधिक जगहों पर मिल जाते हैं लेकिन भांग विशेषकर उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में अधिक मात्रा में पाया जाता है।
भांग कैसे बनता है? :- (How is Hemp made?- Hemp in hindi)
सर्वप्रथम भांग के नर पौधे से पत्तियों को तोड़ लिया जाता है फिर उन पत्तियों को सुखाकर भांग के लिए तैयार किया जाता है। वहीं भांग के मादा पौधे की रालीय फूल की मंजरीयो को सुखाकर गांजा बनाया जाता है। भांग के पेड़ की शाखाओं और पत्तों पर जो राल के समान एक पदार्थ जमा होता है, उसे चरस कहते हैं। भांग की खेती प्राचीन काल में ‘पणि’ कहे जाने वाले लोगों के द्वारा की जाती थी। ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना होने के बाद और कुमाऊं में अपना शासन स्थापित करने से पूर्व ही अंग्रेजों ने भांग के व्यवसाय को अपने हाथ में ले लिया था, अंग्रेजो के द्वारा भांग के व्यवसाय पर अपना अधिकार जमाने के पूर्व ही काशीपुर के नजदीक की भांग की डीपों की स्थापना भी कर ली थी। भांग के पौधे का घर गढ़वाल में चांदपुर को कहा जाता है।
भांग के पौधे का उपयोग? :- (Use of Hemp plant?- Hemp in hindi)
भांग के पौधे की छाल से रस्सियाँ बनाई जाती हैं। भांग का डंठल कभी-कभी मशाल का काम कर देती हैं। भांग का पेड़ पर्वतीय इलाकों में स्वाभाविक रूप से ही पैदा हो जाते हैं। भांग के बीज खाने के उपयोगी बिल्कुल भी नहीं होते हैं। नैनीताल, अल्मोड़ा, रानीखेत, बागेश्वर, गंगोलीहाट, रामनगर इत्यादि जगहों पर बारिश के बाद भांग के पौधे हर जगह देखने को मिल जाते हैं, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि भांग के पेड़ के लिए नमी बहुत ही अनुकूल होती है और उपयुक्त जगहों पर नमी बड़ी आसानी से उपलब्ध हो जाती है।
भांग के रेशे से कंबल और कपड़े भी बनाए जाते थे, जिसमें से पहाड़ी लोक कला में भांग के पौधे से बनाए गए कपड़े की कला बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती थी तथा भांग रेशे से कंबल कुछ जातियां ही बनाती थी जैसे दानपुर, दसौली और गंगोली जातियां बनाती थी लेकिन अब यह कलायें लुप्त हो चुकी है।
भांग के फायदे :- (Benefits of Hemp- Hemp in hindi )
भांग का सेवन अगर सीमित मात्रा में किया जाए तो भांग बहुत ही फायदेमंद भी साबित हो सकता है भांग के कुछ फायदे निम्न है-
- कैंसर में फायदेमंद :- भांग का उपयोग कैंसर की दवाओं को बनाने में किया जाता है, शोध ऐसा देखा गया है कि भांग से कैंसर कोशिकायें खत्म हो जाती है। भांग का उपयोग एचआईवी और एड्स की दवाओं को बनाने में भी किया जा रहा है। वैज्ञानिकों के द्वारा भांग पर अभी भी शोध जारी है।
- काले मोतियाबिंद अथवा ग्लूकोमा में फायदेमंद :- ऐसा माना जाता है कि काले मोतियाबिंद अथवा ग्लूकोमा के रोग में आंखों से जो हम देखते हैं उन चित्रों को मस्तिष्क तक पहुंचाने वाली नस को नुकसान पहुंचता है। अतः हमारा संदेश ऑप्टिक नर्व से ही दिमाग में पहुंच पाता है। ग्लूकोमा रोग में हमारे देखने की क्षमता धीरे-धीरे खत्म हो जाती है अमेरिका के नेशनल आई इंस्टिट्यूट के रिसर्च में यह पाया गया है कि भांग का सेवन करने से ग्लूकोमा के लक्षण धीरे-धीरे खत्म हो जाते हैं।
- दिमाग के लिए फायदेमंद :- नॉटिंघम यूनिवर्सिटी में एक रिसर्च के दौरान यह पाया गया कि स्ट्रोक की समस्या में भांग मस्तिष्क को नुकसान होने से बचाता है। भांग का सेवन करने से भांग स्ट्रोक के असर को दिमाग के कुछ हिस्सों तक ही सीमित कर देता है।
- कान की समस्या में उपयोगी :- भांग के रस को की कुछ बूंदों को कान में डालने पर कान के दर्द से छूट छुटकारा मिल जाता है। पहले भांग की पत्तियों को तोड़कर अच्छी तरह से पीस लें अब उसे सरसों के तेल में अच्छी तरह पकाकर तेल से छान लें, अब इस बने हुए तेल की कुछ बूंदे कान में डालें। इस तेल से कान में किसी भी प्रकार की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
- पेचिश के दौरान उपयोगी :- भांग के पत्तों को पीस लें, अब 124 मिलीग्राम पीसे भांग को सौंफ के 6 बूंद रस के साथ दिन में 2 बार लेने से पेचिश की समस्या खत्म हो जाती है। इसके अलावा 125 मिलीग्राम पिसे हुए भांग को शहद के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से दस्त और पेचिश की समस्या समाप्त हो जाती है।
- दमा में फायदेमंद :- सिकी हुई 125 मिलीग्राम भांग के साथ 2 मिलीग्राम काली मिर्च और 2 ग्राम मिश्री को एक साथ मिलाकर खायें इससे दमा रोग की समस्या को दूर किया जा सकता है। भांग के पत्तों को जलाकर उसके धुएं को सेवन करने से भी दमा रोग से राहत मिलती है। इसके अलावा भांग के पत्तों को घी में भूनकर इसे कालीमिर्च और मिश्री की बराबर मात्रा में मिलाकर एक साथ पीस लें, अब इस बने हुए चूर्ण का सेवन रोजाना करें दमा रोग से निजात पाया जा सकेगा।
भांग के अन्य फायदे :- (Other benefits of Hemp)
- भांग के बीज के तेल को निकाल कर मालिश करने से गठिया की समस्या दूर हो जाती है।
- भांग के पत्तों को सुखाकर पीस लें फिर जब कभी मस्तिष्क में दर्द हो इस पाउडर को सूंघ ले पीड़ा में आराम मिलेगा।
- भांग के तेल की मालिश पैर के तलवे पर करने से अच्छी नींद आती है। जिन लोगों को नींद ना आने की समस्या है उनके लिए ये एक कारगर उपाय है।
- भांग के पत्ते घाव में मरहम का काम भी करते हैं। भांग के पत्तों को पीसकर जख्म या घाव पर लगाने पर घाव जल्दी भर जाते हैं।
- 25 ग्राम पिसी भांग को दूध में मिलाकर लेने से नींद की समस्या तथा मस्तिष्क के दर्द में भी आराम मिलता है।
भांग के नुकसान :- (Hemp harm- Hemp in hindi)
भांग के अगर फायदे हैं तो इसके कुछ नुकसान भी है क्योंकि किसी भी पदार्थ का अधिक (अति) मात्रा में सेवन करने से सिर्फ और सिर्फ नुकसान ही होता है-
- भांग भले ही आपको खुशी दे लेकिन दिमाग की क्षमता को कम कर देता है, दिमाग पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है।
- विभिन्न उपाय करके भांग के नशे को उतरन के बाद भी भांग का नकारात्मक असर व्यवहार और दिमाग पर पड़ता है।
- भांग खाने से सेहत पर भी असर पड़ता है और परेशानियां उत्पन्न होती जैसे सिरदर्द, घबराहट, उल्टी, मितली आना आदि। भांग आपके दिमाग की क्षमता को कमजोर करता है और जिन लोगों की दिमागी क्षमता कमजोर हो अगर वह भांग का सेवन करते हैं तो वे दिमागी संतुलन भी खो सकते हैं।
- भांग का अत्यधिक मात्रा में सेवन नींद तथा भूख की कमी या अधिकता के लिए जिम्मेदार होता है।
- रक्तचाप को भी भांग ही प्रभावित करता है।
- भांग का अत्यधिक सेवन मानसिक रोगों को जन्म दे सकता है।
- भांग का अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर कमजोर होता है।
- भांग का अधिक सेवन करने से पुरुष नपुंसक, चरित्रहीन और विचारहीन बनता है अतः इसका उपयोग काम उत्तेजना(सेक्स उत्तेजना) या नशे के लिए नहीं करना चाहिए।
- गर्भवती महिला इसका सेवन कतई नहीं करना चाहिए, इसके सेवन से अनेक तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
- बच्चों को भी इसका सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
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