क्या होता है प्रोसटेट कैंसर?-What is prostate cancer in hindi?
आज कल के इस तेज़ दौड़ते जीवन में कुछ रोग ऐसे पनप रहे हैं, जिन पर हमें क़ाबू पाना बहुत मुश्किल है। कैन्सर एक ऐसा ही रोग है।-Prostate cancer in hindi
प्रोसटेट कैंसर एक ऐसा प्रकार का कैंसर है जो की काफ़ी संजीदा होता है, क्योंकि यह प्रति वर्ष, काफ़ी पुरुषों को अपने चपेट में लेता है। कैंसर का यह प्रकार, ज़्यादातर मध्यम आयु के ऊपर के पुरुषों को प्रभावित करता है।
एक समाज जिसे हम अमेरिकन कैंसर सोसाइटी (ACS) के नाम से जानते हैं, उसने इस बात पर पहले से ही संख्या बतायी थी क़ी 2019 में, अमेरिका में, यह निकटकटम 174,650 पुरुषों पर यह असर डालेगा ।
कैंसर के इस प्रकार को जानने के लिए या बहुत ज़रूरी होगा की हम उससे निकलती सारी बातों को पहले समझें और फिर उस पर काम करें।।
आइए हम समझते हैं की प्रोस्टेट होता क्या है।
प्रोस्टेट एक छोटी सी ग्रंथी या गलांड होता है जो की इंसान के पेट के निचले हिस्से में होता है। यह ग्रंथी मूत्राशय और मूत्रा के मार्ग के आसपास स्थित होता है। जो प्रोस्टेट हार्मोन के निकलता है, उसका संचार टेस्टोसतेरोन द्वारा होता है। यहाँ प्रोस्टेट में एक बहुत ज़रूरी तरल पदार्थ का उत्पादन होता है, जिसे वीर्य कहा जता है।
प्रोस्टेट के सेल्स में जब असमान्य, जानलेवा वृद्धी होती है, तब वह प्रक्रिया ट्यूमर बन जाती है ।
यह ट्यूमर जब शरीर के अन्य भगों में घटक तरीक़े से बढ़ने लगता हाई, तभी इसे प्रोस्टेट कैंसर कहा जता है।
प्रोसटेट कैंसर के रोगियों की उम्र: Age of cancer patients
हमने आपको इस बारे मेन पहले भी बताया है, कि यह शुरुआती जोखिम की बड़ी वजह है। यह बीमारी पुरुषों को तब होती है जब, जब वो 60 से 69 वर्षों के होते हैं। यह भी शोध किया गया है कि हर चौदह लोगों में से एक बुज़ुर्ग को इसके होने के संकेत होते हैं।
प्रोसटेट कैंसर के लक्षण:Symptoms of prostate cancer in hindi
प्रोसटेट कैंसर में यह निमलिखित लक्षण पाए जाते हैं:
- अगर पेशाब करने में तकलीफ़ हो रहै है, तो वो सबसे बड़ा इशारा होता है। रात को सो जाने के बाद कई बार पेशाब आना और फिर उसकी वजह से उठ कर जाना भी एक लक्षण हो सकता है। पेशाब काइक बहाव का काम होजाना भी एक लक्षण हो सकता है। इसके साथ-साथ एक और ख़तरनाक लक्षण होता है पेशाब और मल के साथ ख़ून निकलना।
- अगर शरीर के किसी भी अंग पर किसी कहीं भी, त्वचा के ऊपर कोई परिवर्तन दिखता है, तो चिकित्सक को ज़रूर सूचित करना चाहिए। त्वचा में ऐसा ही कुछ नया इस प्रकार के कैंसर का कोई प्राथमिक लक्षण हो सकता है। दूसरी ओर, यदि शरीर का कोई भी भाग अगर काला या साँवला पढ़ने लगे, तो चिकित्सक से ज़रूर बात करनी चाहिए।
- बिना कुछ थकान वाला काम करे ही, यदि शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द हो, तो वो भी प्रॉस्टेट कैंसर का एक लक्षण हो सकता है। एक और बात का ध्यान देना चाहिए कि यदि पीठ में लगातार दर्द हो रहा हो और आप उसपर ध्यान नहीं दे रहे हैं, तो वो काफ़ी ख़तरनाक हो सकता है। ऐसा कुछ होने पर चिकित्सक का परामर्श ज़रूर लें।
- आपका अगर आपका वज़न लगातार घाट रहा है,तो वो भी इस प्रकार के कर्करोग का एक लक्षण हो सकता है। कई बार बिना किसी मतलब के शरीर का वज़न घटता चला जाता है। ये बहुत बड़ा लक्षण है किसी भी अनजान बीमारी का। और इन अंजान बीमारियों में से एक कैन्सर भी हो सकता है। इसके अलावा एक और इशारा यह हो सकता है, की अगर आपकी पाचन क्रिया ठीक तरीक़े से काम नहीं कर रही, तो आपको इस इशारे को अच्छे से समझना चाहिए। हो सकता है ये प्रास्ट्रेट कैन्सर की तरफ़ बढ़ता एक लक्षण हो।
प्रोस्टेट कैंसर का इलाज : Treatment for prostate cancer in hindi
सेहत और स्वस्थ्य सेवा में तकनीकी तौर पर प्रगति करने के कारण, यदि हम प्रोस्टेट कैंसर का शुरुआती चरण मेन इलाज करवा लें, तो रोगी क़रीब सौ फ़ीसद रोग–मुक्त हो जाएगा।
आपका डॉक्टर का हमेशा आपके उम्र, आपकी सेहत और आपके कैंसर के स्टेज, पर ही निर्भर करेगा आपका इलाज। वो किस स्टेज पर है, ये हमेशा निर्भय करता है की आपको किस इलाज की तरफ़ बढ़ाया जाए।
यदि कैंसर ग़ैर-सकारात्मक है, तो आपका चिकित्सक आपको पहले उनके देख-रेख में रहने की सलाह देते हैं, जिसे सक्रिय देख-रेख भी कहा जाता है।
इसका मतलब है कि आप इलाज में देरी करेंगे, लेकिन कैंसर की देख-रेख के लिए अपने चिकित्सक से नियमित जांच करवाएं।
अगर आपका कैंसर बहुत आक्रामक है और मेटास्टेसिस (हड्डियों में) हो गया है, तो आपकी हड्डियों में फैलने का आशंका है। मेटास्टेस के लिए, नीचे दिए गए इलाज का उपयोग एक दूसरे के साथ कंबाइंड ट्रीटमेंट के हिसाब से हो सकता है:
- शल्य चिकित्सा (Surgery)
- विकिरण (Radiation)
- क्रैयो थेरेपी (Cryotherapy)
- हार्मोन थेरेपी (Hormone Therapy)
- कीमो थेरपी (Chemotherapy)
- स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी (stereotactic radiosurgery)
- प्रतिरक्षा चिकित्सा (इम्मुनोथेरपी)
प्रोस्टेट कैंसर की विश्व में वर्तमान स्थिति: Current state of prostate cancer in the world
- एक संस्थान , जिसका नाम है यूरोलोजि केएर फूँदेशन, ये बताती है की अमेरिका में पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर के 696 नए केस होंगे, जो कैंसर से होने वाली मौतों का दूसरा सबसे अहम कारण है।
- इसका संक्रमण अब भरत में भी अच्छे से देखा जा सकता है।
- यहाँ भारत में साल 2019 में प्रोस्टेट कैंसर के क़रीब 25,696 नए केस दर्ज हुए हैं, जो कि पिछले कुछ वर्षों के मुक़ाबले में, बहुत ज़्यादा है और अभी भी बढ़ रहे हैं।
- यह भी मानना है क़ी यह संख्या २०२० तक बढ़ेगा और या संख्या बड़कर दोगुना हो जाएगी। फ़िलहाल इस बीमारी से करीब 17,184 मौतें होती हैं।
- जितनी तेज़ ,इस बीमारी को घटाने की कोशिश की जाती है, उतना ही तेज़ी ये बढ़ रहा है। इसके मरीज़ों की संख्या क़रीब 47,558 और बढ़ गयी है ।
- विश्वभर में यह चौथे नम्बर पर पाया जना वाला ट्यूमर है। जब यह बीमारी का पता चलता है तो मरीज़ को पता चल जाता है। उसका आत्मविश्वास कम हो जाता है और इस वजह से बीमार होने की अवस्था गिर जाती हाई।
- एक अच्छी बात यह है कि अब भी इस बीमारी में कोई क्षेत्रीय या जातीय फ़र्क़ नहीं दिखाई पड़ा है।
- इसी कारण है कि यदि आप चालीस वर्ष से बड़े पुरुष हैं, तो चेतावनी के लिए आपको इस बीमारी की जानकारी रखनी चाहिए। आपको कुछ-कुछ समय में एक चेक-उप भी करवाना चाहिए।
प्रोस्टेट कैंसर के प्रकार: Types of prostate cancer in hindi
- आमतौर पर प्रोस्टेट कैंसर के तेज़ी से फैलने ऊपर इसको दो अहम तरह में बाँटा जा सकता है:
- एग्रेसिव या आक्रामक: ये प्रकार काफ़ी तेजी से बढ़ता है।
- नॉन-एग्रेसिव: ये धीमी और सीमित तरीक़े से बढ़ता है
पर जैसे-जैसे वक़्त बीतने लगता है, प्रोस्टेट कैंसर के साथ यह होता है की या तो वो आक्रामक या अग्रेसिव प्रकार से बढ़ता है, या फिर एकदम झट से नहीं बढ़ पता है।
ग़ौर करने वाली बात यह है कि आक्रामक प्रोस्टेट कैंसर के साथ,ट्यूमर जल्दी बढ़ भी सकता है, और शरीर के बाक़ी के भाग और अंग में फैलता है। अब ये कैन्सर हड्डियों या बैकबोन में आसानी से फैलने लगता है, और इसका डर बढ़ता रहता है।
यदि यह हड्डियों मेन फैल जता है तो हमें एक और प्रकार का कैंसर, जिसे हम मेटास्टैटिक कैंसर के नाम से जनते हैं, वह भी हो सकता है।
मेटास्टैटिक कैंसर वह प्रकार का कैंसर है जो की शरीर के बाक़ी क्षेत्रों में आसानी से फैल जता है, जहाँ से इसकी शुरुआत हुई थी।
वैसे जब भी प्रोस्टेट कैंसर, एक प्रक्रिया जिसे हम ‘मेटास्टेसिस’ के नाम से जनते हैं, वो करता है, तो यह कई-बार हड्डियों में फैल जता है। अगर कैंसर आपकी बेकबोन या रीढ़ की हड्डी में फैलता है। अब आप उसको अच्छे से, अपने पैरों पर और यूरिनरी ब्लैडर में भी अनुभव कर सकते हैं।
प्रोस्टेट कैंसर के बारे में और जानकारी: More information
– प्रोस्टेट कैंसर होता है एक ग्रंथी में , जिसको प्रोस्टेट कहते हैं। यह एक छोटा सा, अखरोट के आकर का गलांड या ग्रंथी होता है, जहाँ वीर्य का उत्पादन होना और शुक्राणु को पोषण जुटाना होता है।
जब भी प्रोस्टेट ग्रंथि में पहले ट्यूमर और फिर कैंसर होता है, तो इसका बढ़ना धीमा हो सकता है। इसे फिर इलाज के मदद की आवश्यकता नहीं होती और फिर ये बड़ी गम्भीर रूप से बढ़ता है।
जब प्रोस्टेट गलांड में पहले ट्यूमर और फिर कैंसर होता है, तो इसका बढ़ना धीरे हो जाता है।इससे इसका बढ़ना एक ही सीमा में रह जाता है।
अब इसकी हालत इतनी ख़राब हो जाती है, कि इसे चिकित्सा की बेहद ज़रूरत नहीं होती, और ये बदक़िस्मती से, तेज़ी से बढ़ने लगता है। धीरे-धीरे ये आस-पास के अंगों में फैलने लगता है। यहाँ स्थिति ख़राब होने लगती है।
कैंसर के बारे में कुछ और महत्वपूर्ण जानकारिया
- Cancer:कैंसर क्या है?कैंसर के प्रकार,लक्षण,इलाज
- कीमोथेरेपी क्या है?उसके फायदे,नुकसान,ट्रीटमेंट,आहार..
- लिंफोमा के प्रकार,चरण,लक्षण,कारण तथा उपचार…
- बोन मेटास्टेसिस(मेटास्टैटिक कैंसर)सम्पूर्ण जानकरी
- मेंटल सेल लिंफोमा के कारण, लक्षण तथा उपाय
- न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर क्या है? इसके लक्षण, कारण तथा इलाज
- सिर और गर्दन का कैंसर इसके लक्षण, कारण और इलाज
- वृषण कैंसर के लक्षण, कारण और इलाज
- ओवेरियन कैंसर क्या होता है उसके लक्षण, कारण,इलाज
- गुर्दे का कैंसर के लक्षण, कारण और इलाज