मिर्गी रोग के घरेलू उपचार-Mirgi in hindi
मिर्गी के रोग से बचाव(Mirgi in hindi) के लिए निम्नलिखित सामग्री का इस्तेमाल करें: मिर्गी का दौरा क्या होता है?इसके कारण,उपचार और नुकसान
1. नारियल का तेल
सामग्री : नारियल का तेल (आवश्यकतानुसार)
कैसे ले :
- खाना पकाते समय रिफाइंड ऑयल की जगह नारियल तेल का उपयोग करें।
- आप सलाद में भी इसका उपयोग कर सकते हैं।
कितनी बार:आप इसे नियमित रूप से उपयोग में ला सकते हैं।
कैसे है उपयोगी :
फ़ैटी ऐसिड के साथ नारियल के तेल में ऐंटाई-ऑक्सिडंट तत्व भी होते हैं। इन्हीं तत्वों और गुणों की वजह से मिर्गी के दौरे और उसकी दूसरी समस्याओं को कम करने में में मदद मिलती है।
2. सीबीडी ऑयल
सामग्री :10 ग्राम सीबीडी (Cannabidiol) ऑयल
कैसे ले :
- 10 ग्राम सीबीडी ऑयल को ड्रॉपर की सहायता से जिभा के नीचे रखें और एक मिनट तक मुंह में रोकने के बाद इसे निगल लें।
- परंतु एक और बात का ख़याल रहे, कि इसे लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
कितनी बार:इसका दिन में एक बार उपयोग किया जा सकता है।
कैसे है यह फ़ायदेमंद:शोध कहते हैं कि सबीडी ओईल से एंटी-एपिलेप्टिक असर पढ़ते हैं, जो मस्तिष्क की चोट को दूर कर, मिर्गी की समस्या को ठीक करने में मदद करता है।
3. तुलसी
- तुलसी वैसे कई बीमारियों के इलाज का काम सदा करती है। तुलसी में बहुत मात्रा में ऐंटाई-ऑक्सिडंट होते हैं जो कि दिमाग़ के लिए बहुत लाभदायक होते हैं। यह मस्तिष्क के फ़्री रडिकल को ठीक करते हैं।
- प्रतिदिन तुलसी के क़रीब बीस पत्ते चबाके खाने से रोग की गम्भीरता गिरने लगती है। एक और इलाज है की तुलसी के पत्तों को पीसकर शरीर पर मला जाता है। इससे मिर्गी के रोग में गिरावट देखा जा चुका है।
- तुलसी के पत्तों का एक और इलाज होता है- पत्तों के रस को पीसकर उसमें ज़रा सा सेंधा नामक मिलाकर, एक-एक बूँद नाक में टकराया जाता है।
- तुलसी के पत्तों की साथ यदि कपूर सूँघने से मिर्गी के रोगियों को होश आजाता है।
4. प्रोटीन वाला भोजन
- जैसा कि हमने पहले बताया है, कि मिर्गी के रोगी को कम कार्बोहाइड्रेट वाला और ज़्यादा फ़ैट वाला डाइयट खाना चाहिए। मिर्गी के मरीज़ों को प्रोटीन और विटामिन वाला भोजन खिलाना चाहिए।
- प्रातः काल में, मिर्गी के मरीज़ को गुनगुने पानी में त्रिफला चूर्ण को मिलाकर पीना चाहिए। इसके अलावा, सोयाबीन को दूध के साथ खाना चाहिए। इसका सेवन करने के बाद, हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ खाना चाहिए। मिर्गी के रोगियों के लिए बकरी का दूध काफ़ी लाभदायक होता है।
- मरीज़ को, प्रतिदिन सुबह भोजन खाने के दो घंटे बाद, दो कप दूध में, एक चौथायी कप मेहँदी के पत्तों का रस मिलाकर पीना चाहिए। यह एक हफ़्ता लगातार करने से मिर्गी के रोग के लिए लाभदायक होता है।
5. रस का सेवन
- कुछ फल जैसे की शहतूत और अंगूर का रस मिर्गी के रोगियों के लिए बहुत लाभदायक होते हैं।
- प्रतिदिन सुबह खली पेट क़रीब आधा किलो शहतूत और आधा किलो अंगूर लें और उनका रस निकालें और सेवन करें।
- नींबू के रस संग गोरखमुंडि को खाने से भी मिर्गी के दौरे समाप्त हो जाते हैं।
- सुबह के वक़्त हाई, प्याज के रस के साथ, थोड़ा सा पानी मिलाकर पीने से मिर्गी के दौरे बन्द हो जाते हैं।
6. पेठा या कद्दू
- मिर्गी का सबसे कारगर घरेलू इलाज होता है – पेठा या कद्दू।
- इससे मस्तिष्क के नाडी-रसायन अपने आप संतुलित हो जाते हैं। यह काम इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व करते हैं। मिर्गी के दौरों और दूसरी समस्याओं के यह अच्छे इलाज माने जाते हैं।
- पर इसका जूस प्रतिदिन पीना काफ़ी फ़ायदेमंद होता है। यदि यह जूस बहुत स्वादिष्ट नहीं लगता, तो इसमें चीनी भी मिलाकर पिया जा सकता है।
7.विटामिन
जब मिर्गी की समस्या हो तो निम्न विटामिन मस्तिष्क और शरीर के लिए लाभदायक होते हैं
- विटामिन बी-6
- विटामिन ई, फोलिक एसिड (विटामिन बी-9)
- विटामिन डी
- विटामिन के
- बायोटिन (विटामिन बी-7)
मिर्गी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए:What to eat in epilepsy-What not to eat in epilepsy-Mirgi in hindi
- इस बीमारी में चिकित्सक सदा कम कार्बोहाइड्रेट और ज़्यादा वसावाला खाने की परामर्श देते हैं।
- विशेषज्ञ और शोध इस समय ऐट्किंज़ और केटोजेनिक लेने को कहते हैं। उससे काफ़ी सहायता मिलती है।
आप यह आहार ज़रूर खाएँ:
- इसमें आप ले सकते हैं कम कार्बोहाइड्रेट, अधिक वसा और प्रोटीन वाले कुछ खाद्य पदार्थ। वह पदार्थ निम्न हैं,
- बीफ
- चीज़
- ब्रोकली
- दूध
- बादाम
- ऑलिव ऑयल
- सीसम (Sesame oil) ऑयल
आहार जिनसे रहें दूर:
मिर्गी की समस्या में अहम रूप से हाई ग्लाइसेमिक प्रभाव दिखाने वाले आहार
(जैसे:- पिज्जा, सॉफ्ट ड्रिंक्स, चावल, पास्ता और चिप्स) से दूर रहने की सलाह दी जाती है ।
वहीं, कुछ सब्जियां और फल भी हैं, जो हाई ग्लाइसेमिक प्रभाव दिखाते हैं,
जैसे :- आम, केला, किशमिश, खजूर और मसला हुआ आलू।
आपको इन सभी से दूर रहने की सलाह दी जाती है ।
- वैसे मिर्गी का आयुर्वेदिक इलाज करने में ‘गिंको बिलोबा’ को हर्बल औषधि के रूप में उपयोग किए जाने का जिक्र मिलता है, लेकिन कुछ मामलों में यह मिर्गी के दौरों को बढ़ाने का भी कारण साबित हुई है। इसी वजह से मिर्गी की समस्या में गिंको बिलोबा को न लेने की सलाह दी जाती है ।
- वहीं, मिर्गी की समस्या में अल्कोहल का सेवन हानिकारक साबित हो सकता है, इस कारण मिर्गी में इसे न लेने की सलाह दी जाती है ।
लेख के अगले भाग में हम मिर्गी से बचाव के कुछ उपायों को जानने की कोशिश करेंगे।
मिर्गी का दौरा क्या होता है?इसके कारण,उपचार और नुकसान
मिर्गी रोग का आयुर्वेदिक उपचार:Ayurvedic treatment of epilepsy-Mirgi in hindi
- रोगी को योग में प्राणायाम और मेधावटी की दवाई का सेवन करना होता है।
- पीपल के पेड़ की या बड़ के पेड़ की दाड़ी को उबालकर पिलाना भी लाभदायक होता है।
- मेधाक्वात दवाई का भी एक-एक चम्मच सेवन कराना काफ़ी लाभदायक होता है। उसका काढ़ा बनाकर पीना भी अद्भुत होता है।
- जिनको एपलेप्सी के बहुत दौरे पढ़ते हैं, उनको सारसवता रिष्ट भी पिलाया जाता है।
- तीन से पाँच बादाम पींस्कर भीगा देते हैं और सुबह खिला देते हैं।
- अखरोट को भी रात को भिगाकर सुबह खिला दिया जाता है।-Mirgi in hindi